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कलेक्टर की नई पहल, दस बच्चों को शिक्षित बनाओ-शस्त्र का लाइसेंस पाओ - Collector’s new initiative

कलेक्टर अनुराग चौधरी ने एक अनोखा प्रयोग शुरू किया है, जिसके तहत जो व्यक्ति शिक्षा से वंचित दस बच्चों को शिक्षित बनाएगा, उसे ही शस्त्र लाइसेंस में वरीयता दी जाएगी.

कलेक्टर की नई पहल
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Published : Oct 15, 2019, 8:20 PM IST

Updated : Oct 16, 2019, 2:07 PM IST

ग्वालियर। शिक्षा के स्तर को सुधारने के मकसद से कलेक्टर अनुराग चौधरी ने एक नया प्रयोग शुरू किया है, जिसके तहत जो व्यक्ति शिक्षा से वंचित दस बच्चों को शिक्षित बनाने में मदद करता है, उसे ही बंदूक का लाइसेंस दिया जाएगा. प्रशासन को उम्मीद है कि इस नई कवायद से शिक्षा से वंचित बच्चे स्कूल पहुंच पाएंगे. हालांकि, पहले भी बंदूक के लाइसेंस के लिए 10 पेड़ लगाना अनिवार्य किया गया था, लेकिन निगरानी के अभाव में ये योजना दम तोड़ चुकी है.

कलेक्टर की नई पहल

कलेक्टर ने कहा कि ग्वालियर-चंबल अंचल के लोग सुरक्षा नहीं, बल्कि शौक के लिए हथियार रखते हैं. यही वजह है कि लगातार यहां बंदूक के लाइसेंस की संख्या दिन-ब-दिन बढ़ती जा रही है. इसी के चलते ये आदेश दिया गया है. जिसके तहत जो लोग शिक्षा से वंचित बच्चों को पढ़ाएंगे, उन्हें ही लाइसेंस में वरीयता दी जाएगी.

समाजसेवी सुधीर सप्रा का कहना है कि प्रशासन की ऐसी योजनाएं चालू होने के बाद दम तोड़ देती हैं क्योंकि उसके बाद इन योजनाओं पर कोई ध्यान नहीं दिया जाता. ऐसी ही योजना कलेक्टर अनुराग चौधरी शुरु कर रहे हैं, लेकिन सबसे बड़ा सवाल ये है कि किसी भी व्यक्ति को बंदूक का लाइसेंस मिलने के बाद वह बच्चों की देखभाल करेगा या नहीं, इसकी देखभाल कौन करेगा.

ग्वालियर। शिक्षा के स्तर को सुधारने के मकसद से कलेक्टर अनुराग चौधरी ने एक नया प्रयोग शुरू किया है, जिसके तहत जो व्यक्ति शिक्षा से वंचित दस बच्चों को शिक्षित बनाने में मदद करता है, उसे ही बंदूक का लाइसेंस दिया जाएगा. प्रशासन को उम्मीद है कि इस नई कवायद से शिक्षा से वंचित बच्चे स्कूल पहुंच पाएंगे. हालांकि, पहले भी बंदूक के लाइसेंस के लिए 10 पेड़ लगाना अनिवार्य किया गया था, लेकिन निगरानी के अभाव में ये योजना दम तोड़ चुकी है.

कलेक्टर की नई पहल

कलेक्टर ने कहा कि ग्वालियर-चंबल अंचल के लोग सुरक्षा नहीं, बल्कि शौक के लिए हथियार रखते हैं. यही वजह है कि लगातार यहां बंदूक के लाइसेंस की संख्या दिन-ब-दिन बढ़ती जा रही है. इसी के चलते ये आदेश दिया गया है. जिसके तहत जो लोग शिक्षा से वंचित बच्चों को पढ़ाएंगे, उन्हें ही लाइसेंस में वरीयता दी जाएगी.

समाजसेवी सुधीर सप्रा का कहना है कि प्रशासन की ऐसी योजनाएं चालू होने के बाद दम तोड़ देती हैं क्योंकि उसके बाद इन योजनाओं पर कोई ध्यान नहीं दिया जाता. ऐसी ही योजना कलेक्टर अनुराग चौधरी शुरु कर रहे हैं, लेकिन सबसे बड़ा सवाल ये है कि किसी भी व्यक्ति को बंदूक का लाइसेंस मिलने के बाद वह बच्चों की देखभाल करेगा या नहीं, इसकी देखभाल कौन करेगा.

Intro:ग्वालियर - शिक्षा के स्तर को बढ़ावा देने के मकसद से कलेक्टर अनुराग चौधरी एक अनोखा प्रयोग शुरू कर रही है जिसके तहत शिक्षा से वंचित 10 बच्चों को अगर कोई भी व्यक्ति शिक्षा देने या दिलवाने में मदद करता है तो उसे बंदूक का लाइसेंस दिया जाएगा। प्रशासन को उम्मीद है कि नई कवायद से बच्चे स्कूल पहुंचेंगे। जिससे शिक्षा स्तर में भी सुधार होगा।हालांकि इससे पहले बंदूक के लाइसेंस के लिए 10 पेड़ लगाना प्रशासन ने अनिवार्य किया था लेकिन निगरानी के अभाव में यह योजना दम तोड़ गई थी।


Body:वैसे तो ग्वालियर चंबल अंचल के लोग अपने शौक के लिए हथियार रखते हैं। और यहां के लोगों के लिए हथियार रखना एक स्टेटस सिंबल बना हुआ है। यही वजह है कि लगातार यहां बंदूक के लाइसेंस की संख्या दिन-ब-दिन बढ़ती जा रही है। इसी के चलते ग्वालियर कलेक्टर ने अंचल में स्कूली शिक्षा को बढ़ाने के लिए आदेश जारी किया है कि जो लोग स्कूल से वंचित या स्कूल छोड़ चुके 10 बच्चों का दाखिला कर आएंगे। उनको हथियार लाइसेंस दिया जाएगा ।अगर कोई भी व्यक्ति स्कूल छोड़ चुके 10 बच्चों को पढ़ाता है या फिर उनको स्कूल तक पहुंचाता है। उसे बंदूक का लाइसेंस दिया जाएगा।


Conclusion:वही इस बारे में समाजसेवी सुधीर सप्रा का कहना है प्रशासन की ऐसी योजनाये चालू होने के बाद दम तोड़ देती है क्योंकि उसके बाद इन योजनाओं पर कोई ध्यान नहीं दिया जाता। ऐसी ही यही योजना कलेक्टर अनुराग चौधरी के द्वारा शुरुआत की जा रही है। लेकिन सबसे बड़ा सवाल यह है की किसी भी व्यक्ति को बंदूक का लाइसेंस मिलने के बाद भर्ती कराए गए। बच्चों की मॉनिटरिंग करेगा या नहीं। बाईट - अनुराग चोधरी , कलेक्टर बाईट - सुधीर सप्रा , समाजसेवी
Last Updated : Oct 16, 2019, 2:07 PM IST
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