गुना। मध्य प्रदेश के गुना जिले में बड़ा चमत्कार हुआ है. आरोन तहसील के कोलुआ गांव में जमीन से भगवान विष्णु की अतिप्राचीन मूर्ति प्रकट हुई है. भगवान विष्णु की मूर्ति वेंकटेश्वर के रूप में है. आरोन तहसील के कोलुआ गांव में मूर्ति प्रकट होने की खबर जैसी ही गांव में फैली वैसे ही लोग दर्शन के लिए खेत की तरफ दौड़े. मूर्ति 2000 साल पुरानी बताई जा रही है.
जुताई के दौरान मिली मूर्ति: जिस खेत में भगवान विष्णु की दुर्लभ मूर्ति मिली उस खेत के मालिक जसरथ सिंह ने बताया कि ''जब वो ट्रैक्टर से जुताई कर रहे थे उसी वक्त मूर्ति ट्रैक्टर के पहिए में फंस गई. अचानक तेज आवाज आने से ट्रैक्टर बंद किया और नीचे उतरकर देखा तो बड़ी चट्टान जैसी चीज देखने को मिली. मिट्टी को हटाकर देखा तो अतिप्राचीन पत्थर की मूर्ति प्रकट हुई. मूर्ति को पानी से साफ किया तो भगवान विष्णु के वेंकटेश्वर अवतार का साक्षात्कार हुआ.
हजारों वर्ष पुराना मूर्ति का इतिहास: भगवान विष्णु की दुर्लभ मूर्ति लगभग 2 हजार वर्ष पुरानी बताई जा रही है. मूर्ति का आकार लगभग 3 फीट है. भगवान विष्णु वेंकटेश्वर के रूप में हाथ में सुदर्शन चक्र, पांचजन्य शंख और पद्म कमल धारण किये हुए हैं. मूर्ति के चारों ओर देवी देवता विराजमान हैं. मूर्ति के बारे में जब ग्रामीणों को पता चला तो भीड़ उमड़ पड़ी.
कांग्रेसी नेता जयवर्द्धन सिंह भी पहुंचे मूर्ति देखने: कांग्रेसी नेता जयवर्द्धन सिंह भी मूर्ति को देखने कोलुआ गांव पहुंच गए. मूर्ति देखकर जयवर्द्धन सिंह सवाल करने लगे कि आखिरकार प्राचीन होते हुए भी मूर्ति इतनी चमकदार कैसे है. राघोगढ़ विधानसभा क्षेत्र के कोलुआ गांव में मूर्ति मिली है. भगवान विष्णु की मूर्ति को देखने के लिए लोगों का हुजूम गांव पहुंच रहा है. जिस खेत से मूर्ति प्रकट हुई है उसी स्थान पर कच्ची झोपड़ी बनाकर मूर्ति की पूजा अर्चना की जा रही है.
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पुरातत्व विभाग को दी गई सूचना: पुरातत्व से जुड़े रिटायर्ड प्रोफेसर सतीश चतुर्वेदी बताते हैं कि ''मूर्ति सामान्य पत्थर की नहीं है बल्कि काले पत्थर से निर्मित है, जो प्रचीन इतिहास को दर्शाती है. मूर्ति की नक्काशी बेहद खूबसूरत है. ऐसी प्रतिमाएं ज्यादातर प्राचीन किलों में देखी जाती हैं. ये अपने आप में दुर्लभ प्रतिमा है जिसे संरक्षित करना चाहिए. भगवान विष्णु की मूर्ति लोगों में कौतूहल का विषय बन गई है. कलेक्टर ने भी इसकी सूचना पुरातत्व विभाग को दी है.