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जान जोखिम में डालकर नाला पार करने को मजबूर ग्रामीण, खजूर के पेड़ को बनाया पुल

किसानों के खेतों तक पहुंचने के लिए पुल नहीं होने के कारण ग्रामीण जान जोखिम में डालकर नाला पार करने को मजबूर हैं.

जान जोखिम में डालकर नाला पार करने को मजबूर ग्रामीण
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Published : Jul 10, 2019, 1:04 PM IST

धार। प्रशासन की अनदेखी और लापरवाही के कारण ग्रामीण जान जोखिम में डालकर नाला पार कर रहे हैं. आलम यह है कि नदी पर पुल नहीं होने के कारण ग्रामीण खजूर के पेड़ के सहारे नाला पार करने को मजबूर हैं.

जान जोखिम में डालकर नाला पार करने को मजबूर ग्रामीण

देश के लिए बलिदान देने वाले बहादुर शहीद रविन्द्र सिंह राठौर का पाना गांव आज भी बुनियादी सुविधाओं के लिए मोहताज है. ग्रामीणों का कहना है कि कई बार प्रशासन से कुंडिया खाल पर एक पुल बनाने की मांग की गई, लेकिन न तो जनप्रतिनिधि और न ही प्रशासन इस ओर ध्यान दे रहे हैं. जिसका नतीजा यह है कि ग्रामीण खजूर के पेड़ को पुल बनाकर नाला पार करने को मजबूर हैं.

गांव के ज्यादातर किसानों की खेत नाले के उस पार हैं. खेतों में काम करने के लिए जाने वाले किसानों को खजूर की लकड़ी से बने पुल से गुजरकर ही जाना पड़ता है. वहीं मौके पर पहुंची SDM नेहा साहू भी ग्रामीणों को पेड़ का पुल बनाकर नाला पार करता देख दंग रह गई. ग्रामीणों ने एसडीएम को अपने सारी समस्या सुनाई. जिस पर एसडीएम नेहा साहू ने समस्या के समाधान के लिए आश्वासन दिया है.

धार। प्रशासन की अनदेखी और लापरवाही के कारण ग्रामीण जान जोखिम में डालकर नाला पार कर रहे हैं. आलम यह है कि नदी पर पुल नहीं होने के कारण ग्रामीण खजूर के पेड़ के सहारे नाला पार करने को मजबूर हैं.

जान जोखिम में डालकर नाला पार करने को मजबूर ग्रामीण

देश के लिए बलिदान देने वाले बहादुर शहीद रविन्द्र सिंह राठौर का पाना गांव आज भी बुनियादी सुविधाओं के लिए मोहताज है. ग्रामीणों का कहना है कि कई बार प्रशासन से कुंडिया खाल पर एक पुल बनाने की मांग की गई, लेकिन न तो जनप्रतिनिधि और न ही प्रशासन इस ओर ध्यान दे रहे हैं. जिसका नतीजा यह है कि ग्रामीण खजूर के पेड़ को पुल बनाकर नाला पार करने को मजबूर हैं.

गांव के ज्यादातर किसानों की खेत नाले के उस पार हैं. खेतों में काम करने के लिए जाने वाले किसानों को खजूर की लकड़ी से बने पुल से गुजरकर ही जाना पड़ता है. वहीं मौके पर पहुंची SDM नेहा साहू भी ग्रामीणों को पेड़ का पुल बनाकर नाला पार करता देख दंग रह गई. ग्रामीणों ने एसडीएम को अपने सारी समस्या सुनाई. जिस पर एसडीएम नेहा साहू ने समस्या के समाधान के लिए आश्वासन दिया है.

Intro:शहीद रविंद्रसिंह राठौर के गांव पाना में खजूर के पेड़ की अस्थाई पुलिया बनाकर नदी पार कर रहे लोग। Body:बदनावर (धार)।
देश के लिए बलिदान देने वाले क्षेत्र के बहादुर शहीद रविन्द्रसिंह राठौर का गांव पाना आज भी बुनियादी सुविधाओं के लिए मोहताज है। पाना के लोग खजूर की पुल बनाकर खेतो में पहुंच रहे है। जिससे ग्रामीणों की जान का खतरा बना हुआ है।

बरसात के दिनों में नदी आने से लोगो का रास्ता बंद हो जाता है। इसलिए उन्होंने पुल के अभाव में खजूर के पेड़ की पुलिया बनाई तथा उस पर जान हथेली पर रखकर आना जाना कर रहे है। वर्षों से ग्रामीण इस कुंडिया खाल पर एक पुल बनाने के लिए मांग करते आ रहे है। लेकिन सुनवाई नही हुई। गांव के ज्यादातर किसानों की खेती नाले के उस पार हैं। खेतों पर काम करने के लिए जाने वाले किसानों को खजूर की लकड़ी से बने पुल से गुजरकर ही खेतों तक जाना पड़ता है।

गांव पहुंची एसडीएम नेहा साहू को ग्रामीणों ने समस्याएं बताई। जिसे देख वे स्वयं भी दंग रह गई।Conclusion:ग्रामीणों ने बताया कि उनकी इस समस्या को लेकर न तो जनप्रतिनिधि ध्यान दे रहे हैं ओर न हीं प्रशासन के कोई जिम्मेदार अधिकारी। इस कारण लोग जान हथेली पर रखकर इस जोखिम भरी पुलिया को पार करते हैं।
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