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लक्ष्य से कम हुई समर्थन मूल्य पर गेहूं की खरीदी, किसानों ने बाजार में बेची फसल

धार में इस बार किसानों ने खरीदी केन्द्रों की बजाए गेहूं की फसल बाजार में बेच दी. जिससे खरीदी केन्द्रों पर जो लक्ष्य गेहूं के लिए रखा गया था, उसमें वह पिछड़ गया है.

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Published : May 28, 2019, 2:42 AM IST

Updated : May 28, 2019, 7:32 AM IST

धार। समर्थन मूल्य पर खरीदी केंद्रों में इस बार लक्ष्य से कम गेहूं खरीदा गया. इसका मुख्य कारण समय से पहले गेहूं की फसल आने को बताया जा रहा है. वहीं किसानों का कहना है कि समर्थन मूल्य पर गेहूं खरीदी की प्रक्रिया इस बार काफी देर से शुरू हुई है, जिसके कारण किसानों ने अपनी फसल बाजारों में बेच दी.

किसान संतोष मारू ने बताया कि समर्थन मूल्य द्वारा जो मंडियों में गेहूं की खरीदी होती थी, वो इस बार बहुत देर से शुरू की गई. किसानों की फसल बेचने के लिए बाजार में जल्द आ गई थी. जिसके कारण किसानों को अपना गेहूं बाजार में बेचना पड़ा, जिसका मूल्य भी किसानों को अच्छा मिला है.

किसानों का कहना है कि खरीदी केन्द्रों के बजाए बाजार में समर्थन मूल्य से ज्यादा किसानों को दाम मिले हैं. इसके साथ ही राशि भी जल्दी मिल गई, जबकि समर्थन मूल्य पर बेचने के बाद किसानों के खातों में राशि भी लेट आती है और परेशानी भी होती है.

जिला आपूर्ति अधिकारी ने कहा कि खरीदी केन्द्रों पर जब गेहूं की खरीद शुरू हुई, तो हमारा अनुमानित अनुमान 1 लाख 50 टन का लक्ष्य था, लेकिन किसानों ने पंजीयन भी करवाए और जब गेहूं की खरीदी चालू हुई, तो गेहूं काफी टूट चुका था. अभी तक खरीदी केन्द्रों पर 37 हजार टन ही गेहूं की खरीदी हुई है. अभी तक 5 हजार 610 किसानों से गेहूं खरीदा गया है. इन आंकड़ों से यह साफ जाहिर होता है कि समर्थन मूल्य पर इस बार जिले में किसानों ने गेहूं कम ही बेचा है.

समर्थन मूल्य पर लक्ष्य से कम हुई गेहूं की खरीदी

जिला आपूर्ति अधिकारी ने बताया कि इस बार गेहूं की फसल जल्दी आ गई थी जिस वजह से किसानों ने पहले ही गेहूं मंडी व्यपारियों को बेच दिया. जिसके कारण जिले में इस बार समर्थन मूल्य पर कम गेहूं खरीदी हुई है. वही किसानों की मानें तो इस बार समर्थन मूल्य पर गेहूं खरीदी का काम देर से शुरू किया गया. जब समर्थन मूल्य पर गेहूं की खरीदी शुरू की गई, तो उससे पहले ही गेहूं की फसल किसानों की तैयार हो चुकी थी. वहीं समर्थन मूल्य से ज्यादा बाजार में और मंडियों में गेहूं के उन्हें भाव 2 हजार से 21 सौ 50 रुपये प्रति क्विंटल के भाव मिले हैं. जिस वजह से किसानों ने समर्थन मूल्य पर केंद्रों पर कम ही गेहूं बेचा है.

धार। समर्थन मूल्य पर खरीदी केंद्रों में इस बार लक्ष्य से कम गेहूं खरीदा गया. इसका मुख्य कारण समय से पहले गेहूं की फसल आने को बताया जा रहा है. वहीं किसानों का कहना है कि समर्थन मूल्य पर गेहूं खरीदी की प्रक्रिया इस बार काफी देर से शुरू हुई है, जिसके कारण किसानों ने अपनी फसल बाजारों में बेच दी.

किसान संतोष मारू ने बताया कि समर्थन मूल्य द्वारा जो मंडियों में गेहूं की खरीदी होती थी, वो इस बार बहुत देर से शुरू की गई. किसानों की फसल बेचने के लिए बाजार में जल्द आ गई थी. जिसके कारण किसानों को अपना गेहूं बाजार में बेचना पड़ा, जिसका मूल्य भी किसानों को अच्छा मिला है.

किसानों का कहना है कि खरीदी केन्द्रों के बजाए बाजार में समर्थन मूल्य से ज्यादा किसानों को दाम मिले हैं. इसके साथ ही राशि भी जल्दी मिल गई, जबकि समर्थन मूल्य पर बेचने के बाद किसानों के खातों में राशि भी लेट आती है और परेशानी भी होती है.

