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डिंडौरी में खुली मध्यान्ह भोजन योजना की पोल, बच्चे उठा रहे किताबों के साथ थालियों धोने का बोझ

डिंडौरी जिले के कनेरी गांव के सरकारी स्कूलों में बच्चों को मिड डे मील योजना के तहत भोजन तो दिया जाता है. लेकिन स्कूल में थाली नहीं होने की वजह से बच्चों को रोज अपने बैग में किताबों के साथ घर से थाली लेकर आना पड़ता है. साथ ही भोजन करने के बाद बच्चे अपनी थालियों खुद धोते हैं.

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डिंडौरी में खुली मध्यान्ह भोजन योजना की पोल
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Published : Dec 12, 2019, 11:34 AM IST

Updated : Dec 12, 2019, 2:14 PM IST

डिंडौरी। मध्यप्रदेश के डिंडौरी जिले के शहपुरा विधानसभा क्षेत्र के सरकारी स्कूलों में मिड-डे मील योजना का संचालन जिस तरह से हो रहा है उसका अंदाजा कनेरी गांव के सरकारी स्कूलों की तस्वीरों को देखकर लगाया जा सकता है. कनेरी गांव के इस सरकारी स्कूल में बच्चों को मिड डे मील योजना के तहत भोजन तो दिया जाता है लेकिन स्कूल में थाली नहीं होने की वजह से बच्चों को रोज अपने बैग में किताबों के साथ घर से थाली लेकर आना पड़ता है. साथ ही भोजन करने के बाद बच्चे अपनी थालियों को खुद धोते हैं.

डिंडौरी में खुली मध्यान्ह भोजन योजना की पोल


अब स्कूल के हेड मास्टर बी.एल.मार्को कहते हैं कि जिसमें वो बड़ी मासूमियत से बता रहे हैं कि स्कूल में बजट का अभाव है, इसलिये वो थाली नहीं खरीद पा रहे हैं इतना ही नहीं अपनी नाकामियों को छिपाने के लिए हेड मास्टर बच्चों की तारीफ करते नजर आ रहे हैं.


सरकारी स्कूलों में व्याप्त अव्यवस्थाओं से अंजान इलाके के विधायक भूपेंद्र मरावी कैमरे के सामने उचित कार्ईवाई का आश्वासन देकर अपनी जवाबदारियों से पल्ला झाड़ते नजर आ रहे हैं वहीं कलेक्टर बी.कार्तिकेयन ने मामले को गंभीरता से लेते हुए स्कूल का निरीक्षण किया और स्कूल में थाली और बर्तन मुहैया कराने का भरोसा जताया है.


उनके निरीक्षण के बाद जब ईटीवी भारत संवाददाता स्कूल के सामने दोबारा पहुंचे तो तस्वीरें चौंकाने वाली थे.जहां बच्चे खुद अपनी थाली धो रहे थे.

डिंडौरी। मध्यप्रदेश के डिंडौरी जिले के शहपुरा विधानसभा क्षेत्र के सरकारी स्कूलों में मिड-डे मील योजना का संचालन जिस तरह से हो रहा है उसका अंदाजा कनेरी गांव के सरकारी स्कूलों की तस्वीरों को देखकर लगाया जा सकता है. कनेरी गांव के इस सरकारी स्कूल में बच्चों को मिड डे मील योजना के तहत भोजन तो दिया जाता है लेकिन स्कूल में थाली नहीं होने की वजह से बच्चों को रोज अपने बैग में किताबों के साथ घर से थाली लेकर आना पड़ता है. साथ ही भोजन करने के बाद बच्चे अपनी थालियों को खुद धोते हैं.

डिंडौरी में खुली मध्यान्ह भोजन योजना की पोल


अब स्कूल के हेड मास्टर बी.एल.मार्को कहते हैं कि जिसमें वो बड़ी मासूमियत से बता रहे हैं कि स्कूल में बजट का अभाव है, इसलिये वो थाली नहीं खरीद पा रहे हैं इतना ही नहीं अपनी नाकामियों को छिपाने के लिए हेड मास्टर बच्चों की तारीफ करते नजर आ रहे हैं.


सरकारी स्कूलों में व्याप्त अव्यवस्थाओं से अंजान इलाके के विधायक भूपेंद्र मरावी कैमरे के सामने उचित कार्ईवाई का आश्वासन देकर अपनी जवाबदारियों से पल्ला झाड़ते नजर आ रहे हैं वहीं कलेक्टर बी.कार्तिकेयन ने मामले को गंभीरता से लेते हुए स्कूल का निरीक्षण किया और स्कूल में थाली और बर्तन मुहैया कराने का भरोसा जताया है.


