धार। सरदार सरोवर बांध के डूब प्रभावित गांव के लोगों को पुनर्वास नीति के तहत विस्थापन नहीं करने से ग्रामीण में रोष व्याप्त है. जिसके विरोध में ग्रामीणों ने नगर बंद कर किया. ग्रामीणों का आरोप है कि प्रशासन ने झूठे दस्तावेज कोर्ट में पेश किए है. जिसके कारण प्रभावित लोगों को अभी तक लाभ नहीं मिल पाया है. वहीं ग्रामीणों ने मांगे पूरी नहीं होने पर बड़ा आंदोलन करने की चेतावनी दी है.
बता दें कि सरदार सरोवर बांध के डूब प्रभावित गांव के लोगों को पुनर्वास स्थलों पर विस्थापित करने का आदेश दिया था. ग्रामीणों का आरोप है कि प्रशासन ने सुप्रीम कोर्ट में यह रिपोर्ट पेश की थी कि सरदार सरोवर बांध के डूब प्रभावित क्षेत्रों के लोगों के लिए आदर्श पुनर्वास नीति के तहत पुनर्वास स्थल तैयार कर दिए गए हैं. साथ में डूब प्रभावित गांव के लोगों को मुआवजा और प्लॉट भी दे दिया गया है. इसी जानकारी के आधार पर सुप्रीम कोर्ट ने डूब प्रभावित क्षेत्र के लोगों को मूल गांवों से पुनर्वास स्थल पर विस्थापित करने के लिए 30 जुलाई 2017 डेड लाइन दी थी, लेकिन एक साल बीतने के बाद भी प्रभावितों को लाभ नहीं मिला है.
वहीं ग्रामीणों का कहना है कि आज भी कई डूब प्रभावित मुआवजे के लिए चक्कर काट रहे हैं. कई डूब प्रभावितों को अभी तक प्लॉट अलॉट नहीं हुए हैं, ऐसी कई तरह की परेशानियों से जूझ रहे हैं. वहीं उनका कहना है कि अगर जल्द मांग पूरी नहीं हुई तो नर्मदा बचाओ आंदोलन के बैनर तले बड़ा आंदोलन करेंगे.