जिला आपूर्ति अधिकारी ने कहा कि खरीदी केन्द्रों पर जब गेहूं की खरीद शुरू हुई, तो हमारा अनुमानित अनुमान 1 लाख 50 टन का लक्ष्य था, लेकिन किसानों ने पंजीयन भी करवाए और जब गेहूं की खरीदी चालू हुई, तो गेहूं काफी टूट चुका था. अभी तक खरीदी केन्द्रों पर 37 हजार टन ही गेहूं की खरीदी हुई है. अभी तक 5 हजार 610 किसानों से गेहूं खरीदा गया है. इन आंकड़ों से यह साफ जाहिर होता है कि समर्थन मूल्य पर इस बार जिले में किसानों ने गेहूं कम ही बेचा है.

समर्थन मूल्य पर लक्ष्य से कम हुई गेहूं की खरीदी

जिला आपूर्ति अधिकारी ने बताया कि इस बार गेहूं की फसल जल्दी आ गई थी जिस वजह से किसानों ने पहले ही गेहूं मंडी व्यपारियों को बेच दिया. जिसके कारण जिले में इस बार समर्थन मूल्य पर कम गेहूं खरीदी हुई है. वही किसानों की मानें तो इस बार समर्थन मूल्य पर गेहूं खरीदी का काम देर से शुरू किया गया. जब समर्थन मूल्य पर गेहूं की खरीदी शुरू की गई, तो उससे पहले ही गेहूं की फसल किसानों की तैयार हो चुकी थी. वहीं समर्थन मूल्य से ज्यादा बाजार में और मंडियों में गेहूं के उन्हें भाव 2 हजार से 21 सौ 50 रुपये प्रति क्विंटल के भाव मिले हैं. जिस वजह से किसानों ने समर्थन मूल्य पर केंद्रों पर कम ही गेहूं बेचा है.

Intro:समर्थन मूल्य पर गेहूं खरीदी केंद्रों पर लक्ष्य से कम हुई गेहूं खरीदी ,जिला आपूर्ति अधिकारी ने समय से पहले गेहूं की फसल आने को बताया कारण,किसानो ने समर्थन मूल्य से बाजार में ज्यादा भाव मिलने के साथ गेहू बिकरी के पैसे जल्दी मिलने की बात कही, धार जिले में किसानों से गेहूं समर्थन मूल्य पर खरीदने के लिए 87 गेहू खरीदी केंद्र बनाए गए थे ,25 मार्च से जिन पर किसानों से 1840 प्रति क्विंटल समर्थन मूल्य पर गेहूं खरीदी शुरू कर दी गई थी, जैसे ही समर्थन मूल्य पर गेहूं खरीदी का कार्य शुरू हुआ तो जिले भर से किसानों ने उनकी पहुंच से दूर केंद्र बनाए जाने का विरोध किया था वहीं किसान भी कम ही समर्थन मूल्य पर गेहूं बेचने के लिए केंद्रों पर पहुंचे थे जिसका असर गेहूं खरीदी के आंकड़ों पर साफ देखा जा सकता है जिला आपूर्ति अधिकारी आर.सी मीणा ने बताया था कि इस बार जिले में किसानों से समर्थन मूल्य पर गेहूं खरीदी का लक्ष्य 1 लाख 50 हजार मैट्रिक टन का रखा था पर इस बार केवल 37 हजार मैट्रिक टन ही किसानों से गेहूं खरीदी गया है और यह गेहूं समर्थन मूल्य पर बेचने वाले 5610 किसानों से खरीदा गया है इन आंकड़े से यह साफ जाहिर होता है कि समर्थन मूल्य पर इस बार जिले में किसानों ने गेहूं कम ही बेचा है जब इस बारे में जिला पूर्ति अधिकारी से सवाल किया गया तो उन्होंने बताया कि इस बार गेहूं की फसल जल्दी आ गई थी जिस वजह से किसानों ने पहले ही गेहूं मंडी ओर व्यपारियो को बेच दिया था जिसके कारण जिले में इस बार समर्थन मूल्य पर कम गेहूं खरीदी हुई है।वही किसानों की मानें तो इस बार समर्थन मूल्य पर गेहूं खरीदी का काम देर से शुरू किया गया जब समर्थन मूल्य पर गेहूं की खरीदी शुरू की गई उससे पहले ही गेहूं की फसल किसानों की तैयार हो चुकी थी वही समर्थन मूल्य से ज्यादा बाजार में और मंडियों में गेहूं के उन्हें भाव(2000 सेब2150 रुपये प्रति क्विंटल) मिले जिस वजह से उन्होंने समर्थन मूल्य पर केंद्रों पर कम ही गेहूं बेचा।

बाइट-01-आर.सी मीणा-जिला आपूर्ति अधिकारी

बाइट-02-संतोष मारू-किसान


Body:ok


Conclusion:ok
Last Updated : May 28, 2019, 7:32 AM IST
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