डिंडौरी। जिले के शहपुरा दौरे पर पहुंचे मध्यप्रदेश शासन के मछली पालन एवं मत्स्य उद्योग विभाग के संचालक ओपी सक्सेना ने ईटीवी भारत से खास बातचीत की. साथ ही उन्होंने करौंदी में अपने खेतों में तालाब बनाकर मछली पालन कर रहे किसानों के तालाब और मछलियों को देखा.
शासन दे रही 40 से 60 फीसदी अनुदान
ओपी सक्सेना बताया कि ब्लू रेवोल्यूशन स्कीम आने से मछली उत्पादन में एससी-एसटी और महिलाओं को सरकार 40 से 60 फीसदी का अनुदान दे रही है, जिसके चलते लोगों में मछली पालन के प्रति रुचि बढ़ी है.
मछली पालन से होगा ज्यादा मुनाफा
ओपी सक्सेना ने बताया कि पूरे मध्यप्रदेश में बहुत से केज और तालाब का निर्माण किया जा रहा है. कल्चर के रूप में पंगेसेस मछली का कल्चर किया जा रहा है. उसमें 60 से 65 रुपए तक का खर्च आता है और वह सौ से डेढ़ सौ रुपए तक बिकती है. उन्होंने कहा कि परंपरागत खेती जैसे धान या अन्य उत्पादन में जो लाभ नहीं मिल पा रहा है, वह मछली पालन से किसान अधिक मुनाफा कमा सकते हैं. उन्होंने किसानों को संदेश देते हुए कहा कि जहां पानी की सुविधा है, जहां की जमीनें अच्छी हैं, वहां के किसान मछली पालन में रुचि लें, इससे कम लागत में किसान ज्यादा मुनाफा कमा सकते हैं.
'मछली पालन की खेती में ले रहे पैसे वाले लोग भी रुचि'
मछली पालन विभाग के संचालक ओपी सक्सेना ने कहा कि केंद्र और राज्य सरकार के सहयोग से मछली पालन और उसके उत्पादन के क्षेत्र में प्रचार-प्रसार बड़ा है. अभी विभाग ने 75 इंस्पेक्टरों की नियुक्ति की है. उन्होंने कहा कि अब मछली उत्पादन में बड़े-बड़े पैसे वाले लोग और आईएएस-आईपीएस अफसर भी रुचि ले रहे हैं. ओपी सक्सेना ने कहा कि मछली पालन की खेती करने के लिए लोग ज्यादा से ज्यादा आगे आएं, मैं उन्हें शुभकामनाएं देता हूं.