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बिना नेटवर्क के चल रहा है रेडियो, लोगों को किया जा रहा है अवेयर

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Published : Aug 11, 2019, 11:46 PM IST

बिना नेटवर्क के ही संचालित हो रहा सामुदायिक वन्य रेडियो जिसमें बैगानी गोंडी भाषा में प्रसारण कि जा रही हैं.

बिना नेटवर्क के चल रहा है रेडियो, लोगों को किया जा रहा है अवेयर

डिंडौरी। डिंडौरी का ही नहीं बल्कि पूरे मध्य प्रदेश का सबसे चर्चित वन ग्राम चांडा आजादी के सात दशक बाद भी मोबाइल नेटवर्क को मोहताज है. चौंकाने की बात है बिना नेटवर्क के चांडा गांव में रेडियो स्टेशन का संचालन किया जा रहा है.

बिना नेटवर्क के चल रहा है रेडियो, लोगों को किया जा रहा है अवेयर

डिंडौरी जिले का चांडा बैगा बाहुल्य गांव राजनीति के गलियारे में काफी चर्चित है. वन गांव चांडा में वन्य रेडियो केंद्र से बैगानी गोंडी भाषा के माध्यम से जन जागरूकता फैलाने का प्रयास किया जा रहा है. रेडिया के जरिए शासन की जनकल्याणकारी योजनाओं को लोगों तक पहुंचाया जा रहा है.

अगर रेडियो का प्रसारण केंद्र बढ़ा दिया जाये तो जिले के लोगों को नई-नई जानकारियां मिलने लगेगी. जिससे बैगानी और गोंडी भाषा सीखने में लोगों को आसानी होगी.

डिंडौरी। डिंडौरी का ही नहीं बल्कि पूरे मध्य प्रदेश का सबसे चर्चित वन ग्राम चांडा आजादी के सात दशक बाद भी मोबाइल नेटवर्क को मोहताज है. चौंकाने की बात है बिना नेटवर्क के चांडा गांव में रेडियो स्टेशन का संचालन किया जा रहा है.

बिना नेटवर्क के चल रहा है रेडियो, लोगों को किया जा रहा है अवेयर

डिंडौरी जिले का चांडा बैगा बाहुल्य गांव राजनीति के गलियारे में काफी चर्चित है. वन गांव चांडा में वन्य रेडियो केंद्र से बैगानी गोंडी भाषा के माध्यम से जन जागरूकता फैलाने का प्रयास किया जा रहा है. रेडिया के जरिए शासन की जनकल्याणकारी योजनाओं को लोगों तक पहुंचाया जा रहा है.

अगर रेडियो का प्रसारण केंद्र बढ़ा दिया जाये तो जिले के लोगों को नई-नई जानकारियां मिलने लगेगी. जिससे बैगानी और गोंडी भाषा सीखने में लोगों को आसानी होगी.

Intro:नेटवर्क विहीन क्षेत्र होने के बावजूद कैसे संचालित हो रहा रेडियो केंद्र

एंकर - डिंडौरी ही नहीं बल्कि प्रदेश का सबसे चर्चित का वन ग्राम चांडा आजादी के सात दशक बाद भी मोबाइल नेटवर्क को मोहताज है जिले का सबसे मशहूर गांव चांडा में कैसे सामुदायिक वन्य वीडियो 90.4 mhj.fm कैसे संचालित किया जा रहा है ।

Body: आपको बता दें कि डिंडौरी जिले का चांडा बैगा बाहुल्य गांव राजनीति के गलियारे में काफी चर्चित गांव हैं वन ग्राम चाड़ा नेटवर्क विहीन होने के बावजूद रेडियो स्टेशन का संचालन किया जा रहा है ।
सामुदायिक वन्या रेडियो केंद्र से बैगानी गोंडी भाषा के माध्यम से जन जागरूकता फैलाने का प्रयास और शासन की जनकल्याणकारी योजनाओं की जानकारी बैगानी और गोंडी भाषा के माध्यम से ग्रामीण क्षेत्र के बाशिंदों को दी जा रही है अगर रेडियो केंद्र का प्रसारण का विस्तार बढ़ा दिया जावे तो निश्चित है कि जिले के लोगों को नई नई जानकारी मिलेगी और बैगानी और गोंडी भाषा को लोग आसानी से सीख सकते हैं ।

Conclusion:बाइट - गिरजा आंध्रबान रेडियो स्टेशन संचालक

बाइट - गोविंद सिंह ऑडियो मिक्सिर
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