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लकड़ी माफिया घने जंगलों की कर रहे कटाई, अधिकारी बेसुध - देवास न्यूज

कन्नौद वन परिक्षेत्र के कुसमानिया के जंगल में लकड़ी माफियाओं की अवैध कटाई लगातार जारी है. जिम्मेदार अधिकारियों को इस कटाई की जानकारी ही नहीं है. पिछले वर्ष भी 34 पेड़ों की अवैध कटाई की गई थी.

Illegal felling of trees
पेड़ों की अवैध कटाई
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Published : Jan 24, 2021, 1:04 PM IST

देवास। पर्यावरण को संतुलित करने के लिए सरकार बड़ी राशि खर्च कर पौधा रोपण करवाती है, लेकिन जिम्मदारों की लापरवाही से विशालकाय सागवान के पेड़ों की अवैध कटाई जारी है. कन्नौद वनपरिक्षेत्र के कुसमानिया का जंगल इन दिनों लकड़ी माफियाओं के निशाने पर हैं. जंगल में कही भी कटे हुए पेड़ों के ठूंठ आसानी से देखे जा सकते हैं. वन विभाग जंगल की सुरक्षा के तमाम दांवे करता है. लेकिन जमीनी स्तर पर नजारा कुछ और ही दिखाई देता है. लकड़ी माफिया पेड़ों की अवैध कटाई करके मौके पर ही सिल्लियां बनाते हैं. काम की लकड़ी अपने साथ ले जाते है. बाकी अवशेष छोड़ कर चले जाते हैं. लकड़ी का परिवहन भी वाहनों से किया जा रहा है.

Illegal felling of trees
पेड़ों की अवैध कटाई
  • कुसमानिया सबरेंज का मामला

जानकारी के अनुसार कन्नौद वनपरिक्षेत्र के जंगल में सागवान के पेड़ों की अंधाधुंध कटाई की जा रही है. जिसका ताजा उदाहरण कुसमानिया सबरेंज के कक्ष क्रमांक 180 एवं 182 में आसानी से देखा जा सकता है. यह कक्ष खुर्दलीखेड़ा से क्षेमरी देवी मार्ग से लगा हुआ है. इस कक्ष में अनगिनत विशालकाय सागवान के पेड़ों की अवैध कटाई हुई है.

  • मौके पर बनाई गई सिल्लियां

साथ ही मौके पर लकड़ी माफियाओं ने सिल्लियां भी बनाई है. जंगल से वाहन से परिवहन किया जा रहा है. इस कक्ष में ठूंठों को क्षेमरी देवी धाम माताजी स्थान जाने के दौरान मार्ग से भी स्पष्ट देखा जा सकता है. इन दिनों लकड़ी माफिया जंगल में बेख़ौफ़ होकर हरे-भरे पेड़ों की अवैध कटाई करने में लगा है.

  • कुछ ठूंठ पर नंबर अंकित किए कुछ बाकी

हालांकि वन विभाग के कर्मचारियों ने जिम्मेदारी के साथ कुछ ठूठों पर नंबर अंकित कर दिए है, लेकिन कुछ ठूंठ आज भी नंबर डलने का इंतजार कर रहे हैं.

  • बड़े-बड़े पेड़ों पर लगे घावटी के निशान

लकड़ी माफिया घंटों जंगल मे रहकर पेड़ों की कटाई करते हैं. कटाई के दौरान पेड़ का तना भीतर से खराब होता है, तो उसे अधूरा छोड़ देते है. कुछ पेड़ों पर कुल्हाड़ी से घावटी लगा दी ताकि पेड़ सुख जाए. सूखे हुए पेड़ को परिवहन करने में परेशानी न हो.

गौरतलब है कि पिछले कुछ महीनों से जंगल मे अवैध पेड़ों की कटाई होने की घटना बढ़ी है. जो कि अधिकारियों एवं कर्मचारियों की लापरवाही बयां कर रही है. पिछले साल कक्ष क्रमांक 181 में लकड़ी माफियाओं ने एक ही स्थान से सागवान के 34 पेड़ों की अवैध कटाई की थी.

