भोपाल। मध्यप्रदेश के दौरे पर आए केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने बताया "पीएम आवास योजना को लेकर तय कई नियमों में बदलाव किए गए हैं. कई नियम हटाए गए हैं, ताकि ज्यादा से ज्यादा लोगों तक इस योजना का लाभ पहुंच सके. इस योजना में रखी गई कई शर्तों को भी शिथिल किया गया है. 8 अक्टूबर से एक बार फिर से नया सर्वे शुरू हो रहा है. जिनके कच्चे मकान हैं, उनका सर्वे होगा. पीएम आवास योजना के तहत मध्यप्रदेश में साढ़े 3 लाख मकान दिए गए हैं."
पीएम आवास योजना के लिए दोबारा सर्वे क्यों
केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने बताया "अभी तक पीएम आवास योजना में मकान में कई शर्तें थीं. एक बार 2018 में सर्वे की सूची बनी. इसमें कई लोगों के नाम नहीं थे. अब 8 अक्टूबर के बाद हम नया सर्वे शुरू कर रहे हैं. जिनके कच्चे मकान हैं, उनका सर्वे होगा. सर्वे के नियम अब बदल दिए गए हैं. जैसे पहले मकान मिलता था तो इसके लिए शर्तें होती थी कि जिसके पास मोटरसाइकिल या स्कूटर होगा उसको प्रधानमंत्री आवास योजना का मकान नहीं मिलेगा. लेकिन अब अगर मोटरसाइकिल या स्कूटर है तो भी मकान मिलेगा."
कितनी आमदनी पर पीएम आवास के हकदार
पीएम आवास पाने के लिए दूसरा नियम था कि अगर 10 हजार रुपए से ज्यादा आमदनी होगी तो मकान नहीं मिलेगा. ये नियम भी हटा दिया है और आमदनी अगर 15 हजार तक हो तो भी मकान के लिए पात्र होंगे. ये भी नियम था कि अगर फोन होगा तो भी मकान नहीं दिया जाएगा. लेकिन अगर अब फोन भी होगा तो भी मकान दिया जाएगा. एक और परिवर्तन किया गया है कि किसान के पास अगर ढाई एकड़ तक की सिंचित जमीन और 5 एकड़ तक की असिंचित जमीन है तो भी वह प्रधानमंत्री आवास योजना हकदार होगा.
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मध्यप्रदेश में पीएम आवास की क्या है स्थिति
मध्य प्रदेश में पीएम आवास योजना (ग्रामीण) के तहत 38 लाख से ज्यादा मकान का लक्ष्य तय किया गया है. सरकार का दावा है कि अब तक लगभग 37 लाख आवास तैयार हो चुके हैं. इसके साथ ही 3 लाख मकान आवंटित किए जा चुके हैं. ग्रामीण क्षेत्रों के साथ ही शहरों में भी केंद्र सरकार पीएम आवास योजना के तहत गरीबों को फ्लैट बनाकर आवंटित कर रही है. बता दें कि 2016 में प्रधानमंत्री आवास योजना (ग्रामीण) की शुरुआत की गई थी. मोदी सरकार ने ग्रामीण क्षेत्रों में जरूरतमंद परिवारों को 2024 तक बुनियादी सुविधाओं सहित पक्के मकान की सुविधा देने का लक्ष्य रखा है.