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सन फिल्टर से अपने घरों से ही लोगों ने देखा सूर्यग्रहण

शहर में सूर्यग्रहण देखने के लिए ब्रैक थ्रू साइंस सोसाइटी हर साल वाचिंग कैंप लगाता है, इस साल कोरोना महामारी के चलते सामूहिक गतिविधि के बदले लोगों से अपने घरों से ही इसे देखने की अपील की गई थी.

solar eclipse
सूर्यग्रहण देखते लोग
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Published : Jun 21, 2020, 8:26 PM IST

गुना। शहर में सूर्यग्रहण देखने के लिए ब्रैक थ्रू साइंस सोसाइटी हर साल वाचिंग कैंप लगाता है, इस साल कोरोना महामारी के चलते सामूहिक गतिविधि के बदले लोगों से अपने घरों से ही इसे देखने की अपील की गई थी. सोसाइटी के प्रदेश समन्वयक विकास बंसल ने बताया कि मध्यप्रदेश में सूर्यग्रहण आंशिक रूप से दिखा है. जिसका समय सुबह 10:15 से 1:15 तक रहा. सूर्यग्रहण देखने के लिए सन फिल्टर की व्यवस्था की गई थी. सोसाइटी का उद्देश है कि वैज्ञानिक सोच का प्रचार-प्रसार हो. इसी कड़ी में 20 जून को एक ऑनलाइन सेमिनार आयोजित किया गया था. जिसमें बतौर अतिथि प्रोफेसर केएन झा, (प्रिंसिपल पॉलिटेक्निक कॉलेज) डॉ. प्रदीप सोलंकी (यूटीएम बायोलॉजी मॉडल स्कूल गुना), जीतेंद्र रघुवंशी (विज्ञान शिक्षक) मौजूद रहे.

सूर्यग्रहण

सेमिनार में बड़ी संख्या में छात्रों ने भाग लिया और सूर्य ग्रहण से संबंधित अपनी जिज्ञासा के मुताबिक सवाल भी किए. सेमिनार में आए सवाल के जवाब में अतिथियों ने कहा कि समाज में सूर्यग्रहण जैसी घटनाओं के बारे में कई तरह के अंधविश्वास फैले हैं. जैसे ग्रहण के दौरान घर से बाहर न निकलना, खाना न खाना. कुछ लोगों का मानना है कि इस दिन सूर्य से विशेष प्रकार की किरणें निकलती हैं. जिससे खाना दूषित हो जाता है.

उन्होंने बताया कि यह मात्र एक खगोलीय घटना है. जिससे सूर्य एवं पृथ्वी के बीच चंद्रमा आ जाता है. इस कारण चंद्रमा की छाया से सूर्य की रोशनी नहीं दिख पाती. इस कारण ग्रहण लगता है. इस दिन कोई खास किरणें नहीं निकलती, जैसा सामान्य दिनों में होता है, वैसी ही किरणें इस दिन भी निकलती हैं, लेकिन सूर्य को नग्न आंखों से न देखकर विशेष रूप से निर्मित सन फिल्टर या सनग्लास से ही देखना चाहिए क्योंकि ये पैराबैंगनी किरण आंखों के लिए हानिकारक होती है.

गुना। शहर में सूर्यग्रहण देखने के लिए ब्रैक थ्रू साइंस सोसाइटी हर साल वाचिंग कैंप लगाता है, इस साल कोरोना महामारी के चलते सामूहिक गतिविधि के बदले लोगों से अपने घरों से ही इसे देखने की अपील की गई थी. सोसाइटी के प्रदेश समन्वयक विकास बंसल ने बताया कि मध्यप्रदेश में सूर्यग्रहण आंशिक रूप से दिखा है. जिसका समय सुबह 10:15 से 1:15 तक रहा. सूर्यग्रहण देखने के लिए सन फिल्टर की व्यवस्था की गई थी. सोसाइटी का उद्देश है कि वैज्ञानिक सोच का प्रचार-प्रसार हो. इसी कड़ी में 20 जून को एक ऑनलाइन सेमिनार आयोजित किया गया था. जिसमें बतौर अतिथि प्रोफेसर केएन झा, (प्रिंसिपल पॉलिटेक्निक कॉलेज) डॉ. प्रदीप सोलंकी (यूटीएम बायोलॉजी मॉडल स्कूल गुना), जीतेंद्र रघुवंशी (विज्ञान शिक्षक) मौजूद रहे.

सूर्यग्रहण

सेमिनार में बड़ी संख्या में छात्रों ने भाग लिया और सूर्य ग्रहण से संबंधित अपनी जिज्ञासा के मुताबिक सवाल भी किए. सेमिनार में आए सवाल के जवाब में अतिथियों ने कहा कि समाज में सूर्यग्रहण जैसी घटनाओं के बारे में कई तरह के अंधविश्वास फैले हैं. जैसे ग्रहण के दौरान घर से बाहर न निकलना, खाना न खाना. कुछ लोगों का मानना है कि इस दिन सूर्य से विशेष प्रकार की किरणें निकलती हैं. जिससे खाना दूषित हो जाता है.

उन्होंने बताया कि यह मात्र एक खगोलीय घटना है. जिससे सूर्य एवं पृथ्वी के बीच चंद्रमा आ जाता है. इस कारण चंद्रमा की छाया से सूर्य की रोशनी नहीं दिख पाती. इस कारण ग्रहण लगता है. इस दिन कोई खास किरणें नहीं निकलती, जैसा सामान्य दिनों में होता है, वैसी ही किरणें इस दिन भी निकलती हैं, लेकिन सूर्य को नग्न आंखों से न देखकर विशेष रूप से निर्मित सन फिल्टर या सनग्लास से ही देखना चाहिए क्योंकि ये पैराबैंगनी किरण आंखों के लिए हानिकारक होती है.

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