ETV Bharat / state

मत्स्य पालन विभाग के संचालक ओपी सक्सेना से खास बातचीत, मछली पालन पर दिए सुझाव - fisheries department of mp

मध्यप्रदेश शासन के मछली पालन एवं मत्स्य उद्योग विभाग के संचालक ओपी सक्सेना डिंडौरी में शाहपुरा के दौरे पर पहुंचे. यहां उन्होंने ईटीवी भारत से खास बातचीत की. ओपी सक्सेना ने कहा कि मछली पालन के लिए मत्स्य पालन विभाग किसानों की हरसंभव मदद करेगा.

मत्स्य पालन विभाग के संचालक ओपी सक्सेना
author img

By

Published : Nov 20, 2019, 11:25 AM IST

Updated : Nov 20, 2019, 1:08 PM IST

डिंडौरी। जिले के शहपुरा दौरे पर पहुंचे मध्यप्रदेश शासन के मछली पालन एवं मत्स्य उद्योग विभाग के संचालक ओपी सक्सेना ने ईटीवी भारत से खास बातचीत की. साथ ही उन्होंने करौंदी में अपने खेतों में तालाब बनाकर मछली पालन कर रहे किसानों के तालाब और मछलियों को देखा.

शासन दे रही 40 से 60 फीसदी अनुदान

ओपी सक्सेना बताया कि ब्लू रेवोल्यूशन स्कीम आने से मछली उत्पादन में एससी-एसटी और महिलाओं को सरकार 40 से 60 फीसदी का अनुदान दे रही है, जिसके चलते लोगों में मछली पालन के प्रति रुचि बढ़ी है.

शाहपुरा दौरे पर पहुंचे मत्स्य पालन विभाग के संचालक ओपी सक्सेना

मछली पालन से होगा ज्यादा मुनाफा

ओपी सक्सेना ने बताया कि पूरे मध्यप्रदेश में बहुत से केज और तालाब का निर्माण किया जा रहा है. कल्चर के रूप में पंगेसेस मछली का कल्चर किया जा रहा है. उसमें 60 से 65 रुपए तक का खर्च आता है और वह सौ से डेढ़ सौ रुपए तक बिकती है. उन्होंने कहा कि परंपरागत खेती जैसे धान या अन्य उत्पादन में जो लाभ नहीं मिल पा रहा है, वह मछली पालन से किसान अधिक मुनाफा कमा सकते हैं. उन्होंने किसानों को संदेश देते हुए कहा कि जहां पानी की सुविधा है, जहां की जमीनें अच्छी हैं, वहां के किसान मछली पालन में रुचि लें, इससे कम लागत में किसान ज्यादा मुनाफा कमा सकते हैं.

मत्स्य पालन विभाग के संचालक ओपी सक्सेना
मत्स्य पालन विभाग करेगा किसानों की हरसंभव मदद ओपी सक्सेना ने बालाघाट जिले का जिक्र करते हुए कहा कि वहां एक किसान ने 0.1 हेक्टेयर में 8 टन मछली का उत्पादन किया है. इससे किसान को 8 महीने में लगभग 4 लाख रुपए का मुनाफा हुआ है. उन्होंने प्रदेश के किसानों से आग्रह किया कि मछली पालन में किसान रुचि लें, इसमें मत्स्य पालन विभाग किसानों की हरसंभव मदद करेगा.मछली पालन के क्षेत्र में छत्तीसगढ़ आगेपिछले साल मत्स्य विभाग ने मंडला, बालाघाट, सिवनी और डिंडौरी जिले के किसानों को मछली पालन देखने के लिए छत्तीसगढ़ भेजा था, क्योंकि मछली पालन के क्षेत्र में छत्तीसगढ़ काफी आगे है. वहां पंगेसेस कल्चर के मछली उत्पादन को देखकर यहां भी लोगों ने इसका पालन और उत्पादन शुरू किया है.

'मछली पालन की खेती में ले रहे पैसे वाले लोग भी रुचि'

मछली पालन विभाग के संचालक ओपी सक्सेना ने कहा कि केंद्र और राज्य सरकार के सहयोग से मछली पालन और उसके उत्पादन के क्षेत्र में प्रचार-प्रसार बड़ा है. अभी विभाग ने 75 इंस्पेक्टरों की नियुक्ति की है. उन्होंने कहा कि अब मछली उत्पादन में बड़े-बड़े पैसे वाले लोग और आईएएस-आईपीएस अफसर भी रुचि ले रहे हैं. ओपी सक्सेना ने कहा कि मछली पालन की खेती करने के लिए लोग ज्यादा से ज्यादा आगे आएं, मैं उन्हें शुभकामनाएं देता हूं.

