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बसंत पंचमी पर धार के भोजशाला में धूमधाम से मनाई गई सरस्वती पूजा, सुरक्षा के कड़े इंतजाम

धार के भोजशाला में बसंत पंचमी के मौके पर बड़े हर्षोल्लास के साथ ज्ञान की देवी मां सरस्वती का जन्मोत्सव मनाया जा रहा है. बड़ी संख्या में श्रद्धालु मां की पूजा-अर्चना के लिए पहुंच रहे हैं, जिसे देखते हुए सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए हैं.

Saraswati Puja celebrated in Bhojshala
भोजशाला में सरस्वती पूजा की धूम
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Published : Jan 30, 2020, 11:42 AM IST

Updated : Jan 30, 2020, 3:04 PM IST

धार। बसंत पंचमी के मौके पर धार के भोजशाला स्थित सरस्वती मंदिर में ज्ञान की देवी मां सरस्वती का जन्मोत्सव बड़े हर्षोल्लास के साथ मनाया जा रहा है. इस मौके पर भोजशाला को दुल्हन की तरह सजाया गया है. बसंत पंचमी पर बड़ी संख्या में श्रद्धालु पहुंचे और मां सरस्वती की पूजा-अर्चना कर उनका आशीर्वाद लिया. वहीं श्रद्धालुओं ने भोजशाला में स्थित हवन कुंड में आहुति भी डाली.

भोजशाला में सरस्वती पूजा की धूम

वहीं इतने बड़े आयोजन को देखते हुए सुरक्षा की दृष्टि से भोजशाला में बड़ी संख्या में पुलिस बल भी तैनात किया गया है. धर्म जागरण मंच के संयोजक गोपाल शर्मा ने बताया कि बसंत पंचमी के मौके पर भोजशाला में मां सरस्वती के दर्शन के लिए बड़ी संख्या में लोग आते हैं. इस दौरान शहर में शोभायात्रा भी निकाली जाती है. जिसके बाद भोजशाला में महाआरती का आयोजन किया जाएगा.

बता दें कि धार स्थित भोजशाला का निर्माण राजा भोज ने मां सरस्वती के मंदिर के रूप में करवाया था. ऐसा कहा जाता है कि राजा भोज मां सरस्वती के अनन्य भक्त थे. इसी से प्रसन्न होकर उन्हें मां सरस्वती ने दर्शन दिए थे. जिस रूप में मां सरस्वती ने राजा भोज को दर्शन दिए थे, उसी स्वरूप में मूर्ति बनवाकर इस भोजशाला में स्थापित की गई.

धार। बसंत पंचमी के मौके पर धार के भोजशाला स्थित सरस्वती मंदिर में ज्ञान की देवी मां सरस्वती का जन्मोत्सव बड़े हर्षोल्लास के साथ मनाया जा रहा है. इस मौके पर भोजशाला को दुल्हन की तरह सजाया गया है. बसंत पंचमी पर बड़ी संख्या में श्रद्धालु पहुंचे और मां सरस्वती की पूजा-अर्चना कर उनका आशीर्वाद लिया. वहीं श्रद्धालुओं ने भोजशाला में स्थित हवन कुंड में आहुति भी डाली.

भोजशाला में सरस्वती पूजा की धूम

वहीं इतने बड़े आयोजन को देखते हुए सुरक्षा की दृष्टि से भोजशाला में बड़ी संख्या में पुलिस बल भी तैनात किया गया है. धर्म जागरण मंच के संयोजक गोपाल शर्मा ने बताया कि बसंत पंचमी के मौके पर भोजशाला में मां सरस्वती के दर्शन के लिए बड़ी संख्या में लोग आते हैं. इस दौरान शहर में शोभायात्रा भी निकाली जाती है. जिसके बाद भोजशाला में महाआरती का आयोजन किया जाएगा.

बता दें कि धार स्थित भोजशाला का निर्माण राजा भोज ने मां सरस्वती के मंदिर के रूप में करवाया था. ऐसा कहा जाता है कि राजा भोज मां सरस्वती के अनन्य भक्त थे. इसी से प्रसन्न होकर उन्हें मां सरस्वती ने दर्शन दिए थे. जिस रूप में मां सरस्वती ने राजा भोज को दर्शन दिए थे, उसी स्वरूप में मूर्ति बनवाकर इस भोजशाला में स्थापित की गई.

Intro:बसंत पंचमी के मौके पर धार स्थित भोजशाला में भक्तों का लगा ताता ,भोजशाला मे स्थित हवन कुंड में भक्तों ने डाली आहुति, मां वाग्देवी के तेल चित्र की करि पूजा अर्चना


Body:बसंत पंचमी ज्ञान की देवी मां सरस्वती का जन्मोत्सव पूरे भारतवर्ष में बड़े हर्षोल्लास के साथ मनाया जा रहा है, इसी कड़ी में धार में स्थित मां सरस्वती के मंदिर भोजशाला में भी बसंत पंचमी के मौके पर सुबह से ही भक्तों का ताता लगने लगा है ,बसंत पंचमी के मौके पर भोजशाला को दुल्हन की तरह सजाया गया है ,यहां पर आने वाले भक्तों ने भोजशाला में स्थित हवन कुंड में आहुतियां देकर मां सरस्वती के वाग्देवी स्वरूप के तेल चित्र का दर्शन कर रहे हैं, पूजा अर्चना कर रहे हैं ,और उनका आशीर्वाद ले रहे हैं, सुरक्षा की दृष्टि से भोजशाला में बड़ी संख्या में पुलिस बल भी तैनात किया गया है, धर्म जागरण मंच के विभाग संयोजग गोपाल शर्मा ने बताया कि बसंत पंचमी के मौके पर भोजशाला में मां सरस्वती के दर्शन के लिए बड़ी संख्या में लोग आते हैं ,वह भोजशाला में स्थित हवन कुंड में आहुतियां देकर मां वाग्देवी के तेल चित्र की पूजा अर्चना की जाती है एवं उसके बाद नगर में शोभायात्रा भी निकाली जाती है जिसके बाद भोजशाला में महाआरती का आयोजन भी किया जाएगा, वहीं बसंत पंचमी के मौके पर भोजशाला में दर्शन करने से ज्ञान की देवी मां सरस्वती प्रसन्न होती है और ज्ञान की प्राप्ति होती है ,वही बसंत पंचमी के मौके पर भोजशाला में लोग बड़ी संख्या में पहुंचकर मां वाग्देवी के तेल चित्र का की पूजा अर्चना कर रहे हैं।

आपको बता दें कि धार स्थित भोजशाला का निर्माण राजा भोज ने मां सरस्वती के मंदिर के रूप में करवाया था, ऐसा कहा जाता है कि राजा भोज मां सरस्वती के अनन्य भक्त थे, इसी से प्रसन्न होकर उन्हें मां सरस्वती ने दर्शन दिए थे ,जिस रूप में मां सरस्वती ने राजा भोज को दर्शन दिए उसी स्वरूप में मूर्ति बनवा कर इस भोजशाला में स्थापित की गई ।


Conclusion:बाइट-01-गोपाल शर्मा-धर्म जागरण मंच

बाइट-02-केशव शर्मा-भक्त
Last Updated : Jan 30, 2020, 3:04 PM IST
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