डिंडोरी। जिला अस्पताल में डॉक्टर की लापरवाही का खामियाजा 8 साल के मासूम को भुगतना पड़ रहा है. मामला डांडविदयपुर का है, जहां डॉक्टर के गलत इलाज से बच्चे का हाथ टेढ़ा हो गया है. हाथ में फ्रैक्चर होने पर एक दंपति अपने आठ साल के बेटे रोहित को लेकर डिंडोरी जिला अस्पताल में इलाज करवाने पहुंचा था, जहां डॉक्टर ने प्लास्टर बांध दिया. एक महीने बाद जब प्लास्टर खोला गया तो, हाथ टेढ़ा हो गया था.
जानकारी के मुताबित 2 जून 2020 को रोहित खेलते-खेलते गिर गया था, जिस वजह से उसके हाथ में फ्रैक्चर हो गया था. जिला अस्पताल में उसे प्लास्टर बांधा गया और एक महीने बाद खोलने के लिए कहा गया. 2 जुलाई को जब रोहित के माता-पिता प्लास्टर खुलवाने पहुंचे, तो प्लास्टर खुलने के बाद रोहित का हाथ पूरी तरह से टेढ़ा था.
'कर दो शिकायत'
टेढ़ा हाथ देख जब रोहित की मां ने डॉक्टर से शिकायत की, तो उल्टा डॉक्टर ही पीड़ित पर हावी हो गए और खरी-खोटी सुनाने लगे. पीड़ित माता- पिता ने बताया कि, डॉक्टर ने उनसे कहा कि, 'यहां मुंह चलाने की जरूरत नहीं हैं, जो तुमको लगे वह जाकर तुम कर लो. जहां जाना चाहो जाओ, जिससे शिकायत करना चाहो उसे शिकायत करो'. अब पीड़ित के माता- पिता ने न्याय की गुहार कोतवाली पुलिस से की है, जहां उन्होंने डॉक्टर के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है.
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वहीं इस मामले में जब डॉक्टर से बात की गई, तो डॉ राज ने कहा कि 'महिला द्वारा लगाए गए सभी आरोप बेबुनियाद हैं'. इसके अलावा उन्होंने कहा कि, उनके द्वारा रोहित का न तो जिला अस्पताल और न ही घर पर कोई इलाज किया गया और न ही प्लास्टर बांधा गया. हां, 2 जुलाई को जब प्लास्टर खोला गया तो वहीं थे.