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बसंत पंचमी पर भोजशाला के गेट पर महिलाओं ने की मां वाग्देवी के तेल चित्र की पूजा

धार में बसंत पंचमी के मौके पर स्थित भोजशाला में मां-वाग्देवी का तेल चित्र रखकर हिंदू समाज द्वारा मातृशक्ति द्वारा पूजा अर्चना की गई. वहीं अगले दिन शुक्रवार को भोजशाला में केवल मुस्लिम सामाज का प्रवेश रहता है.

Muslim community recited namaz at Bhojshala on Friday
कड़ी पुलिस सुरक्षा के बीच मुस्लिस सामाज ने की नमाज अदा
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Published : Jan 31, 2020, 8:40 PM IST

धार। ज्ञान की देवी मां सरस्वती का जन्मोत्सव बसंत पंचमी हर्षोल्लास के साथ मनाया गया, वहीं धार स्थित भोजशाला में बसंत पंचमी के मौके पर मां-वाग्देवी का तेल चित्र रखकर हिंदू समाज द्वारा मातृशक्ति द्वारा पूजा अर्चना की जाती है, बसंत पंचमी के अगले दिन महाराजा भोज स्मृति बसंतउत्सव समिति द्वारा मातृशक्ति सम्मेलन का आयोजन किया जाता है, और भोजशाला के गर्भगृह मां वाग्देवी के तेल चित्र की पूजा अर्चना की जाती है.

कड़ी पुलिस सुरक्षा के बीच मुस्लिस सामाज ने की नमाज अदा


परंतु इस वर्ष बसंत पंचमी गुरूवार को थी और अगले दिन शुक्रवार होने के चलते भोजशाला में केवल मुस्लिम सामाज का प्रवेश रहता है, जिसके चलते कड़ी पुलिस सुरक्षा के बीच भोजशाला में दोपहर की नमाज मुस्लिस समाज ने अदा की और भोजशाला को बंद कर दिया गया.


महाराजा भोज स्मृति बसंत उत्सव समिति द्वारा आयोजित मातृशक्ति सम्मेलन की महिलाएं मां वाग्देवी का तेलचित्र लेकर भोजशाला परिसर पहुंची, जहां उन्होंने पुलिस प्रशासन से भोजशाला के अंदर मां वाग्देवी देवी के तेलचित्र को रख कर पूजा अर्चना की मांग करी पर प्रशासन ने ए.एस.आई के नियमानुसार पूजा अर्चना के लिए भोजशाला में जाने नहीं दिया , जिसके बाद मातृशक्ति सम्मेलन में मौजूद महिलाओं ने मां वाग्देवी के तेल चित्र को भोजशाला के गेट पर रखकर ही उसकी पूजा-अर्चना की.


धार एस.पी आदित्य प्रताप सिंह ने बताया कि शुक्रवार होने के चलते भोजशाला में नमाज अदा कराई गई , जिसके बाद महाराजा भोज स्मृति बसंत उत्सव समिति के द्वारा आयोजित मातृशक्ति सम्मेलन में मौजूद महिलाओं ने भोजशाला के गेट पर मां वाग्देवी का तेल चित्र रखकर शांतिपूर्ण तरीके से पूजा-अर्चना करी.

धार। ज्ञान की देवी मां सरस्वती का जन्मोत्सव बसंत पंचमी हर्षोल्लास के साथ मनाया गया, वहीं धार स्थित भोजशाला में बसंत पंचमी के मौके पर मां-वाग्देवी का तेल चित्र रखकर हिंदू समाज द्वारा मातृशक्ति द्वारा पूजा अर्चना की जाती है, बसंत पंचमी के अगले दिन महाराजा भोज स्मृति बसंतउत्सव समिति द्वारा मातृशक्ति सम्मेलन का आयोजन किया जाता है, और भोजशाला के गर्भगृह मां वाग्देवी के तेल चित्र की पूजा अर्चना की जाती है.

