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धार: सूखे के चलते बर्बादी की कगार पर पहुंचीं किसानों की फसलें

बारिश नहीं होने की वजह से किसानों की जुलाई के पहले सप्ताह में बोई हुई फसलें खराब होने की कगार पर हैं, ऐसी स्थिती में किसान काफी परेशान हैं.

सूखे के चलते बर्बादी की कगार पर पहुंची किसानों की फसलें
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Published : Jul 21, 2019, 1:03 PM IST

धार । जिले में बारिश नहीं होने के चलते पहाड़ी क्षेत्र के किसानों कि फसलें बर्बाद होने की कगार पर पहुंच गई हैं, जिससे किसान काफी परेशान हैं. कुछ फसलें तो पानी कि कमी की वजह से सूखने भी लगी हैं. अनुमान लगाया जा रहा है कि यदि एक-दो दिन में अच्छी बारिश नहीं हुई तो किसानों की हरी-भरी फसलें सूख कर नष्ट होने की स्थिति में आ जाएगी. बता दें कि बारिश नहीं होने से पहाड़ी क्षेत्र के किसानों की भूमि में नमी धीरे-धीरे कम होती जा रही है जिससे फसलें सूख कर खराब होने लगी हैं. ऐसे में पहाड़ी क्षेत्र का हर किसान इंद्रदेव से बारिश कि कामना कर रहा है.

सूखे के चलते बर्बादी की कगार पर पहुंची किसानों की फसलें

दरअसल, जुलाई महीने के पहले सप्ताह में अच्छी बारिश होने पर किसानों ने अपने खेतों में मक्का ,सोयाबीन ,मूंगफली के साथ-साथ अन्य फसलों की बोनी की. खेतों में बारिश की वजह से नमी बनी रही जिससे बीजों का अंकुरण बेहतर हुआ लेकिन, जुलाई महीने के पहले सप्ताह के बाद से बारिश का इंतजार लंबा हो गया है जिससे खेतों की नमी धीरे-धीरे कम होती जा रही है.

वहीं, किसानों की इस चिंता को लेकर कृषि विभाग के अधिकारी का कहना है कि किसान अपने खेतों में नमी बनाए रखने के लिए पोटेशियम नाइट्रेट या मैग्नेशियम कार्बोनेट का छिड़काव करें. यदि किसान ऐसा करते हैं तो उनकी फसलें बारिश नहीं होने की स्थिति में भी कुछ समय के लिए बच सकती हैं.

धार । जिले में बारिश नहीं होने के चलते पहाड़ी क्षेत्र के किसानों कि फसलें बर्बाद होने की कगार पर पहुंच गई हैं, जिससे किसान काफी परेशान हैं. कुछ फसलें तो पानी कि कमी की वजह से सूखने भी लगी हैं. अनुमान लगाया जा रहा है कि यदि एक-दो दिन में अच्छी बारिश नहीं हुई तो किसानों की हरी-भरी फसलें सूख कर नष्ट होने की स्थिति में आ जाएगी. बता दें कि बारिश नहीं होने से पहाड़ी क्षेत्र के किसानों की भूमि में नमी धीरे-धीरे कम होती जा रही है जिससे फसलें सूख कर खराब होने लगी हैं. ऐसे में पहाड़ी क्षेत्र का हर किसान इंद्रदेव से बारिश कि कामना कर रहा है.

सूखे के चलते बर्बादी की कगार पर पहुंची किसानों की फसलें

दरअसल, जुलाई महीने के पहले सप्ताह में अच्छी बारिश होने पर किसानों ने अपने खेतों में मक्का ,सोयाबीन ,मूंगफली के साथ-साथ अन्य फसलों की बोनी की. खेतों में बारिश की वजह से नमी बनी रही जिससे बीजों का अंकुरण बेहतर हुआ लेकिन, जुलाई महीने के पहले सप्ताह के बाद से बारिश का इंतजार लंबा हो गया है जिससे खेतों की नमी धीरे-धीरे कम होती जा रही है.

वहीं, किसानों की इस चिंता को लेकर कृषि विभाग के अधिकारी का कहना है कि किसान अपने खेतों में नमी बनाए रखने के लिए पोटेशियम नाइट्रेट या मैग्नेशियम कार्बोनेट का छिड़काव करें. यदि किसान ऐसा करते हैं तो उनकी फसलें बारिश नहीं होने की स्थिति में भी कुछ समय के लिए बच सकती हैं.

Intro:जल्द बारिश नहीं हुई तो पहाड़ी छेत्र के किसानों कि फसले हो जायेगी बर्बाद,किसान परेशान, अन्नदाता इंद्रदेव से कर रहा है बारिश की आस


Body:यदि एक-दो दिन में अच्छी बारिश नहीं हुई तो किसानों की हरी-भरी फसलें सूख कर बर्बाद होने की स्थिति में आ जाएगी किसानों की फसलें नष्ट हो जाएगी क्योंकि बारिश नहीं होने से पहाड़ी क्षेत्र के किसानों की भूमि में नमी धीरे-धीरे कम होती जा रही है जिससे फसलें सुख कर बर्बाद होने की स्थिति में आ गई है पहाड़ी क्षेत्र का किसान इंद्रदेव से बारिश कि कामना कर रहा है दरअसल जुलाई महीने के पहले सप्ताह में अच्छी बारिश हुई तो किसानों ने अपने खेतों में मक्का ,सोयाबीन ,मूंगफली के साथ अन्य फसलों की बोनी करी, खेतों में बारिश की वजह से नमी बनी रही जिससे बीजों का अंकुरण बेहतर हुआ किसानों के खेतों में बीजों के अंकुरण से हरी चादर से बिछ गई ,परंतु जुलाई महीने के पहले सप्ताह के बाद से बारिश की लंबी हो गई है जिससे खेतों में नमी धीरे-धीरे कम होती जा रही है और फसलें सूखने की स्थिति में आ गई है यदि समय रहते अब बारिश नहीं हुई तो किसानों की फसलें बर्बाद हो जाएगी किसानों की इस चिंता को लेकर कृषि विभाग के अधिकारियों का कहना है कि किसान अपने खेतों में ज्यादा से ज्यादा डोरे खींचे, वहीं इसके साथ-साथ वह खेतों में नमी बनाए रखने के लिए पोटेशियम नाइट्रेट या मैग्नेशियम कार्बोनेट का छिड़काव करें, यदि किसान ऐसा करते है तो उसकी फसलें बारिश नहीं होने की स्थिति में भी कुछ समय के लिए बच सकती है


Conclusion:बरहाल किसानों को अपनी फसल बचाने के लिए बारिश के पानी की जरूरत है, किसान अब बारिश की आस लगाए हुए बैठे हैं,यदि समय समय रहते बारिश नहीं हुई तो किसानों की फसलें नष्ट हो जाएगी और वह कर्ज के बोझ तले दबने को मजबूर हो जाएंगे|

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