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डिंडौरीः सीनियर बेसिक माध्यमिक शाला के छात्रों ने ली जैविक खेती की जानकारी

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Published : Feb 13, 2020, 5:53 PM IST

Updated : Feb 13, 2020, 7:02 PM IST

जनजाति कल्याण केन्द्र महाकौशल बरगांव में सीनियर बेसिक माध्यमिक शाला शहपुरा के छात्रों और शिक्षकों को जैविक खेती की दी जानकारी दी गई.

Senior Basic Secondary School students learned about organic farming
छात्रों ने ली जैविक खेती की जानकारी

डिंडौरी। जनजाति कल्याण केंद्र महाकौशल बरगांव में शहपुरा के सीनियर बेसिक माध्यमिक शाला के शिक्षक और विद्यार्थियों ने जैविक खेती की जानकारी ली. इस कार्यक्रम में जैविक कृषि प्रशिक्षक बिहारी लाल साहू ने सभी को जानकरी दी. जिसमें जैविक खाद, वर्मीवाश, नील हरित शैवाल, जीवामृत, घन जीवामृत, फसल अमृत, मट्ठा खाद के बारे में बताया गया, साथ ही मिट्टी को किस प्रकार उपजाऊ बनाया जा सकता है इसकी भी जानकारी दी गई.

छात्रों ने ली जैविक खेती की जानकारी

इस कार्यक्रम में गोबर खाद्य का वैज्ञानिक विधि से उपयोग करने की प्रयोग विधि बताई गई. जिससे जैविक क्रियाओं और सूक्ष्म तत्वों में बढ़ोतरी की जा सकती है. जिसके साथ ही जल संरक्षण क्षमता में वृद्धि होती है और उचित पैदावार होती हैं.

वहीं प्रशिक्षक ने बताया कि कूड़े-करकट, पत्तों, पशुओं के गोबर का उपयोग कर बहुमूल्य खाद मिल जाती है. उन्होंने कहा कि बंजर भूमि को उपजाऊ बनाकर अधिक मात्रा में पैदावार कर सकते है. इस कार्यक्रम में सभी शिक्षक और करीब 60 छात्र-छात्राएं उपस्थित रहे.

डिंडौरी। जनजाति कल्याण केंद्र महाकौशल बरगांव में शहपुरा के सीनियर बेसिक माध्यमिक शाला के शिक्षक और विद्यार्थियों ने जैविक खेती की जानकारी ली. इस कार्यक्रम में जैविक कृषि प्रशिक्षक बिहारी लाल साहू ने सभी को जानकरी दी. जिसमें जैविक खाद, वर्मीवाश, नील हरित शैवाल, जीवामृत, घन जीवामृत, फसल अमृत, मट्ठा खाद के बारे में बताया गया, साथ ही मिट्टी को किस प्रकार उपजाऊ बनाया जा सकता है इसकी भी जानकारी दी गई.

छात्रों ने ली जैविक खेती की जानकारी

इस कार्यक्रम में गोबर खाद्य का वैज्ञानिक विधि से उपयोग करने की प्रयोग विधि बताई गई. जिससे जैविक क्रियाओं और सूक्ष्म तत्वों में बढ़ोतरी की जा सकती है. जिसके साथ ही जल संरक्षण क्षमता में वृद्धि होती है और उचित पैदावार होती हैं.

वहीं प्रशिक्षक ने बताया कि कूड़े-करकट, पत्तों, पशुओं के गोबर का उपयोग कर बहुमूल्य खाद मिल जाती है. उन्होंने कहा कि बंजर भूमि को उपजाऊ बनाकर अधिक मात्रा में पैदावार कर सकते है. इस कार्यक्रम में सभी शिक्षक और करीब 60 छात्र-छात्राएं उपस्थित रहे.

Last Updated : Feb 13, 2020, 7:02 PM IST
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