डिंडौरी। न्यायालयीन प्रकरणों में लापरवाही बरतने पर कलेक्टर रत्नाकर झा ने मत्स्य विभाग के लिपिक को शो-कॉज नोटिस जारी करने के निर्देश दिए हैं. कलेक्टर ने ये निर्देश सोमवार को सभागार में एक बैठक के दौरान दिए. उन्होंने कहा कि अगर लिपिक नोटिस का संतोषजनक जवाब नहीं देते तो, उन पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी. विभागीय कार्यों में लापरवाही को लेकर कलेक्टर लगातार सख्ती दिखा रहे हैं. उनका कहना है कि सरकारी कार्यों में कोताही बरतने वाले अधिकारी-कर्मचारियों को किसी भी सूरत में नहीं बख्शा जाएगा.
कलेक्टर ने कृषि विभाग को दिए निर्देश
बैठक में कलेक्टर ने कृषि विभाग को जिले के किसानों के लिए खाद-बीज और उर्वरक की उपलब्धता सुनिश्चित करने के निर्देश दिए. उन्होंने कहा कि परंपरागत खेती करने वाले किसानों के लिए कोदो-कुटकी और बैगानी अरहर के बीज उपलब्ध कराए जाएं. साथ ही जिले में खरीफ फसल की बुवाई भी शत-प्रतिशत होना चाहिए. कलेक्टर झा ने कहा कि, सीएम हेल्पलाइन के मामलों का निराकरण लेवल-1 और लेवल-2 पर ही कर लिया जाए.
शिकायतों का त्वरित निराकरण
उन्होंने कहा कि, रोजाना प्राप्त शिकायतों का अवलोकन करें और त्वरित निराकरण के लिए शिकायतकर्ता से संपर्क करें. संपर्क न होने पर घर जाकर समझाइश दें, ताकि सीएम हेल्पलाइन के प्रकरणों का निराकरण संतुष्टिपूर्वक दर्ज हो सके. कलेक्टर ने जिले में संचालित खेल गतिविधियों की समीक्षा में कहा कि कलेक्ट्रेट परिसर स्थित खेल मैदान की साफ-सफाई कराई जाए. उन्होंने खेल गतिविधियों को बढ़ावा देने और खिलाड़ियों को खेल सामग्रियां वितरित करने के संबंध में भी जानकारी ली.
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जाति प्रमाण पत्र के लिए गंभीरता से जांचें दस्तावेज
कलेक्टर ने कहा कि जिले की अनुसूचित जनजातियों के प्रमाण पत्र बनाते समय सभी दस्तावेजों की जांच गंभीरता से की जाए, जिससे अनुच्छेद 342 के अंतर्गत बिना कोई समस्या प्रमाण पत्र जारी हो सकें. उन्होंने आदिवासियों की भूमि गैर आदिवासियों को हस्तांतरित होने पर आदिवासियों को वापस लौटाने के निर्देश दिए. रेफरेंस के लिए वर्ष 1959 में जारी नक्शों का प्रयोग किया जा सकता है. कलेक्टर ने स्वास्थ्य विभाग की सेवाओं को भी दुरुस्त करने के लिए कहा, ताकि मौसमी बीमारियों से निजात पाया जा सके. इसते साथ ही कलेक्टर ने बैठक के दौराना जिले की सहकारी उचित मूल्य की दुकानों से उपभोक्ताओं को नियमित रूप से खाद्यान्न वितरण करने के निर्देश दिए.