उनके निरीक्षण के बाद जब ईटीवी भारत संवाददाता स्कूल के सामने दोबारा पहुंचे तो तस्वीरें चौंकाने वाली थे.जहां बच्चे खुद अपनी थाली धो रहे थे.

Intro:डिंडौरी।

मध्यप्रदेश में डिंडौरी जिले के सरकारी स्कूलों में मिड डे मील योजना का संचालन किस तरह से हो रहा है जिसका अंदाजा कनेरी गांव के सरकारी स्कूलों की तस्वीरों को देखकर लगाया जा सकता है। कनेरी गांव के इस सरकारी स्कूल में बच्चों को मिड डे मील योजना के तहत भोजन तो दिया जा रहा है लेकिन स्कूल में थाली नहीं होने के कारण बच्चों को रोज अपने बैग में किताबों के साथ घर से थाली लेकर आना पड़ता है। स्कूल में थाली गुम न जाये लिहाजा थालियों के पीछे बच्चों ने बाकायदा अपना नाम लिखा रखा है साथ ही भोजन करने के बाद बच्चे खुद ही थालियों को रहे हैं।Body:डिंडौरी।

मध्यप्रदेश में डिंडौरी जिले के सरकारी स्कूलों में मिड डे मील योजना का संचालन किस तरह से हो रहा है जिसका अंदाजा कनेरी गांव के सरकारी स्कूलों की तस्वीरों को देखकर लगाया जा सकता है। शहपुरा विधानसभा क्षेत्र के मेंहदवानी विकासखंड के कनेरी गांव के इस सरकारी स्कूल में बच्चों को मिड डे मील योजना के तहत भोजन तो दिया जा रहा है लेकिन स्कूल में थाली नहीं होने के कारण बच्चों को रोज अपने बैग में किताबों के साथ घर से थाली लेकर आना पड़ता है। स्कूल में थाली गुम न जाये लिहाजा थालियों के पीछे बच्चों ने बाकायदा अपना नाम लिखा रखा है साथ ही भोजन करने के बाद बच्चे खुद ही थालियों को रहे हैं। अब स्कूल के हेड मास्टर बी.एल.मार्को का बयान सुनिये जिसमें वो बड़ी मासूमियत से बता रहे हैं कि स्कूल में बजट का अभाव है इसलिये वो थाली नहीं खरीद पा रहे हैं इतना ही नहीं अपनी नाकामियों को छिपाने हेड मास्टर बच्चों की तारीफ़ करते नजर आ रहे हैं। सरकारी स्कूलों में व्याप्त अव्यवस्थाओं से अंजान इलाके के विधायक भूपेंद्र मरावी कैमरे के सामने उचित कार्यवाही का आश्वासन देकर अपनी जवाबदारियों से पल्ला झाड़ते नजर आ रहे हैं वहीं कलेक्टर बी कार्तिकेयन ने मामले को गंभीरता से लेते हुये जल्द स्कूल में थाली एवं बर्तन मुहैया कराने का भरोसा जताया है। हम आपको बता दें कि आज कलेक्टर बी कार्तिकेयन ने कनेरी स्कूल का औचक निरीक्षण भी किया था। कलेक्टर ने स्कूली बच्चों की क्लॉस लेकर उन्हें पढ़ाया साथ ही शिक्षकों को आवश्यक दिशा निर्देश दिये।
उनके निरीक्षण के बाद जब ईटीवी भारत संवाददाता स्कूल के सामने दोबारा पहुंचे तो दृश्य चौंकाने वाले थे । जहां बच्चे खुद थाली धो रहे थे ।

बाइट1- बक्की कार्तिकेयन, कलेक्टर
बाइट2- भूपेन्द्र मरावी, विधायक
बाइट3- बीएल मार्को, हैडमास्टर
बाइट3- छात्र
बाइट4- छात्राConclusion:डिंडौरी।

मध्यप्रदेश में डिंडौरी जिले के सरकारी स्कूलों में मिड डे मील योजना का संचालन किस तरह से हो रहा है जिसका अंदाजा कनेरी गांव के सरकारी स्कूलों की तस्वीरों को देखकर लगाया जा सकता है। कनेरी गांव के इस सरकारी स्कूल में बच्चों को मिड डे मील योजना के तहत भोजन तो दिया जा रहा है लेकिन स्कूल में थाली नहीं होने के कारण बच्चों को रोज अपने बैग में किताबों के साथ घर से थाली लेकर आना पड़ता है। स्कूल में थाली गुम न जाये लिहाजा थालियों के पीछे बच्चों ने बाकायदा अपना नाम लिखा रखा है साथ ही भोजन करने के बाद बच्चे खुद ही थालियों को धो रहे हैं।
Last Updated : Dec 12, 2019, 2:14 PM IST
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