डिंडौरी। जिले से भारत का प्रतिनिधित्व विदेश में करने वाली रेखा पन्द्राम आज अपनी समूह की महिलाओं के साथ प्रदेश के जनजातीय कार्य मंत्री ओमकार सिंह मरकाम से उनके बंगले पर मुलाकात की. मंत्री ओमकार सिंह से मुलाकात के दौरान समूह की महिलाओं ने मांग रखी कि उनकी तेजस्वनी स्व-सहायता समूह को आजीविका परियोजना में विलय न किया जाए.
उनके समूह को या तो अलग ही रखा जाए या तो स्वतंत्र छोड़ दिया जाए, जिससे वो और उनके समूह की 32 हजार महिलाएं जिले में विकास को लेकर काम कर सके. वहीं मंत्री ओमकार सिंह ने समूह को भरोसा दिलाया है कि उनकी मांग मुख्यमंत्री कमलनाथ के सामने रखी जायेगी ताकि इस बारे में विचार किया जा सके.
तेजस्वनी स्व सहायता समूह की महिलाओं की मांग है कि उनके समूह को आजीविका परियोजना में समायोजित ना किया जाए. समूह की महिला सदस्य रेखा पन्द्राम ने बताया कि डिंडौरी में 32 हजार महिलाएं फेडरेशन के तौर पर काम कर रही थीं, जिसके चलते तेजस्वनी को वाइंडप कर दिया गया है. समूह की महिलाओं का कहना है कि उनके समूह को अलग छोड़ दिया जाए ताकि वो अपने ट्रायवल प्रोग्राम का काम कर सके.
वहीं महिलाओं की ये भी मांग है कि उनके पुराने कर्मचारियों को भी नियुक्त किया जाए. बता दें कि ये वही रेखा पन्द्राम हैं जिन्होंने तेजस्वनी समूह में रहते हुए न्यूयॉर्क जाकर खाद्य सुरक्षा एवं पोषण के विषय को लेकर उस मंच में बात रखी थी और जिला सहित देश का नाम बढ़ाया था.
भू राजस्व संहिता 1959 में हुए संशोधन का विरोध
27 नवंबर 2019 को मध्य प्रदेश सरकार की कैबिनेट बैठक में भू राजस्व संहिता 1959 में संशोधन कर आदिवासी क्षेत्र में सामान्य कानून को जमीनों के डायवर्सन का अधिकार देने के प्रस्ताव को मंजूरी दी गई है, जिसके विरोध में आक्रोशित आदिवासी समाज के लोगों ने मंत्री ओमकार से मिलकर विरोध जताया है. वहीं मंत्री ने कहा कि वे अपने समाज के लोगों की जमीन गैर आदिवासी समाज और पूंजी पतियों को हरगिज नहीं बेचने देंगे और अगर कांग्रेस की सरकार इसमें कोई बदलाव नहीं लाती है तो इसके खिलाफ आदिवासी समाज बड़ा आंदोलन करेगा.