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अंधेरे में रहने को मजबूर 65 परिवार, डूब प्रभावित होने के बाद भी नहीं मिला मुआवजा - Sardar Sarovar Dam

सरदार सरोवर बांध के डूब प्रभावित क्षेत्र में धार जिले के करौंदिया के 65 परिवार इस क्षेत्र में रहने को मजबूर है. शासन के द्वारा विस्थापन के लिए इन परिवारों को कोई घर नही दिए गए है. जिसकी वजह से मजबूर इन्हे बिना बिजली के रहना पड़ रहा है.

डूब प्रभावित होने के बाद भी नहीं मिला रहा मुआवजा
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Published : Aug 30, 2019, 10:39 PM IST

धार। सरदार सरोवर बांध के कारण मध्यप्रदेश के धार,बड़वानी, खरगोन और अलीराजपुर जिले के 192 गांव और धरमपुरी शहर डूब प्रभावित हैं. डूब प्रभावित कई गांव सरकार की लापरवाही से परेशानियों का सामना कर रहे हैं. जिले के करोंदिया गांव में सुरक्षा की दृष्टि से पिछले एक महींने से बिजली काट दी गई है. जिससे यहां के लोग परेशान है.

डूब प्रभावित होने के बाद भी नहीं मिला रहा मुआवजा

करोंदिया गांव में 335 परिवार निवास कर रहे थे. उन 335 परिवारों में 65 परिवार को छोड़कर सभी को डूब प्रभावित मानकर उनका आदर्श पुनर्वास नीति के तहत मिलने वाली सुविधाओं का लाभ दे दिया है. लेकिन जिन 65 परिवारों को डूब प्रभावित नहीं माना गया. वे भी करोंदिया गांव में ही रहने को मजबूर हैं.

बांध के गेट बंद होने के चलते हैं नर्मदा का वाटर लेवल अब धीरे-धीरे डूब प्रभावित क्षेत्र के गांव में आ रहा है. जिससे गांव धीरे-धीरे टापू में तब्दील हो गया है. पर इन 65 परिवारों को छोड़कर सभी लोग पुनर्वास राहत केंद्रों और पुनर्वास स्थलों पर विस्थापित हो चुके हैं. जिसके बाद शासन ने सुरक्षा की दृष्टि से करोंदिया गांव की लाइट पिछले एक महीनें से काट दी है.

इस पर गांव में रह रहे लोगों ने बताया कि लाइट नहीं होने के चलते रात भर अंधेरे में ही रहना पड़ता है. घर का काम चिमनी की रोशनी में करना पड़ता हैं बच्चे भी लाइट नहीं होने के चलते परेशान है शासन हमारी कोई मदद नहीं कर रहा है.

इस समस्या पर नर्मदा घाटी एवं विकास प्राधिकरण मंत्री सुरेंद्र सिंह बघेल ने कहा कि सरदार सरोवर बांध से डूब प्रभावित क्षेत्र के लोगों कि हम हर संभव मदद कर रहे हैं. हम उनके साथ में हैं, डूब के कारण जो क्षेत्र टापू में तब्दील हुए हैं वहां लाइट जरूर काट दी गई है हम उन गांव के लोग कि जल्द से जल्द मदद करने का काम करेंगे.

धार। सरदार सरोवर बांध के कारण मध्यप्रदेश के धार,बड़वानी, खरगोन और अलीराजपुर जिले के 192 गांव और धरमपुरी शहर डूब प्रभावित हैं. डूब प्रभावित कई गांव सरकार की लापरवाही से परेशानियों का सामना कर रहे हैं. जिले के करोंदिया गांव में सुरक्षा की दृष्टि से पिछले एक महींने से बिजली काट दी गई है. जिससे यहां के लोग परेशान है.

डूब प्रभावित होने के बाद भी नहीं मिला रहा मुआवजा

करोंदिया गांव में 335 परिवार निवास कर रहे थे. उन 335 परिवारों में 65 परिवार को छोड़कर सभी को डूब प्रभावित मानकर उनका आदर्श पुनर्वास नीति के तहत मिलने वाली सुविधाओं का लाभ दे दिया है. लेकिन जिन 65 परिवारों को डूब प्रभावित नहीं माना गया. वे भी करोंदिया गांव में ही रहने को मजबूर हैं.

बांध के गेट बंद होने के चलते हैं नर्मदा का वाटर लेवल अब धीरे-धीरे डूब प्रभावित क्षेत्र के गांव में आ रहा है. जिससे गांव धीरे-धीरे टापू में तब्दील हो गया है. पर इन 65 परिवारों को छोड़कर सभी लोग पुनर्वास राहत केंद्रों और पुनर्वास स्थलों पर विस्थापित हो चुके हैं. जिसके बाद शासन ने सुरक्षा की दृष्टि से करोंदिया गांव की लाइट पिछले एक महीनें से काट दी है.