डिंडौरी। जिले के शहपुरा दौरे पर पहुंचे मध्यप्रदेश शासन के मछली पालन एवं मत्स्य उद्योग विभाग के संचालक ओपी सक्सेना ने ईटीवी भारत से खास बातचीत की. साथ ही उन्होंने करौंदी में अपने खेतों में तालाब बनाकर मछली पालन कर रहे किसानों के तालाब और मछलियों को देखा.

शासन दे रही 40 से 60 फीसदी अनुदान

ओपी सक्सेना बताया कि ब्लू रेवोल्यूशन स्कीम आने से मछली उत्पादन में एससी-एसटी और महिलाओं को सरकार 40 से 60 फीसदी का अनुदान दे रही है, जिसके चलते लोगों में मछली पालन के प्रति रुचि बढ़ी है.

शाहपुरा दौरे पर पहुंचे मत्स्य पालन विभाग के संचालक ओपी सक्सेना

मछली पालन से होगा ज्यादा मुनाफा

ओपी सक्सेना ने बताया कि पूरे मध्यप्रदेश में बहुत से केज और तालाब का निर्माण किया जा रहा है. कल्चर के रूप में पंगेसेस मछली का कल्चर किया जा रहा है. उसमें 60 से 65 रुपए तक का खर्च आता है और वह सौ से डेढ़ सौ रुपए तक बिकती है. उन्होंने कहा कि परंपरागत खेती जैसे धान या अन्य उत्पादन में जो लाभ नहीं मिल पा रहा है, वह मछली पालन से किसान अधिक मुनाफा कमा सकते हैं. उन्होंने किसानों को संदेश देते हुए कहा कि जहां पानी की सुविधा है, जहां की जमीनें अच्छी हैं, वहां के किसान मछली पालन में रुचि लें, इससे कम लागत में किसान ज्यादा मुनाफा कमा सकते हैं.

मत्स्य पालन विभाग के संचालक ओपी सक्सेना
मत्स्य पालन विभाग करेगा किसानों की हरसंभव मदद ओपी सक्सेना ने बालाघाट जिले का जिक्र करते हुए कहा कि वहां एक किसान ने 0.1 हेक्टेयर में 8 टन मछली का उत्पादन किया है. इससे किसान को 8 महीने में लगभग 4 लाख रुपए का मुनाफा हुआ है. उन्होंने प्रदेश के किसानों से आग्रह किया कि मछली पालन में किसान रुचि लें, इसमें मत्स्य पालन विभाग किसानों की हरसंभव मदद करेगा.मछली पालन के क्षेत्र में छत्तीसगढ़ आगेपिछले साल मत्स्य विभाग ने मंडला, बालाघाट, सिवनी और डिंडौरी जिले के किसानों को मछली पालन देखने के लिए छत्तीसगढ़ भेजा था, क्योंकि मछली पालन के क्षेत्र में छत्तीसगढ़ काफी आगे है. वहां पंगेसेस कल्चर के मछली उत्पादन को देखकर यहां भी लोगों ने इसका पालन और उत्पादन शुरू किया है.

'मछली पालन की खेती में ले रहे पैसे वाले लोग भी रुचि'

मछली पालन विभाग के संचालक ओपी सक्सेना ने कहा कि केंद्र और राज्य सरकार के सहयोग से मछली पालन और उसके उत्पादन के क्षेत्र में प्रचार-प्रसार बड़ा है. अभी विभाग ने 75 इंस्पेक्टरों की नियुक्ति की है. उन्होंने कहा कि अब मछली उत्पादन में बड़े-बड़े पैसे वाले लोग और आईएएस-आईपीएस अफसर भी रुचि ले रहे हैं. ओपी सक्सेना ने कहा कि मछली पालन की खेती करने के लिए लोग ज्यादा से ज्यादा आगे आएं, मैं उन्हें शुभकामनाएं देता हूं.

