धार। शक्ति स्वरूप हनुमान जी का जन्म उत्सव बड़े हर्षोल्लास के साथ में आज पूरे देश में लॉकडाउन का पालन करते हुए मनाया जा रहा है, इसी कड़ी में धार जिले के गंधवानी में बलवारी वाले बालाजी धाम में भी भगवान हनुमान जी का जन्म उत्सव लॉकडाउन पालन करते हुए मनाया जा रहा है.
![Hanuman Jayanti is being celebrated all over the country](https://etvbharatimages.akamaized.net/etvbharat/prod-images/mp-dha-01-balwari-wale-balaji-pkg-7203883-pic-1-dharjpg_08042020121916_0804f_1586328556_280.jpg)
स्वयंभू हैं बलवारी वाले बालाजी
ऐसा माना जाता है कि बलवारी वाले बालाजी त्रेता युग से बलवारी में विराजमान है. बलवारी वाले बालाजी जी के चरणों में पाताल देवी चंडिका का वास है. 12 फीट लंबी और 5 फीट चौड़ी बलवारी वाले बालाजी की मूर्ति एक ही पत्थर से बनी हुई है, जो कि बिना किसी सहारे के खड़ी हुई है, बालाजी के भक्त बताते हैं कि ये मूर्ति साल दर साल आगे की ओर झुकती जा रही हैं.
अपने भक्तों को तीन रूपों में देते हैं दर्शन
बलवारी वाले बालाजी अपने भक्तों की हर मनोकामना पूरी करते हैं और वो अपने भक्तों को तीन रूपों में दर्शन देते हैं, ऐसा माना जाता है कि बलवारी वाले बालाजी सुबह बाल्यावस्था में, तो दोपहर में युवा अवस्था में, तो वहीं शाम को वृद्धावस्था में अपने भक्तों को दर्शन देते हैं. जिसके चलते बलवारी वाले बालाजी के तीनों स्वरूपों का दर्शन करने के लिए बलवारी वाले बालाजी में भक्तों का तांता हमेशा लगा ही रहता है.
ये है मान्यता
त्रेता युग से ही बलवारी वाले बालाजी का निवास बलवारी में है, तब से ही बलवारी वाले बालाजी ने अपने सिर के ऊपर छत स्वीकार नहीं की है, कई बार बलवारी वाले बालाजी के भक्तों ने बलवारी वाले बालाजी के सिर पर छत बनाई, लेकिन बालाजी ने कभी भी अपने सिर के ऊपर छत नहीं स्वीकारी. जो भी निर्माण होता वो किसी भी कारण वश टूट जाता. साल 1994 में बलवारी वाले बालाजी ने इंदौर के अपने भक्त नरसिंहदास खंडेलवाल को सपने में दर्शन दिए और उसे मंदिर और मंदिर कि छत बनाने का स्वप्न में आदेश दिया. जिसके बाद भक्त नरसिंहदास खंडेलवाल ने बलवारी धाम पहुंचकर 8 खंभों पर टिकी छत बनवाई.
अपने भक्तों की पूरी करते हैं मुराद
बलवारी वाले बालाजी के बड़ी संख्या में भक्त हैं और उनके धाम में हमेशा ही भक्तों का तांता लगा रहता है. बालाजी के धाम आने वाले भक्त बलवारी वाले बालाजी से कई तरीके की मुराद मांगते हैं और वो मुराद पूरी भी होती है. जब भी कोई मुराद मांगता है तो वह बलवारी वाले बालाजी के मंदिर में दीवार पर उल्टा सातिया बनाता है और जब भी वो मुराद पूरी होती है तो भक्त बलवारी वाले बाला जी को चोला चढ़ाता है, फिर एक सीधा सातीया बनाता है. इस तरह बलवारी वाले बालाजी अपने हर भक्त की हर मुराद पूरी करते हैं.
हनुमान जन्मोत्सव पर होते हैं विशेष कार्यक्रम
भगवान श्री हनुमान जी के जन्म के मौके पर बलवारी वाले बालाजी के धाम में विशेष आयोजन होते हैं, यहां पर सुबह महाआरती के साथ में दोपहर और शाम को भी महाआरती की जाती है. जिसमें बड़ी संख्या में बलवारी वाले बालाजी के भक्त पहुंचते हैं. यहां भंडारे का भी आयोजन किया जाता है, जिसमें भी बड़ी संख्या में दूरदराज से बलवारी वाले बालाजी के भक्त पहुंचे हैं. जो बलवारी वाले बालाजी का दर्शन कर भंडारे का आनंद लेते हैं. इस तरह बलवारी वाले बालाजी के जन्म उत्सव के मौके पर यहां पर विशेष आयोजन किए जाते हैं.
लॉकडाउन का दिखा असर
इस साल देश में कोरोना वायरस के संक्रमण से देश को बचाने के लिए लॉक डाउन किया गया है, जिसके चलते भगवान हनुमान जी के जन्मोत्सव के मौके पर बलवारी वाले बालाजी के धाम पर भी लॉकडाउन का असर देखा गया. मंदिर के पुजारी के द्वारा ही बलवारी वाले बालाजी की विशेष आरती सुबह और दोपहर के समय और शाम के समय की जाएगी. बलवारी वाले बालाजी के धाम में भक्तों के आने पर प्रतिबंध लगाया गया है. हनुमान जन्मोत्सव पर बलवारी वाले बालाजी धाम में कोरोना वायरस से देश को बचाने के लिए लगाए गए लॉकडाउन का पूरा पालन किया जा रहा है.