धार। देश में कोरोना वायरस का कहर अभी थमा नहीं है. कोरोना से बचने के लिए किए गए लॉकडाउन से हर सेक्टर पर असर पड़ा और व्यापार से लेकर आवागमन सब कुछ थम सा गया. कोरोना कहर के बाद कई उद्योग धंधे बंद होने की कगार पर पहुंच गए हैं. लॉकडाउन में छूट देते हुए सरकार ने भले ही अनलॉक कर दिया गया हो, लेकिन जिंदगी पहले की तरह पटरी पर नहीं लौट पायी है. ऐसे में लॉकडाउन की वजह से वाहन व्यापारियों की परेशानी बढ़ गई है. पिछले तीन महीन से उनका व्यापार ठप पड़ा हुआ है.
धार जिले की बात करें तो यहां के वाहन व्यापारी इस बात को लेकर परेशान हैं, क्योंकि उन्होंने अपनी पूरी जमा पूंजी वाहनों में लगा दी. व्यापारियों की उम्मीद थी कि पब्लिक ट्रांसपोर्ट बंद होने से निजी वाहनों की बिक्री बढ़ेगी और व्यापार में उछाल आएगा, लेकिन कोरोना की मार झेल रहे लोगों के पास पैसे नहीं होने से वाहनों का व्यापार थम गया है. सामान्य दिनों मे जहां रोज 10 बाइक बिक जाती थीं तो वहीं लॉकडाउन के बाद 2 मोटरसाइकिल भी बमुश्किल बिक पाती हैं.
टू- व्हीलर वाहनों के व्यापार की तरह फोर व्हीलर वाहन का व्यापार भी ठप पड़ा हुआ है. लॉकडाउन के बाद वाहनों की बिक्री बेहद कम हुई है. लॉकडाउन के बाद वाहनों के रजिस्ट्रेशन और ट्रांसफर में भारी गिरावट देखी गई. लॉकडाउन से पहले हर महीने 1500 टू व्हीलर वाहनों का रजिस्ट्रेशन होता था, जो अब घटकर 700 रह गया है. यही हाल फोर व्हीलर वाहनों के हैं.
अनलॉक के बाद अब लोगों को उम्मीद की जल्द ही जिंदगी पटरी पर लौटेगी और पब्लिक ट्रांसपोर्ट बंद होने से व्यापारियों को नए वाहनों के व्यापार में उछाल आने की उम्मीद है. अधिकारियों का कहना है कि आने वाले कुछ महीनों में वाहनों की बिक्री में तेजी आने की संभावना है, जिससे रजिस्ट्रेशन की संख्या में भी इजाफा होगा.
कोरोना काल में संक्रमण के चलते अब लोगों का झुकाव पुरानी गाड़ियों की तरफ हो रहा है. लेकिन आर्थिक रूप से कमजोर हो चुके लोग मंहगे वाहन खरीदने से हिचकिचा रहे हैं. धार में लोग वाहन खरीदने तो पहुंचते हैं, लेकिन बजट कम होने के चलते वापस घर लौट आते हैं.