Intro:Etv Bharat Exclusive

डिंडोरी जिले के शहपुरा दौरे पर पहुंचे मध्यप्रदेश शासन के मछली पालन एवं मत्स्य उद्योग विभाग के संचालक ओपी सक्सेना ने ईटीवी भारत से खास बातचीत की।Body:Etv Bharat Exclusive

डिंडोरी जिले के शहपुरा दौरे पर पहुंचे मध्यप्रदेश शासन के मछली पालन एवं मत्स्य उद्योग विभाग के संचालक ओपी सक्सेना ने ईटीवी भारत से खास बातचीत की। उन्होंने करौंदी में अपने खेतों में तालाब बनाकर मछली पालन कर रहे किसानों के तालाब और मछलियों को देखा।
उन्होंने बताया कि ब्लू रेगुलेशन स्कीम आने से एवं मछली उत्पादन में एसटी एससी एवं महिलाओं को 40 से 60% अनुदान शासन द्वारा दिया जा रहा है इससे लोगों में मछली पालन के प्रति रुचि बढ़ी है।
पूरे मध्यप्रदेश में बहुत से केज और तालाब का निर्माण किया जा रहा है। कल्चर के रूप में पंगेसेस मछली का कल्चर कर रहे हैं ,उसमें 60 से ₹65 तक का खर्च आता है और वह 100 से डेढ़ सौ रुपए तक बिकती है ।
उन्होंने कहा कि परंपरागत खेती जैसे धान या अन्य उत्पादन में जो लाभ नहीं मिल पा रहा है वह मछली पालन से किसान अधिक मुनाफा कमा सकते हैं।
उन्होंने किसानों को संदेश देते हुए कहा कि जहां पानी की सुविधा है, जहां की जमीने अच्छी हैं वहां के किसान मछली पालन में अपनी रुचि लें इससे कम लागत में किसान ज्यादा मुनाफा कमा सकते हैं।
उन्होंने बालाघाट जिले का जिक्र करते हुए कहा कि वहां एक किसान ने 0.1 हेक्टेयर में 8 टन मछली का उत्पादन किया है इससे किसान को 8 महीने में लगभग 4 लाख रुपये का मुनाफा हुआ है । उन्होंने प्रदेश के किसानों से आग्रह किया कि मछली पालन में किसान अपनी रुचि लें वे मछली पालन और उत्पादन कर अच्छा लाभ कमा सकते हैं। इसके लिए मत्स्य पालन विभाग किसानों की हर संभव मदद करेगा ।
पिछले वर्ष मत्स्य विभाग के द्वारा मंडला बालाघाट सिवनी और डिंडोरी जिले के किसानों को मछली पालन देखने के लिए छत्तीसगढ़ भेजा गया था क्योंकि मछली पालन के क्षेत्र में छत्तीसगढ़ हमसे आगे है वहां पंगेसेस कल्चर के मछली उत्पादन को देखकर यहां भी लोगों ने इसका पालन और उत्पादन शुरू किया है।
केंद्र और राज्य सरकार के सहयोग से मछली पालन और उसके उत्पादन के क्षेत्र में प्रचार प्रसार बड़ा है अभी विभाग के द्वारा 75 इंस्पेक्टरों की नियुक्ति की गई है उन्होंने कहा कि अब मछली उत्पादन में बड़े-बड़े पैसे वाले लोग भी और आईएएस आईपीएस अफसर भी रुचि ले रहे हैं। साथ ही उन्होंने कहा कि मछली पालन की खेती करने के लिए लोग आगे आए और जो लोग वत्स उत्पादन कर रहे हैं उन्हें मैं शुभकामनाएं देता हूं।

बाईट- ओपी सक्सेना, संचालक, मछली पालन एवं मत्स्योद्योग विभाग, मप्र शासनConclusion:शहपुरा दौरे पर पहुंचे मध्यप्रदेश शासन के मछली पालन एवं मत्स्य उद्योग विभाग के संचालक ओपी सक्सेना ने ईटीवी भारत से खास बातचीत की। उन्होंने करौंदी में अपने खेतों में तालाब बनाकर मछली पालन कर रहे किसानों के तालाब और मछलियों को देखा।
उन्होंने बताया कि ब्लू रेगुलेशन स्कीम आने से एवं मछली उत्पादन में एसटी एससी एवं महिलाओं को 40 से 60% अनुदान शासन द्वारा दिया जा रहा है इससे लोगों में मछली पालन के प्रति रुचि बढ़ी है।
Last Updated : Nov 20, 2019, 1:08 PM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.