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मिडिल स्कूल में एक भी शिक्षक पदस्थ नहीं, कलेक्टर की जनसुनवाई में धरने पर बैठे छात्र

आतरसूना के मिडिल स्कूल में एक भी टीचर पदस्थ नहीं है, जिसे लेकर नाराज छात्र कलेक्टर की जनसुनवाई में पहुंचे और धरने पर बैठे. कलेक्टर ने उनकी समस्याओं के समाधान के लिए डीईओ को निर्देशित किया है.

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Published : Aug 21, 2019, 2:59 PM IST

टीचर्स की स्कूल में ना होने से परेशान छात्र

गुना। एक तरफ तो स्कूल चलें अभियान के तहत गांव-गांव तक शिक्षा पहुंचाने का दावा किया जा रहा है, तो वहीं जमीनी हकीकत इससे बिल्कुल अलग है. गुना जिले के गांव आतरसूना के माध्यमिक स्कूल में एक भी टीचर पदस्थ नहीं है. इसे लेकर बच्चे कलेक्टर की जनसुनवाई में पहुंचे और धरने पर बैठ गए.

बता दें कि आतरसूना के प्राइमरी स्कूल में एक शिक्षक को अटैच किया गया है, लेकिन बच्चों का कहना है कि वो सिर्फ कागजी कार्रवाई करके चला जाता है. छात्रों का कहना है कि मीडिल स्कूल में तो पढ़ाने के लिए कोई शिक्षक ही नहीं है. छात्रों ने कहा कि उनके परिजनों ने इसकी शिकायत बमोरी के बीआरसी से भी की, लेकिन उनकी सुनवाई आज तक नहीं हुई. बच्चों ने कहा कि 15 अगस्त के दिन वे स्कूल में शिक्षक का इंतजार करते रहे, लेकिन कोई नहीं पहुंचा, जिसके बाद उन्होंने ही ध्वजारोहण कर लिया.

शिक्षक नहीं होने से नाराज छात्र धरने पर बैठे

इधर मामले की सूचना मिलते ही जिला शिक्षा अधिकारी ने पहुंचकर बच्चों की परेशानी सुनी. बच्चों ने कहा कि टीचर्स के ना होने के कारण वो पढ़ाई नहीं कर पा रहे हैं, जिससे उनका भविष्य दांव पर लग गया है. डीईओ ने बच्चों से फीडबैक लेकर उनकी समस्याओं के समाधान का भरोसा दिलाया. 15 अगस्त के दिन भी शिक्षकों के स्कूल नहीं पहुंचने के मामले में डीईओ ने जांच करने की बात कही है.
इधर कलेक्टर ने पढाई प्रभावित नहीं हो, इसलिए यहां शिक्षकों की तैनाती करने के निर्देश डीईओ को दिए हैं.

गुना। एक तरफ तो स्कूल चलें अभियान के तहत गांव-गांव तक शिक्षा पहुंचाने का दावा किया जा रहा है, तो वहीं जमीनी हकीकत इससे बिल्कुल अलग है. गुना जिले के गांव आतरसूना के माध्यमिक स्कूल में एक भी टीचर पदस्थ नहीं है. इसे लेकर बच्चे कलेक्टर की जनसुनवाई में पहुंचे और धरने पर बैठ गए.

बता दें कि आतरसूना के प्राइमरी स्कूल में एक शिक्षक को अटैच किया गया है, लेकिन बच्चों का कहना है कि वो सिर्फ कागजी कार्रवाई करके चला जाता है. छात्रों का कहना है कि मीडिल स्कूल में तो पढ़ाने के लिए कोई शिक्षक ही नहीं है. छात्रों ने कहा कि उनके परिजनों ने इसकी शिकायत बमोरी के बीआरसी से भी की, लेकिन उनकी सुनवाई आज तक नहीं हुई. बच्चों ने कहा कि 15 अगस्त के दिन वे स्कूल में शिक्षक का इंतजार करते रहे, लेकिन कोई नहीं पहुंचा, जिसके बाद उन्होंने ही ध्वजारोहण कर लिया.

