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ढोल नगाड़ों के साथ किया गाय का अंतिम संस्कार

धार। जिले के मनावर में गौ माता का अंतिम संस्कार और अंतिम विदाई दी गई, जिसमें सैकड़ों महिला, पुरुष, समाजसेवी, गौ सेवक शामिल हुए.

Cow mother's funeral
गाय का अंतिम संस्कार
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Published : Dec 22, 2019, 12:32 PM IST

धार। जिले के मनावर में गौ माता का अंतिम संस्कार और अंतिम विदाई दी गई, जिसमें सैकड़ों महिला, पुरुष, समाजसेवी, गौ सेवक शामिल हुए. मनावर के शोभाराम पाटीदार गाय को एक परिवार के सदस्य की तरह पालता था, जिसका नाम श्यामा रखा गया, जब गाय ने अंतिम सांस ली तो उनके परिवार में मातम सा छा गया. पाटीदार ने गौ माता के अंतिम विदाई के लिए समाजसेवी, महिला, पुरुष, और गौसेवकों को बुलाकर अंतिम विदाई पूरे रीति रिवाज के साथ की.

गाय का अंतिम संस्कार

अंतिम संस्कार के लिए ले जाने वाले वाहन को फूल मालाओं से सजाया गया और ढोल नगाड़ों के साथ महिलाओं ने गीत गाकर गाय के जयकारों के साथ विदाई दी और संदेश दिया कि गौमाता को पालने से बड़ा पुण्य का काम है जिससे घर परिवार में सुख शांति रहती है.

धार। जिले के मनावर में गौ माता का अंतिम संस्कार और अंतिम विदाई दी गई, जिसमें सैकड़ों महिला, पुरुष, समाजसेवी, गौ सेवक शामिल हुए. मनावर के शोभाराम पाटीदार गाय को एक परिवार के सदस्य की तरह पालता था, जिसका नाम श्यामा रखा गया, जब गाय ने अंतिम सांस ली तो उनके परिवार में मातम सा छा गया. पाटीदार ने गौ माता के अंतिम विदाई के लिए समाजसेवी, महिला, पुरुष, और गौसेवकों को बुलाकर अंतिम विदाई पूरे रीति रिवाज के साथ की.

गाय का अंतिम संस्कार

अंतिम संस्कार के लिए ले जाने वाले वाहन को फूल मालाओं से सजाया गया और ढोल नगाड़ों के साथ महिलाओं ने गीत गाकर गाय के जयकारों के साथ विदाई दी और संदेश दिया कि गौमाता को पालने से बड़ा पुण्य का काम है जिससे घर परिवार में सुख शांति रहती है.

Intro:मनावर गौ माता का अंतिम संस्कार एवं अंतिम विदाई देश के लिए प्रेरणा स्त्रोत बनी सैकड़ों महिला पुरुष समाजसेवी गौ सेवक अंतिम विदाई में पहुंचेBody:धार/मनावर के शोभाराम पाटीदार गोमाता को एक परिवार के सदस्य की तरह पालता था जिसका नाम श्यामा रख दिया जब गोमाता ने अंतिम सांस ली तो उनके परिवार में मातम सा छा गया पाटीदार ने गोमाता के अंतिम विदाई के लिए समाज से महिला पुरुष, समाजसेवीयो व गोसेवकों को बुलाकर गोमाता की अंतिम विदाई पूरे रीतिरिवाजों के साथ बिदाई दी, गोमाता के अंतिम संस्कार के लिए ले जाया गया उस वाहन को फूल मालाओं से सजाया ओर ढोल तासों के साथ महिलाओं ने गीत गाकर तो गोमाता के जयकारों के साथ बिदाई दी व संदेश दिया कि गोमाता को पालने से बड़ा पुण्य का काम है घर परिवार में सुख शांति रहती है

बाइट-01-चेतन पाटीदार परिजन
बाइट-02-मंगलेश सोनी गोसेवक विहितConclusion:मनावर के पाटीदार परिवार ने गोमाता को परिवार के सदस्य की तरह पाला जब गोमाता ने अंतिम सांस ली तो परिवार में मातम छा गया गोमाता के अंतिम संस्कार में बड़ी संख्या में समाजजन,समाजसेवी व गोसेवक आये ओर गोमाता को अंतिम विदाई दी

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