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हाटपिपल्या विधानसभा: कोरोना गाइडलाइन का पालन करते हुए मतदान जारी

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Published : Nov 3, 2020, 11:31 AM IST

देवास जिले की हाटपिपल्या विधानसभा सीट पर मतदाताओं में वोटिंग को लेकर खासा उत्साह नजर आ रहा है. सुबह से ही पोलिंग बूथों पर मतदाताओं की कतार लगी है. हाटपिपल्या में कुल 288 मतदान केंद्र बनाए गए हैं.

voting started in Hatpiplaya assembly
सोशल डिस्टेंसिंग के साथ मतदान जारी

देवास। देवास जिले की हाटपिपल्या विधानसभा सीट में हो रहे उपचुनाव के लिए मंगलवार सुबह 7 बजे से विधानसभा क्षेत्र में वोटिंग शुरू हो गई है. यहां 1 लाख 91 हजार 410 मतदाता हैं, जिन्हें और कोरोना संक्रमण को ध्यान में रखते हुए 288 मतदान केंद्र बनाए गए हैं. जिसमें 252 मुख्‍य, 36 सहायक मतदान केंद्र और 62 क्रिटिकल मतदान केंद्र हैं.

मतदान जारी

हाटपिपल्या विधानसभा सीट कई मायनों में बेहद महत्वपूर्ण है. हाटपिपल्या भगवान नृसिंह की नगरी मानी जाती है, जहां से प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री स्वर्गीय कैलाश जोशी का गृह नगर है. यह सीट सिंधिया समर्थक विधायक मनोज चौधरी के इस्तीफे के बाद रिक्त हुई, बीजेपी ने यहां से पूर्व विधायक मनोज चौधरी को ही मैदान में उतारा है.

प्रत्याशियों का प्रोफाइल

2018 विधानसभा चुनाव में सिंधिया खेमे के भाजपा प्रत्याशी मनोज चौधरी ने अपने राजनीतिक करियर का पहला चुनाव लड़ा और पूर्व मंत्री और हाटपिपल्या के पूर्व विधायक दीपक जोशी को हराया था. वहीं राजवीर सिंह बघेल अपनी ही पार्टी के खिलाफ सोनकच्छ से नगर परिषद का चुनाव लड़े और 2 बार अध्यक्ष रहे.

ये भी पढ़ें- मुरैना: वोटिंग के दौरान सुमावली में मतदान केंद्र पर फायरिंग, एक शख्स घायल

2018 विधानसभा चुनाव

हाटपिपल्या से पूर्व सीएम कैलाश जोशी के पुत्र और प्रदेश के पूर्व मंत्री दीपक जोशी लगातार दो बार विधायक रहे, लेकिन 2018 में उन्हें लगभग 13 हजार 5 सौ वोटों से हार का सामना करना पड़ा. दीपक जोशी को कांग्रेस के टिकट पर पहली ही बार चुनाव लड़े रहे मनोज चौधरी ने हरा दिया था. अब चौधरी भाजपा के टिकट पर उम्मीदवार हैं. कांग्रेस से चुनाव लड़ रहे राजवीर सिंह बघेल के पिता और पूर्व विधायक ठाकुर राजेन्द्र सिंह बघेल साल 2008 का विधानसभा चुनाव मनोज चौधरी के पिता नारायण सिंह चौधरी के कारण ही 220 मतों से हार गए थे.

नारायण सिंह चौधरी जिला पंचायत अध्यक्ष भी रह चुके हैं, उन्होंने कांग्रेस से बगावत कर 2008 में निर्दलीय विधानसभा चुनाव लड़ा था. अब राजवीर सिंह बघेल के सामने अपने पिता की हार का बदला लेने का ये एक सुनहरा मौका है. उस समय खाती समाज ने नारायण चौधरी के साथ एकजुट होकर मतदान किया था, जिसके कारण वो लगभग 22 हाजर से ज्यादा मत लेकर आए और राजेन्द्र सिंह बघेल चुनाव हार गए थे. दोनों के बेटे आमने- सामने हैं.

