भोपाल। धार जिले के कारम बांध में रिसाव, मरम्मत और रेस्कयू को लेकर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह लगातार नजर बनाए हुए हैं. भोपाल से वह पल-पल की जानकारी ले रहे हैं. वहीं, किसी भी स्थिति से निपटने के लिए इंडियन आर्मी के साथ ही एनडीआरएफ की टीमें शनिवार को धार जिले में पहुंच चुकी हैं. भारतीय वायु सेना (IAF) के दो हेलीकॉप्टरों को स्टैंडबाय पर रखा गया है. बांध का पानी सुरक्षित रूप से निकाला जा रहा है ताकि बांध की दीवारों पर दबाव कम किया जा सके.
मंत्री सिलावट बोले- स्थिति पूरी तरह से नियंत्रण में : जल संसाधन विभाग के अधिकारियों का कहना है कि बांध का जलाशय इस मानसून में पहली बार पानी से भर रहा था, क्योंकि यह निर्माणाधीन है. लेकिन दरार व रिसाव होने के कारण एहतियात के तौर पर धार जिले के 12 गांवों और खरगोन जिले के छह गांवों के लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया है. उन्होंने कहा कि ये बस्तियां बांध के नीचे की ओर थीं. राज्य के जल संसाधन मंत्री तुलसी सिलावट ने शनिवार को एक बयान जारी कर कहा कि आपात स्थिति से निपटने के लिए सेना का एक दल धार पहुंच गया है और एनडीआरएफ भी काम पर उतर गया है. मंत्री सिलावट ने बताया कि स्थिति पूरी तरह से नियंत्रण में है और जलाशय की दीवारों पर दबाव कम करने के लिए बांध से पानी सुरक्षित रूप से निकाला जा रहा है. सिलावट स्थिति पर नजर रखने के लिए बांध स्थल पर ही हैं.
बांध की लागत 304 करोड़, अब तक 174 करोड़ खर्च : सूत्रों के अनुसार 304 करोड़ रुपये की लागत वाले इस बांध पर अब तक 174 करोड़ रुपये खर्च किए जा चुके हैं. भोपाल के साथ ही गुजरात के वडोदरा ,सूरत से इंजीनियरों और एनडीआरएफ की तीन टीमों सहित सेना के करीब 200 जवान धार पहुंच चुके हैं. प्रत्येक टीम में लगभग 30 से 35 सदस्य हैं. इनके अलावा, राज्य आपदा आपातकालीन प्रतिक्रिया बल (एसडीईआरएफ) के आठ समूह धार में काम कर रहे हैं. अतिरिक्त मुख्य सचिव (एसीएस) गृह डॉ. राजेश राजोरा ने एक बयान में कहा दो आईएएफ हेलीकॉप्टरों को स्टैंडबाय पर रखा गया है. बांध स्थल पर मंत्री सिलावट के अलावा, उद्योग मंत्री राजवर्धन सिंह दत्तीगांव भी हैं.
कांग्रेस ने लगाए भ्रष्टाचार के आरोप : वहीं, कांग्रेस इस मामले को लेकर शिवराज सरकार पर हमलावर है. कमलनाथ पहले ही सरकार पर भ्रष्टाचार के आरोप लगा चुके हैं. धार जिले के मनावर से कांग्रेस विधायक डॉ. हीरालाल अलावा ने भी आरोप लगाया कि पैसा बनाने के लिए 304 करोड़ रुपये के बांध की कमजोर नींव रखी गई थी और इससे पानी का रिसाव हुआ है. कमजोर नींव पानी के दबाव का सामना नहीं कर सकी. रिसाव से बांध निर्माण में बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार की बू आती है, जिसने 26,000 से अधिक लोगों के जीवन को खतरे में डाल दिया है.