गुना। राज्य सरकार के एक्टिव होने और दागी अफसरों के खिलाफ जीरो टॉलरेंस नीति अपनाने के साथ ही, अब कार्रवाई शुरु हो गई है. शहर के सबसे चर्चित हाईप्रोफाइल आत्माराम पारदी हत्याकांड के आरोपी सब इंस्पेक्टर रामवीर सिंह कुशवाहा को नौकरी से निकाल दिया गया है. हत्याकांड में नाम उजागर होने के बाद से पिछले 8 महीने से वह फरार चल रहा है. उसके ऊपर कई मामले दर्ज हैं. उसके खिलाफ 20 हजार का इनाम भी जारी किया गया है. इसके अलावा ग्वालियर हाईकोर्ट खंडपीठ ने भी इस मामले में सख्त आदेश जारी किए हैं. इधर, सीआईडी ने आरोपी की संपत्ति को कुर्क कर लिया है.
बर्खास्त करने की प्रक्रिया पूरी: पूरे मामले में डीआईजी उज्जैन अनिल सिंह कुशवाह ने आदेश जारी किया है. उन्होंने आदेश क्रमांक/उमनि/उज्जैन/पीए/विजा/(08-22)/156- J/23 जारी किया है. इसमें एसआई रामवीर सिंह (पिता सुखवीर सिंह) को गुना के थाना धरनावादा के अपराध क्रमांक 65/17 (धारा 307, 365, 3(2)(5)(SC/ST) एक्ट) में उप पुलिस अधीक्षक, अपराध अनुसंधान विभाग के ग्वालियर जोन ऑफिस में 12 दिसंबर 2022 को उपस्थित होने निर्देश जारी किए गए थे, लेकिन वह उपस्थित नहीं हुआ. इसी के तहत स्वेच्छाचारितापूर्ण अचारण, बिना किसी सूचना के अनुपस्थित रहने के आरोप रामवीर पर सिद्ध हुए हैं. इन सभी आधार पर शासकीय सेवा से उसे बर्खास्त कर दिया गया है. आदेश 8 अगस्त को जारी किया गया था.
CM ने दिए हैं दागी अफसरों पर कार्रवाई के निर्देश: इधर, खुद CM शिवराज सिंह चौहान ने कई विभाग के दागी अफसरों पर कार्रवाई के निर्देश दिए हैं. पुलिस प्रशासन में गंभीर आरोपों के चलते एसआई रामवीर सिंह का नाम हिटलिस्ट में शामिल है. पुलिस मुख्यालय ने एसआई के खिलाफ सभी मामलों की जांच की जिम्मेदारी एडीजी सीआईडी जीपी सिंह को सौंपी थी. इस आधार पर सीआईडी ने एसआई रामवीर के अपराधों को जांच की है. इस जांच में उसके खिलाफ सभी आरोप सभी पाए गए हैं.
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1997 में बतौर आरक्षक हुई थी पोस्टिंग
- शिवपुरी के रन्नौद कस्बे के रहने वाले एसआई रामवीर सिंह फरार होने के पहले तक गुना के सोनी कॉलोनी में रहता था. साल 1997 में वो पुलिस विभाग में आरक्षक पद पर भर्ती हुआ था. ऑउट टर्न प्रमोशन से उसकी पोस्टिंग बतौर एसआई के पद पर हुई थी. साल 2019 में एक स्टिंग ऑपरेशन के बाद हाई प्रोफाइल आत्माराम हत्याकांड केस की फाइल खोली गई थी.
- इसी दौरान स्टिंग ऑपरेशन के गवाह नीरज जोशी ने शिकायतों से तंग आकर सर्विस राइफल से हवाई फायरिंग कर दी थी. तब उसे भी बर्खास्त कर दिया गया था. उस पर जिन अपराधों के तहत मामला दर्ज किया गया था, उस पर सवाल उठते रहे हैं. साल 2017 से 2023 के बीच एसआई रामवीर पर थाना धरनावदा में तीन, कोतवाली गुना में दो और थाना कैंट में एक केस दर्ज हुआ है. उसके खिलाफ दो पत्नियां रखने के आरोप और आय से अधिक संपत्ति होने के मामले में भी विभागीय जांच चल रही है.
- रामवीर ने एसआई की नौकरी माफिया अंदाज में की थी. उसके साथ हमेशा हथियारों से लैस प्राइवेट आदमी रहा करते थे. रसूख बढ़ने के साथ ही साथ रामवीर के अपराधिक रिकॉर्ड में भी इज़ाफा होता रहा. इनमें उसके प्राइवेट साथी भी नामजद हुए. रामवीर के कथित राइट हैंड इनामी बदमाश रघु रोकड़ा ने विजयपुर थाने की पुलिस के साथ झुमझटकी भी की थी. इसके भी वीडियो वायरल हुए थे. रघु पर 30 हजार रुपए का इनाम घोषित है. तब से वो भी फरार चल रहा है.
गुना पुलिस पर उठ रहे सवाल?: इधर, सवाल गुना पुलिस पर भी उठते रहे हैं. हत्या के मामले में रामवीर के फरार घोषित होने के बाद मार्च महीने में स्पेशल कोर्ट ने उसकी संपत्ति कुर्क करने के आदेश गुना और शिवपुरी कलेक्टर को दिए थे. लेकिन अबतक किसी भी तरह की कार्रवाई उसके खिलाफ नहीं हुई. साथ ही लाइसेंसी हथियार निरस्त किए जाने के आदेश को भी गुना पुलिस अमल नहीं करवा सकी है. सीआईडी भी इस मामले में कई बार दरोगा को पकड़ने के लिए छापेमारी कर चुकी है.