इस पर गांव में रह रहे लोगों ने बताया कि लाइट नहीं होने के चलते रात भर अंधेरे में ही रहना पड़ता है. घर का काम चिमनी की रोशनी में करना पड़ता हैं बच्चे भी लाइट नहीं होने के चलते परेशान है शासन हमारी कोई मदद नहीं कर रहा है.

इस समस्या पर नर्मदा घाटी एवं विकास प्राधिकरण मंत्री सुरेंद्र सिंह बघेल ने कहा कि सरदार सरोवर बांध से डूब प्रभावित क्षेत्र के लोगों कि हम हर संभव मदद कर रहे हैं. हम उनके साथ में हैं, डूब के कारण जो क्षेत्र टापू में तब्दील हुए हैं वहां लाइट जरूर काट दी गई है हम उन गांव के लोग कि जल्द से जल्द मदद करने का काम करेंगे.

Intro:अंधेरे में रहने को मजबूर 65 परिवार ,सरदार सरोवर बांध से डूब प्रभावित क्षेत्र ग्राम करौंदिया का मामला


Body:सरदार सरोवर बांध के कारण मध्यप्रदेश के धार,बड़वानी, खरगोन और अलीराजपुर जिले के 192 गांव और एक शहर धरमपुरी डूब प्रभावित हैं, डूबप्रभावित कई गांवों में डूब के सर्वे में कई तरह की विसंगतियां है इसी के चलते डूब क्षेत्र के कई गांव में कुछ गांव के लोगों को तो डूब में ले लिया और कुछ को छोड़ दिया है ,डूब सर्वे कि विसंगतियो के चलते डूब क्षेत्र में रहने वाले परिवार अब कई तरह की परेशानियों से जूझ रहे हैं हम बात कर रहे हैं सरदार सरोवर बांध से डूब प्रभावित धार जिले के ग्राम करौंदिया की इस गाँव मे 335 परिवार निवास कर रहे हैं,उन 335 परिवार में 65 परिवार को छोड़कर सभी को सरदार सरोवर बांध के कारण नर्मदा के बैक वाटर से डूब प्रभावित मानकर उनका आदर्श पुनर्वास नीति के तहत मिलने वाली सुविधाओं का लाभ दे दिया है परंतु जिन 65 परिवारों को सरदार सरोवर बांध से डूब प्रभावित नही मानकर डूब में नहीं लिया है वह परिवार आज भी सरदार सरोवर बांध के कारण डूब प्रभावित गांव करौंदिया में ही रहने को मजबूर है सरदार सरोवर बांध के गेट बंद होने के चलते हैं नर्मदा का बैक वाटर लेवल अब धीरे-धीरे डूब प्रभावित क्षेत्र के गांव को अपनी जद में ले रहा है , इसी के चलते ग्राम करौंदिया से नर्मदा का बैक वाटर लेवल बढ़ने से टापू में तब्दील हो चुका है ग्राम करौंदिया के 65 परिवार को छोड़कर सभी लोग पुनर्वास राहत केंद्रों और पुनर्वास स्थलों पर विस्थापित हो चुके हैं जिसके बाद शासन ने सुरक्षा की दृष्टि से ग्राम करौंदिया की लाइट पिछले 1 महीने से काट रखी है लाइट नहीं होने के चलते ग्राम करौंदिया में रहने वाले 65 परिवार के लोग अंधेरे में ही अपना जीवन यापन कर रहे हैं शाम होते ही सभी एक जगह इकट्ठा होकर पूरी रात गुजारते हैं,वहीं घर पर महिलाएं चिमनी की रोशनी में खाना बनाती है बच्चों को खिलाती है ,ग्राम करौंदिया के लोगों ने बताया कि लाइट नहीं होने के चलते रात भर अंधेरे में ही रहना पड़ता है घर का काम चिमनी की रोशनी में करना पड़ता हैं बच्चे भी लाइट नहीं होने के चलते परेशान है शासन हमारी कोई मदद नहीं कर रहा है वहीं ग्राम करौंदिया की समस्या को लेकर नर्मदा घाटी एवं विकास प्राधिकरण मंत्री सुरेंद्र सिंह बघेल ने कहा कि सरदार सरोवर बांध से डूब प्रभावित क्षेत्र के लोगों कि हम हर संभव मदद कर रहे हैं हम उनके साथ में हैं, डूब के कारण जो क्षेत्र टापू में तब्दील हुए हैं वहां लाइट जरूर काट दी गई है हम उन गांव के लोग कि जल्द से जल्द मदद करने का काम करेंगे।


Conclusion:बाइट-01-भगवान सिंह-ग्रामीण
बाइट-02-सुरेंद्र सिंह बघेल- नर्मदा घाटी विकास प्राधिकरण एवं पर्यटन मंत्री मध्यप्रदेश सरकार
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