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बारिश ने किसानों के चेहरे पर बिखेरी मुस्कान, तो मक्के की फसल में लगने वाले कीट ने बढ़ाई मुश्किल - डीएफओ की हिदायत

प्रदेश के डिंडोरी जिले में बीते दिनों हुई अच्छी बारिश के चलते किसानों ने रोपा लगाना तेज कर दिया है.

फसल की रोपाई करते किसान
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Published : Aug 6, 2019, 9:35 PM IST

डिंडोरी। जिले में बारिश होने के साथ ही किसानों के चेहरे भी खिल गए. आदिवासी जिले डिंडौरी में कुल दो लाख चार हजार हेक्टेयर भूमि पर धान, मक्का, कोदो-कुटकी की खेती की जाती है. लेकिन इस बार मक्के की फसल में एक नए किस्म का कीट फॉल आर्मीवर्म ने किसानों की मुश्किलें बढ़ा दी हैं.

फसल की रोपाई करते किसान
डिंडोरी जिले में बीते दिनों हुई अच्छी बारिश से किसानों ने फसल की रोपाई तेज कर दी है. डिंडौरी जिले के कृषि विभाग के एसडीओ का कहना है कि अभी जो बारिश हो रही है उसमें अब तक 561 एमएम वर्षा हो चुकी है, इससे सबसे बड़ा फायदा यह है जो किसान अब तक रोपा नहीं लगा पाए थे वह अब लगा रहे हैंयहां खरीफ में 2 लाख 4000 हेक्टर रकवा है इसमें सबसे ज्यादा 83000 हेक्टर में धान की खेती की जाती है और बाकी में 28000 हेक्टर में मक्के की फसल लगाई जाती है. 31 हजार हेक्टर में किसान कोदो कुटकी की खेती करते हैं, प्राय सभी में बोहनी हो चुकी है, राम तिल की बोहनी अभी- अभी चालू हुई है जो रक्षाबंधन के अंत तक होती है.


डीएफओ का कहना है कि सभी किसानों को मक्के की फसल में लगने वाले कीट को लेकर सावधान रहने की हिदायत दी गई है. मक्के की फसल में लगने वाले कीट को फॉल आर्मीवर्म बोलते हैं इसके लिए जिला स्तर से कमेटी भी बनाई है, जो किसानों को तो सलाह दे रही हैं, साथ ही कृषि विभाग अपने स्टाफ के माध्यम से लगातार किसानों को फसल का निरीक्षण करने की सलाह दे रहे हैं.

डिंडोरी। जिले में बारिश होने के साथ ही किसानों के चेहरे भी खिल गए. आदिवासी जिले डिंडौरी में कुल दो लाख चार हजार हेक्टेयर भूमि पर धान, मक्का, कोदो-कुटकी की खेती की जाती है. लेकिन इस बार मक्के की फसल में एक नए किस्म का कीट फॉल आर्मीवर्म ने किसानों की मुश्किलें बढ़ा दी हैं.

फसल की रोपाई करते किसान
डिंडोरी जिले में बीते दिनों हुई अच्छी बारिश से किसानों ने फसल की रोपाई तेज कर दी है. डिंडौरी जिले के कृषि विभाग के एसडीओ का कहना है कि अभी जो बारिश हो रही है उसमें अब तक 561 एमएम वर्षा हो चुकी है, इससे सबसे बड़ा फायदा यह है जो किसान अब तक रोपा नहीं लगा पाए थे वह अब लगा रहे हैंयहां खरीफ में 2 लाख 4000 हेक्टर रकवा है इसमें सबसे ज्यादा 83000 हेक्टर में धान की खेती की जाती है और बाकी में 28000 हेक्टर में मक्के की फसल लगाई जाती है. 31 हजार हेक्टर में किसान कोदो कुटकी की खेती करते हैं, प्राय सभी में बोहनी हो चुकी है, राम तिल की बोहनी अभी- अभी चालू हुई है जो रक्षाबंधन के अंत तक होती है.


डीएफओ का कहना है कि सभी किसानों को मक्के की फसल में लगने वाले कीट को लेकर सावधान रहने की हिदायत दी गई है. मक्के की फसल में लगने वाले कीट को फॉल आर्मीवर्म बोलते हैं इसके लिए जिला स्तर से कमेटी भी बनाई है, जो किसानों को तो सलाह दे रही हैं, साथ ही कृषि विभाग अपने स्टाफ के माध्यम से लगातार किसानों को फसल का निरीक्षण करने की सलाह दे रहे हैं.

Intro:एंकर _ प्रदेश डिंडोरी जिले में बीते दिनों हुई अच्छी बारिश से किसानों ने रोपा लगाना तेज कर दिया है ।आपको बता दें कि डिंडोरी जिले में 2लाख 4000 हेक्टेयर भूमि में 83 हजार हेक्टेयर में धान, 28000 में मक्का और 31000 हेक्टर में कोदो कुटकी की पैदावार ली जाती है । वहीं इन दिनों मक्के की पैदावार में एक नए किस्म का कीट आ गया है जिसकी रोकथाम करना किसानों के लिए बेहद जरूरी है अन्यथा उन्हें बहुत नुकसान इस फसल में हो सकता है।


Body:वि ओ 01 डिंडौरी जिले के कृषि विभाग के एसडीओ का कहना है कि अभी जो बारिश हो रही है।उसमें अब तक 561 एम एम वर्षा हो चुकी है।इससे सबसे बड़ा फायदा यह है जो किसान अब तक रोपा नहीं लगा पाए थे वह अब रोपा लगा रहे हैं ।यहां खरीफ में 2 लाख 4000 हेक्टर रकवा है इसमें सबसे ज्यादा 83000 हेक्टर में धान ली जाती है और बाकी में 28000 हेक्टर में मक्का लिया जाता है 31 हजार हेक्टर में कोदो कुटकी ली जाती है प्राय सभी में बोहनी हो चुकी है। केवल राम तिल की बोहनी अभी अभी चालू हुई है जो रक्षाबंधन के अंत तक होती है ।

सलाह _ सभी किसानों को विशेष कार्य सावधानी रखना चाहिए की मक्का की फसल जो खड़ी हुई है उसमें एक कीट आया है बाहर से उसे फॉल आर्मीवार्म बोलते हैं इसके लिए हमने जिला स्तर से कमेटी भी बनाई है । वह जो कीट है बहुत नुकसान करता है मक्के की फसल को । किसानों को तो सलाह दे रहे हैं हम अपने स्टाफ के माध्यम से कि वह सतत अपनी फसल का निरीक्षण करें और जहां भी फॉल आर्मीवार्म कीट दिखाई देता है तो वहाँ दवाई उपलब्ध कराएं ।उनको मार्गदर्शन ने की मक्का की पोंगली में राख भर में दे तो उसमें नियंत्रण आ जाता है


Conclusion:बाइट 01 अशोक अहिरवार,एसडीओ कृषि विभाग डिंडौरी
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