कड़ी पुलिस सुरक्षा के बीच मुस्लिस सामाज ने की नमाज अदा


परंतु इस वर्ष बसंत पंचमी गुरूवार को थी और अगले दिन शुक्रवार होने के चलते भोजशाला में केवल मुस्लिम सामाज का प्रवेश रहता है, जिसके चलते कड़ी पुलिस सुरक्षा के बीच भोजशाला में दोपहर की नमाज मुस्लिस समाज ने अदा की और भोजशाला को बंद कर दिया गया.


महाराजा भोज स्मृति बसंत उत्सव समिति द्वारा आयोजित मातृशक्ति सम्मेलन की महिलाएं मां वाग्देवी का तेलचित्र लेकर भोजशाला परिसर पहुंची, जहां उन्होंने पुलिस प्रशासन से भोजशाला के अंदर मां वाग्देवी देवी के तेलचित्र को रख कर पूजा अर्चना की मांग करी पर प्रशासन ने ए.एस.आई के नियमानुसार पूजा अर्चना के लिए भोजशाला में जाने नहीं दिया , जिसके बाद मातृशक्ति सम्मेलन में मौजूद महिलाओं ने मां वाग्देवी के तेल चित्र को भोजशाला के गेट पर रखकर ही उसकी पूजा-अर्चना की.


धार एस.पी आदित्य प्रताप सिंह ने बताया कि शुक्रवार होने के चलते भोजशाला में नमाज अदा कराई गई , जिसके बाद महाराजा भोज स्मृति बसंत उत्सव समिति के द्वारा आयोजित मातृशक्ति सम्मेलन में मौजूद महिलाओं ने भोजशाला के गेट पर मां वाग्देवी का तेल चित्र रखकर शांतिपूर्ण तरीके से पूजा-अर्चना करी.

Intro:शुक्रवार को भोजशाला में मुस्लिम समाज ने पढ़ी नमाज, तो हिंदू समाज कि मातृशक्ति ने भोजशाला कि देहलीज पर मां वाग्देवी देवी के तेल चित्र की करी पूजा-अर्चना ,सुरक्षा की दृष्टि से बड़ी संख्या में तैनात किया गया पुलिस बल, शांतिपूर्ण संपन्न हुआ कार्यक्रम


Body:ज्ञान की देवी मां सरस्वती का जन्मोत्सव बसंत पंचमी के मौके पर हर्षोल्लास के साथ मनाया गया ,वहीं धार स्थित भोजशाला में बसंत पंचमी के मौके पर मां-वाग्देवी का तेल चित्र रखकर हिंदू समाज द्वारा मातृशक्ति द्वारा पूजा अर्चना की जाती है, बसंत पंचमी के अगले दिन महाराजा भोज स्मृति बसंतउत्सव समिति द्वारा मातृशक्ति सम्मेलन का आयोजन किया जाता है और भोजशाला के गर्भगृह मां वाग्देवी के तेल चित्र की पूजा अर्चना की जाती है, परंतु इस वर्ष बसंत पंचमी गुरूवार को थी और अगले दिन शुक्रवार होने के चलते भोजशाला में केवल मुस्लिम सामाज का प्रदेश रहता है, इसी के चलते कड़ी पुलिस सुरक्ष के बीच भोजशाला में दोपहर की नमाज मुस्लिस सामाज दवारा अदा करि गई ,नाजक के बाद 3 बजे भोजशाला को बंद करि दिया गया, जिसके बाद महाराजा भोज स्मृति बसंत उत्सव समिति द्वारा आयोजित मातृशक्ति सम्मेलन की महिलाएं मां वाग्देवी का तेलचित्र लेकर भोजशाला परिसर पहुंची, जहां पर उन्होंने पुलिस प्रशासन से भोजशाला के अंदर मां वाग्देवी देवी के तेलचित्र को रख कर पूजा अर्चना की मांग करी, परंतु प्रशासन ने ए.एस.आई के नियमानुसार पूजा अर्चना के लिए भोजशाला में जाने नही दिया, जिसके बाद मातृशक्ति सम्मेलन में मौजूद महिलाओं ने मां वाग्देवी के तेल चित्र को भोजशाला के गेट पर रखकर ही उसकी पूजा-अर्चना की ,हालांकि इस दौरान विवाद की स्थिति भी बनी है परंतु प्रशासन कि समझाइस के बाद मामला शांत हुआ,मातृ शाक्ति के दवारा मां वाग्देवी की पूजा अर्चना भोजशाला के गेट पर शांतिपूर्ण तरीके से की गई, इस तरह मातृशक्ति सम्मेलन संपन्न हुआ जिसके बाद प्रशासन ने भी राहत की सांस ली, वहीं धार एस.पी आदित्य प्रताप सिंह ने बताया कि शुक्रवार होने के चलते भोजशाला में नमाज अदा कराई गई , जिसके बाद महाराजा भोज स्मृति बसंत उत्सव समिति के द्वारा आयोजित मातृशक्ति सम्मेलन में मौजूद महिलाओं ने भोजशाला के गेट पर मां वाग्देवी का तेल चित्र रखकर शांतिपूर्ण तरीके से पूजा-अर्चना करी, इस तरह पूरा कार्यक्रम शांतिपूर्ण तरीके से समाप्त हुआ।

