गुना। मध्य प्रदेश के पूर्व मंत्री जयवर्धन सिंह अपने पारिवारिक गढ़ गुना जिले के राघौगढ़ से चुनाव लड़ रहे हैं. उन्होंने गुरुवार को अपने छह वर्षीय बेटे सहस्रराज्य सिंह और पिता दो बार के पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह के साथ अपना नामांकन दाखिल किया. बता दें कि मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव 17 नवंबर को होना है और वोटों की गिनती 3 दिसंबर को होगी.
भारी भरकम काफिले के साथ पहुंचे नामांकन केंद्र: वे वाहनों के बड़े काफिले के साथ नामांकन केंद्र तक पहुंचे. रास्ते भर लोगों ने राघौगढ़ के राजपरिवार का जोरदार स्वागत किया. जिला मजिस्ट्रेट के कार्यालय की ओर बढ़ते समय समर्थकों को राजपरिवार की एक झलक पाने के लिए दौड़ते देखा गया.
पुत्र सहस्रराज्य भी हाथ में पर्चा लिए नजर आए: जब जयवर्धन ने अपना नामांकन पत्र मजिस्ट्रेट को सौंपा तो उनके बेटे सहस्रराज्य सिंह भी पर्चा हाथ में लिए नजर आए. दिलचस्प बात यह है कि सहस्रराज्य ने पहले ही सार्वजनिक समारोहों में भाग लेना और भाषण देना शुरू कर दिया है. हाल ही में उन्होंने केवट जयंती के मौके पर अपने सार्वजनिक भाषण से अपने दादा दिग्विजय सिंह को भी चौंका दिया था. दिग्विजय सिंह ने अपने सोशल मीडिया हैंडल पर अपने पोते का वीडियो इस संदेश के साथ पोस्ट किया था : "ऐसा लगता है कि मेरा पोता सहस्रराज्य अपने पिता और दादा से आगे निकल गया है!! हमने इस उम्र में भाषण देने के बारे में कभी सोचा भी नहीं था."
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राघौगढ़ सीट से सिंह परिवार का पुराना नाता: बलभद्र सिंह, जो तत्कालीन राघौगढ़ रियासत के 12वें शासक थे, 1952 में मध्य प्रदेश विधानसभा के सदस्य चुने गए थे. उनके बेटे दिग्विजय सिंह ने भी अपनी पैतृक सीट से कई चुनाव जीता और अब उनके बेटे जयवर्धन सिंह 2013 से इस निर्वाचन क्षेत्र का प्रतिनिधित्व कर रहे हैं. साल 2018 में जयवर्धन ने भाजपा के भूपेंद्र सिंह रघुवंशी को 46,697 वोटों के अंतर से हराया था. वह कमलनाथ के नेतृत्व वाली कांग्रेस सरकार में शहरी विकास और आवास मंत्री थे, जिसे भाजपा ने ज्योतिरादित्य सिंधिया की मदद से 15 महीने के भीतर गिरा दिया था.