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दान में नहीं दी जमीन, समाज ने किया बहिष्कार, वापसी के लिए रखी गौमूत्र पीने, सिर पर जूता रखने की शर्त - गुना अपडेट न्यूज

गुना में एक परिवार को समाज से निकाल दिया गया क्योंकि उसने अपनी पूरी जमीन मंदिर के लिए नहीं दी. पीड़ित परिवार के समाजजनों ने पंचायत बिठाई और एक साथ परिवार का बहिष्कार (Family Boycotted) कर दिया. पीड़ित की शिकायत पर कलेक्टर ने मामले को सुलझा दिया है.

Family Boycotted
परिवार का बहिष्कार
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Published : Nov 18, 2021, 6:42 PM IST

Updated : Nov 18, 2021, 10:01 PM IST

गुना (Guna)। मंदिर के लिए जमीन नहीं देने पर पंचायत के फैसले के बाद समाज ने एक परिवार को बहिष्कृत (Family Boycotted) कर दिया. पीडित परिवार ने जिला कलेक्टर कार्यालय में मदद की गुहार लगाई है. दरअसल गुना में एक परिवार ने मंदिर के लिए जमीन नहीं दी, तो पंचायत ने उसका बहिष्कार करने का फैसला सुनाया. पंचायत के फैसले के बाद समाज के सभी लोगों ने परिवार में होने वाले कार्यक्रमों में जाना बंद कर दिया. पीड़ित परिवार ने इस संबंध में जनसुनवाई में शिकायत की. इसके बाद कलेक्टर ने मामले को सुलझा दिया है.

परिवार का बहिष्कार

समाज में लौटने के लिए सिर पर जूता रखने की सजा

पंचायत के फरमान के अनुसार, परिवार को समाज में लौटना है तो जूता सिर पर रखना होगा. पगड़ी पैरों में रखनी होगी. गोमूत्र पीना होगा. साथ ही पुरुषों को दाढ़ी कटवानी होगी. शहर के शिवाजीनगर में रहने वाले पीड़ित परिवार ने मंगलवार को जनसुनवाई के दौरान कलेक्टर फ्रैंक नोबल से शिकायत की तो मामला सामने आया. इसके बाद कलेक्टर के निर्देश पर एसडीएम ने मामले को सुलझा दिया है.

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दान में पूरी जमीन मांग रहा समाज

शिकायत करने वाले हीरालाल घोषी का आरोप है कि उनके परिवार ने 3 बिसबा (4000 वर्गफीट) जमीन मंदिर के लिए दान दी है. अब ग्वाल समाज की पंचायत (Panchayat of Gwal Samaj) दबाव बना रही है कि पूरी जमीन मंदिर के लिए दी जाए. इस जमीन पर हीरालाल और उसके भाई का घर बना हुआ है. हीरालाल का कहना है कि अब समाज के लोग पूरी जमीन मांग रहे हैं. इसके लिए उन पर निरंतर दबाव बनाया जा रहा था.

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शादी और अंतिम संस्कार में भी नहीं आया समाज

हीरालाल का कहना है कि ग्वाल समाज ने पंचायत बुलाकर उनके परिवार का बहिष्कार कर दिया. उन्हें समाज के किसी कार्यक्रम में भाग नहीं लेने दिया जा रहा. पंचायत में पंचनामा बनाकर बहिष्कार किया गया. पहले मोहलत दी थी और उसके बाद समाज ने सभी संबंध खत्म कर दिए. मई में कोरोना की वजह से भाई की मौत हुई. अंतिम संस्कार में समाज का कोई व्यक्ति नहीं आया. घर में शादी थी, उसमें भी समाज के लोगों ने दूरी बनाई.

कल जनसुनवाई में एक व्यक्ति आए थे. जिन्होंने शिकायत की थी कि उनके समाज ने उनका बहिष्कार किया है. इस मामले में मैंने तहसीलदार और एसडीएम को निर्देशित किया था. तसीलदार ने दोनों पक्षों के साथ बैठकर बातचीत की. बातचीत में दोनों पक्षों के बीच राजीनामा हो गया है.

गुना (Guna)। मंदिर के लिए जमीन नहीं देने पर पंचायत के फैसले के बाद समाज ने एक परिवार को बहिष्कृत (Family Boycotted) कर दिया. पीडित परिवार ने जिला कलेक्टर कार्यालय में मदद की गुहार लगाई है. दरअसल गुना में एक परिवार ने मंदिर के लिए जमीन नहीं दी, तो पंचायत ने उसका बहिष्कार करने का फैसला सुनाया. पंचायत के फैसले के बाद समाज के सभी लोगों ने परिवार में होने वाले कार्यक्रमों में जाना बंद कर दिया. पीड़ित परिवार ने इस संबंध में जनसुनवाई में शिकायत की. इसके बाद कलेक्टर ने मामले को सुलझा दिया है.

परिवार का बहिष्कार

समाज में लौटने के लिए सिर पर जूता रखने की सजा

पंचायत के फरमान के अनुसार, परिवार को समाज में लौटना है तो जूता सिर पर रखना होगा. पगड़ी पैरों में रखनी होगी. गोमूत्र पीना होगा. साथ ही पुरुषों को दाढ़ी कटवानी होगी. शहर के शिवाजीनगर में रहने वाले पीड़ित परिवार ने मंगलवार को जनसुनवाई के दौरान कलेक्टर फ्रैंक नोबल से शिकायत की तो मामला सामने आया. इसके बाद कलेक्टर के निर्देश पर एसडीएम ने मामले को सुलझा दिया है.

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दान में पूरी जमीन मांग रहा समाज

शिकायत करने वाले हीरालाल घोषी का आरोप है कि उनके परिवार ने 3 बिसबा (4000 वर्गफीट) जमीन मंदिर के लिए दान दी है. अब ग्वाल समाज की पंचायत (Panchayat of Gwal Samaj) दबाव बना रही है कि पूरी जमीन मंदिर के लिए दी जाए. इस जमीन पर हीरालाल और उसके भाई का घर बना हुआ है. हीरालाल का कहना है कि अब समाज के लोग पूरी जमीन मांग रहे हैं. इसके लिए उन पर निरंतर दबाव बनाया जा रहा था.

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शादी और अंतिम संस्कार में भी नहीं आया समाज

हीरालाल का कहना है कि ग्वाल समाज ने पंचायत बुलाकर उनके परिवार का बहिष्कार कर दिया. उन्हें समाज के किसी कार्यक्रम में भाग नहीं लेने दिया जा रहा. पंचायत में पंचनामा बनाकर बहिष्कार किया गया. पहले मोहलत दी थी और उसके बाद समाज ने सभी संबंध खत्म कर दिए. मई में कोरोना की वजह से भाई की मौत हुई. अंतिम संस्कार में समाज का कोई व्यक्ति नहीं आया. घर में शादी थी, उसमें भी समाज के लोगों ने दूरी बनाई.

कल जनसुनवाई में एक व्यक्ति आए थे. जिन्होंने शिकायत की थी कि उनके समाज ने उनका बहिष्कार किया है. इस मामले में मैंने तहसीलदार और एसडीएम को निर्देशित किया था. तसीलदार ने दोनों पक्षों के साथ बैठकर बातचीत की. बातचीत में दोनों पक्षों के बीच राजीनामा हो गया है.

Last Updated : Nov 18, 2021, 10:01 PM IST
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