शिक्षक नहीं होने से नाराज छात्र धरने पर बैठे

इधर मामले की सूचना मिलते ही जिला शिक्षा अधिकारी ने पहुंचकर बच्चों की परेशानी सुनी. बच्चों ने कहा कि टीचर्स के ना होने के कारण वो पढ़ाई नहीं कर पा रहे हैं, जिससे उनका भविष्य दांव पर लग गया है. डीईओ ने बच्चों से फीडबैक लेकर उनकी समस्याओं के समाधान का भरोसा दिलाया. 15 अगस्त के दिन भी शिक्षकों के स्कूल नहीं पहुंचने के मामले में डीईओ ने जांच करने की बात कही है.
इधर कलेक्टर ने पढाई प्रभावित नहीं हो, इसलिए यहां शिक्षकों की तैनाती करने के निर्देश डीईओ को दिए हैं.

Intro:

गुना। बमोरी ब्लाक में स्कूली शिक्षा पटरी से उतर गई है। यहां आतरसूना गांव के माध्यमिक विद्यालय में एक भी शिक्षक पदस्थ नहीं है। इन परिस्थितियों में स्कूल में पढ़ाई चौपट हो गई है। लंबे समय से बच्चे और अभिभावक बमोरी बीआरसी  से शिकायतें कर रहे हैं, लेकिन सुनवाई करने की जगह उन्हें नजरअंदाज कर दिया गया। मंगलवार को इस स्कूल के बच्चों ने जनसुनवाई का रूख किया। कलेक्ट्रेट पहुूंचते ही बच्चे धरने पर बैठ गए। सूचना मिलने के बाद जिला शिक्षा अधिकारी यहां पहुंचे। इसके बाद उन्होंने बच्चों की परेशानी को जाना। बच्चों का साफ कहना था कि आतरसूना गांव  के मीडिल स्कूल में शिक्षक के न होने से बच्चों की पढाइ अवरूद्ध हो रही है। बच्चों का आरोप था कि 15 अगस्त के दिन स्कूल में झंडा तक नहीं फहराया गया। इधर मामले की जानकारी सामने आते ही डीईओ ने बच्चों से फीडबेक लिया। इसके साथ ही कार्रवाई करने का भरोसा दिलाया। इधर इस मामले में सबसे चौंकानी वाली बात यह सामने आई है कि स्वतंत्रता दिवस वाले दिन एक भी शिक्षक स्कूल नहीं पहुंचा। 15 अगस्त पर जब कोई शिक्षक नहीं आया, तो बच्चों ने ही स्कूल में ध्वजारोहण कर दिया। 

एक शिक्षक की प्रायमरी में तैनाती-

Body:बच्चों का इस मामले में कहना था कि, आतरसूना के प्रायमरी स्कूल में एक शिक्षक को अटैच किया गया है। उक्त शिक्षक माध्यमिक स्कूल में सिर्फ कागजी कार्रवाई करने के लिए आता है। उसकी सेवाएं प्रायमरी स्कूल में चल रही है। जबकि मीडिल कक्षाओं में वह झांक तक नहीं रहा। इधर कलेक्टर ने पढाई प्रभावित न हो, इसलिए यहां शिक्षकों की तैनाती करने के निर्देश डीईओ को दिए हैं। 

बच्चों ने फहराया तिरंगा-Conclusion:
 

15 अगस्त के दिन शिक्षकों के स्कूल नहीं पहुंचने के मामले में डीईओ ने जांच करने का हवाला दिया है। बच्चों की माने तो इस दिन वे काफी देर तक शिक्षकों के स्कूल आने का इंतजार करते रहे। घंटों इंतजार करने के बाद भी जब कोई नहीं आया तो आखिर में बच्चों ने ही ध्वजारोहण कर तिरंगा फहरा दिया।

बाईट 01 छात्र
बाईट02 छात्र गोपाल
बाईट 03 आर एल उपाध्याय जिला शिक्षा अधिकारी।

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