आपको बता दें कि धार स्थित भोजशाला भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण विभाग के अधीन है ,वहीं भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण विभाग के द्वारा भोजशाला में मंगलवार को केवल हिंदू समाज का ही प्रवेश निर्धारित किया है, तो वहीं शुक्रवार को केवल मुस्लिम समाज के लिए ही प्रवेश निर्धारित किया गया है, चुकी आज शुक्रवार था इसी के चलते भोजशाला परिसर में आज मुस्लिम समाज द्वारा नमाज अदा की गई , वहीं दूसरी ओर कई वर्षों से महाराजा भोज स्मृति बसंत उत्सव समिति द्वारा बसंत पंचमी के मौके पर भोजशाला में मां वाग्देवी का तेल चित्र रखकर महाआरती का आयोजन किया जाता है ओर भक्तो दवारा भोजशाला में स्थित यज्ञ कुंड में आहुतियां भी दी जाती है, वही बसंत पंचमी के अगले दिन समिति द्वारा मातृशक्ति का सम्मेलन भी आयोजित किया जाता है और भोजशाला के गर्भगृह में मां वाग्देवी का तेल चित्र रख कर पूजा अर्चना भी की जाती है, परंतु इस वर्ष बसंत पंचमी गुरुवार को थी और बसंत पंचमी के अगले दिन शुक्रवार था, चुकी कि शुक्रवार को केवल भोजशाला में भारतीय पुरातत्व संरक्षण विभाग द्वारा मुस्लिमों को ही प्रवेश देने की अनुमति दी गई थी, इसी के चलते भोजशाला में दोपहर के समय मुस्लिम समाज द्वारा नमाज अदा की गई इसके बाद प्रशासन द्वारा भोजशाला को बंद कर दिया गय, वही महाराजा भोज स्मृति बसंत उत्सव समिति द्वारा आयोजित मातृशक्ति सम्मेलन में मौजूद महिलाओं ने भोजशाला कि दहलीज पर मां वाग्देवी का तेल चित्र रखकर उसकी पूजा-अर्चना की यह पूरा कार्यक्रम बड़ी संख्या में पुलिस बल की मौजूदगी में शांतिपूर्ण तरीके से संपन्न हुआ। हालांकि मातृशक्ति द्वारा भोजशाला के दहलीज पर मां वाग्देवी की पूजा अर्चना को लेकर मुस्लिम समाज के कुछ लोगों ने प्रशासन के सामने आपत्ति भी भी दर्ज कराई मुस्लिम समाज के लोगों का कहना था कि जब शुक्रवार को भोजशाला में मुस्लिम समाज के लिए ही प्रवेश निर्धारित है तो फिर हिंदू समाज की महिलाओ द्वारा यहां पर क्यों पूजा-अर्चना की जा रही है ,हालांकि प्रशासन की समझाइश के बाद यह मामला भी शांत हुआ,





Conclusion:बाइट-01- आदित्य प्रताप सिंह- एस.पी धार
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