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डिंडौरी: सीने में दर्द के बाद छात्राओं को साथियों ने पहुंचाया अस्पताल, हॉस्टल वॅार्डन रही नदारद

आदिवासी जिला डिंडौरी में छात्रावास में रहने वाली छात्र-छात्राएं कितनी सुरक्षित हैं, इसकी बानगी जिला अस्पताल डिंडौरी में देखने को मिली. यहां पर सीने के दर्द से परेशान एक 11 वर्ष की छात्रा को लेकर उसकी साथी छात्राएं जिला अस्पताल पहुंची.

अस्पताल पहुंची छात्रा
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Published : Feb 18, 2019, 2:47 PM IST

छात्राओं के पास हॉस्टल का एक रजिस्टर भी था, जिसमें उस छात्रा की पूरी जानकारी थी, लेकिन हैरत की बात ये थी कि छात्राओं के साथ उनके छात्रावास की अधीक्षिका नहीं थी. दरसअल डिंडौरी के एकलव्य आवासीय छात्रावास में 11 वर्षीय यशवंती की तबियत अचानक बिगड़ गई. यशवंती को सीने में दर्द की शिकायत थी जिसके इलाज के लिए छात्राएं उसे लेकर जिला अस्पताल पहुंची, लेकिन वह भी बिना वॅार्डन के. जब छात्रा का जिला अस्पताल में पूरा इलाज हो गया, तब आखिरी में उसे लेने वॅार्डन पहुंची.

अस्पताल पहुंची छात्रा
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वहीं वॅार्डन कैमरे के सामने कुछ भी बोलने से बचती नजर आई. छात्राओं के आने और जाने का पूरा घटनाक्रम जिला अस्पताल के सीसीटीवी कैमरे में कैद हो गया. वहीं मामले की जानकारी जब मीडिया ने जिले के सहायक आयुक्त नरोत्तम बरकड़े को दी, तो उनका कहना है कि जांच कर संबंधितों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी.

छात्राओं के पास हॉस्टल का एक रजिस्टर भी था, जिसमें उस छात्रा की पूरी जानकारी थी, लेकिन हैरत की बात ये थी कि छात्राओं के साथ उनके छात्रावास की अधीक्षिका नहीं थी. दरसअल डिंडौरी के एकलव्य आवासीय छात्रावास में 11 वर्षीय यशवंती की तबियत अचानक बिगड़ गई. यशवंती को सीने में दर्द की शिकायत थी जिसके इलाज के लिए छात्राएं उसे लेकर जिला अस्पताल पहुंची, लेकिन वह भी बिना वॅार्डन के. जब छात्रा का जिला अस्पताल में पूरा इलाज हो गया, तब आखिरी में उसे लेने वॅार्डन पहुंची.

अस्पताल पहुंची छात्रा
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वहीं वॅार्डन कैमरे के सामने कुछ भी बोलने से बचती नजर आई. छात्राओं के आने और जाने का पूरा घटनाक्रम जिला अस्पताल के सीसीटीवी कैमरे में कैद हो गया. वहीं मामले की जानकारी जब मीडिया ने जिले के सहायक आयुक्त नरोत्तम बरकड़े को दी, तो उनका कहना है कि जांच कर संबंधितों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी.

Intro:एंकर _ आदिवासी जिला डिंडोरी में छात्रावास में रहने वाली छात्र-छात्राएं कितने सुरक्षित हैं या उनका कितना ध्यान रखा जाता है इसकी पोल खोलने वाली एक सनसनीखेज खबर डिंडोरी जिला अस्पताल में देखने को मिली । जहां पर सीने के दर्द से परेशान एक 11 वर्ष की छात्रा को लेकर उसकी साथी छात्राएं जिला अस्पताल पहुँची।छात्राओं के पास हॉस्टल का एक रजिस्टर भी था जिसमें उस छात्र छात्रा की पूरी जानकारी थी।लेकिन हैरत की बात थी कि छात्राओं के साथ उनके छात्रावास की अधीक्षिका नही रही जिनकी कार्यप्रणाली संदेहास्पद रही। अब छात्राये अकेली कैसे छात्रावास से बीमार छात्रा को लेकर जिला अस्पताल पहुँची यह बड़ा सवाल ? वही जिले के सहायक आयुक्त जांच के बाद कार्यवाही की बात कह रहे है।


Body:वि ओ 01 दरसअल पूरा मामला डिंडौरी के एकलव्य आवासीय छात्रावास का है जहाँ जानकारी के अनुसार 11 वर्षीय यशवंती की तबियत अचानक बिगड़ गई।यशवंती को सीने में दर्द की शिकायत थी जिसके इलाज के लिए छात्राये उसे लेकर जिला अस्पताल पहुँची लेकिन वह भी बिना वार्डन के ।जब छात्रा का जिला अस्पताल में पूरा इलाज हो गया तब आखिरी में उसे लेने वार्डन पहुँची।इस बात की जानकारी जिला अस्पताल में छात्रा यशवंती का इलाज करने वाली महिला डॉ मिनी मोरवी ने मीडिया को बताई।

वि ओ 02 वही जब देरी से जिला अस्पताल अपने पति के साथ पहुँची वार्डन से मीडिया ने सवाल पूछने की कोशिश की तो वे अपने पति के साथ कार में बैठकर हॉस्टल रवाना हो गई।छात्राओं के आने और जाने का घटना क्रम पूरा जिला अस्पताल के सीसीटीवी में कैद है वही मामले की जानकारी जब मीडिया ने जिले के सहायक आयुक्त नरोत्तम बरकड़े को दी तो उनका कहना है कि जांच कर संबंधित के खिलाफ कार्यवाही की जाएगी।

सवाल उठना लाजमी है कि जिले के दूर दराज के क्षेत्रों से छात्रावास में रहकर पढ़नी वाली आदिवासी बच्चियों की सुरक्षा को लेकर प्रबंधन कितना सतर्क है यह तो इस घटना क्रम से जाहिर होता है अब देखना है कि खबर दिखाए जाने के बाद संबंधित लापरवाह वार्डन के खिलाफ क्या कार्यवाही होती है।


Conclusion:बाइट_ डॉ मिनी मोरवी,चिकित्सक
बाइट_ नरोत्तम बरकड़े,सहायक आयुक्त डिंडौरी
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