  • अधिकारियों को नहीं है अवैध कटाई की जानकारी

इस संबंध में एसडीओ वन कन्नौद कैलाश वर्मा से चर्चा की तो बताया कि इस मामले में कोई जानकारी नहीं है. आपके द्वारा बताए गए मौके पर जाकर निरीक्षण करूंगा. जानकारी सही होने पर दोषियों पर सख्त कार्रवाई की जाएगी.

देवास। पर्यावरण को संतुलित करने के लिए सरकार बड़ी राशि खर्च कर पौधा रोपण करवाती है, लेकिन जिम्मदारों की लापरवाही से विशालकाय सागवान के पेड़ों की अवैध कटाई जारी है. कन्नौद वनपरिक्षेत्र के कुसमानिया का जंगल इन दिनों लकड़ी माफियाओं के निशाने पर हैं. जंगल में कही भी कटे हुए पेड़ों के ठूंठ आसानी से देखे जा सकते हैं. वन विभाग जंगल की सुरक्षा के तमाम दांवे करता है. लेकिन जमीनी स्तर पर नजारा कुछ और ही दिखाई देता है. लकड़ी माफिया पेड़ों की अवैध कटाई करके मौके पर ही सिल्लियां बनाते हैं. काम की लकड़ी अपने साथ ले जाते है. बाकी अवशेष छोड़ कर चले जाते हैं. लकड़ी का परिवहन भी वाहनों से किया जा रहा है.

Illegal felling of trees
पेड़ों की अवैध कटाई
  • कुसमानिया सबरेंज का मामला

जानकारी के अनुसार कन्नौद वनपरिक्षेत्र के जंगल में सागवान के पेड़ों की अंधाधुंध कटाई की जा रही है. जिसका ताजा उदाहरण कुसमानिया सबरेंज के कक्ष क्रमांक 180 एवं 182 में आसानी से देखा जा सकता है. यह कक्ष खुर्दलीखेड़ा से क्षेमरी देवी मार्ग से लगा हुआ है. इस कक्ष में अनगिनत विशालकाय सागवान के पेड़ों की अवैध कटाई हुई है.

  • मौके पर बनाई गई सिल्लियां

साथ ही मौके पर लकड़ी माफियाओं ने सिल्लियां भी बनाई है. जंगल से वाहन से परिवहन किया जा रहा है. इस कक्ष में ठूंठों को क्षेमरी देवी धाम माताजी स्थान जाने के दौरान मार्ग से भी स्पष्ट देखा जा सकता है. इन दिनों लकड़ी माफिया जंगल में बेख़ौफ़ होकर हरे-भरे पेड़ों की अवैध कटाई करने में लगा है.

  • कुछ ठूंठ पर नंबर अंकित किए कुछ बाकी

हालांकि वन विभाग के कर्मचारियों ने जिम्मेदारी के साथ कुछ ठूठों पर नंबर अंकित कर दिए है, लेकिन कुछ ठूंठ आज भी नंबर डलने का इंतजार कर रहे हैं.

  • बड़े-बड़े पेड़ों पर लगे घावटी के निशान

लकड़ी माफिया घंटों जंगल मे रहकर पेड़ों की कटाई करते हैं. कटाई के दौरान पेड़ का तना भीतर से खराब होता है, तो उसे अधूरा छोड़ देते है. कुछ पेड़ों पर कुल्हाड़ी से घावटी लगा दी ताकि पेड़ सुख जाए. सूखे हुए पेड़ को परिवहन करने में परेशानी न हो.

गौरतलब है कि पिछले कुछ महीनों से जंगल मे अवैध पेड़ों की कटाई होने की घटना बढ़ी है. जो कि अधिकारियों एवं कर्मचारियों की लापरवाही बयां कर रही है. पिछले साल कक्ष क्रमांक 181 में लकड़ी माफियाओं ने एक ही स्थान से सागवान के 34 पेड़ों की अवैध कटाई की थी.

  • अधिकारियों को नहीं है अवैध कटाई की जानकारी

इस संबंध में एसडीओ वन कन्नौद कैलाश वर्मा से चर्चा की तो बताया कि इस मामले में कोई जानकारी नहीं है. आपके द्वारा बताए गए मौके पर जाकर निरीक्षण करूंगा. जानकारी सही होने पर दोषियों पर सख्त कार्रवाई की जाएगी.

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