ये भी पढ़ें- ज्योतिरादित्य सिंधिया ने डाला वोट, कहा- बीजेपी की तरफ से वोट करने पर गर्व महसूस कर रहा हूं

ये समाज चुनाव को कर सकते हैं प्रभावित

उपचुनाव में पाटीदार, सेंधव और राजपूत मतों का खाती समाज के खिलाफ ध्रुवीकरण हो सकता है और इसका खामियाजा मनोज चौधरी को भुगतना पड़ सकता है, साथ ही पूर्व मंत्री दीपक जोशी की नाराजगी का भी असर चुनाव में देखने को मिल सकता है, आने वाला समय ही बताएगा कि, राजनीति का ये ऊंट अब किस करवट बैठेगा.

हाटपिपल्या विधानसभा क्षेत्र में वर्तमान में मतदाताओं की संख्या 1 लाख 91 हजार 410 है. जिसमें-

पुरुष मतदाताओं की संख्यामहिला मतदाताओं की संख्याअन्य
98 हजार 65692 हजार 7513

हाटपिपल्‍या विधानसभा क्षेत्र में 288 मतदान केन्‍द्र बनाए गए हैं, जिसमें 252 मुख्‍य, 36 सहायक मतदान केन्‍द्र और 62 क्रिटिकल मतदान केन्‍द्र हैं. वहीं पिछले विधानसभा चुनाव 2018 में हाटपिपल्या विधानसभा में बीजेपी प्रत्याशी दीपक जोशी को 69,818 वोट मिले थे और कांग्रेस प्रत्याशी मनोज चौधरी को 83 हजार 337 वोट मिले थे.

देवास। देवास जिले की हाटपिपल्या विधानसभा सीट में हो रहे उपचुनाव के लिए मंगलवार सुबह 7 बजे से विधानसभा क्षेत्र में वोटिंग शुरू हो गई है. यहां 1 लाख 91 हजार 410 मतदाता हैं, जिन्हें और कोरोना संक्रमण को ध्यान में रखते हुए 288 मतदान केंद्र बनाए गए हैं. जिसमें 252 मुख्‍य, 36 सहायक मतदान केंद्र और 62 क्रिटिकल मतदान केंद्र हैं.

मतदान जारी

हाटपिपल्या विधानसभा सीट कई मायनों में बेहद महत्वपूर्ण है. हाटपिपल्या भगवान नृसिंह की नगरी मानी जाती है, जहां से प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री स्वर्गीय कैलाश जोशी का गृह नगर है. यह सीट सिंधिया समर्थक विधायक मनोज चौधरी के इस्तीफे के बाद रिक्त हुई, बीजेपी ने यहां से पूर्व विधायक मनोज चौधरी को ही मैदान में उतारा है.

प्रत्याशियों का प्रोफाइल

2018 विधानसभा चुनाव में सिंधिया खेमे के भाजपा प्रत्याशी मनोज चौधरी ने अपने राजनीतिक करियर का पहला चुनाव लड़ा और पूर्व मंत्री और हाटपिपल्या के पूर्व विधायक दीपक जोशी को हराया था. वहीं राजवीर सिंह बघेल अपनी ही पार्टी के खिलाफ सोनकच्छ से नगर परिषद का चुनाव लड़े और 2 बार अध्यक्ष रहे.

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2018 विधानसभा चुनाव

हाटपिपल्या से पूर्व सीएम कैलाश जोशी के पुत्र और प्रदेश के पूर्व मंत्री दीपक जोशी लगातार दो बार विधायक रहे, लेकिन 2018 में उन्हें लगभग 13 हजार 5 सौ वोटों से हार का सामना करना पड़ा. दीपक जोशी को कांग्रेस के टिकट पर पहली ही बार चुनाव लड़े रहे मनोज चौधरी ने हरा दिया था. अब चौधरी भाजपा के टिकट पर उम्मीदवार हैं. कांग्रेस से चुनाव लड़ रहे राजवीर सिंह बघेल के पिता और पूर्व विधायक ठाकुर राजेन्द्र सिंह बघेल साल 2008 का विधानसभा चुनाव मनोज चौधरी के पिता नारायण सिंह चौधरी के कारण ही 220 मतों से हार गए थे.

नारायण सिंह चौधरी जिला पंचायत अध्यक्ष भी रह चुके हैं, उन्होंने कांग्रेस से बगावत कर 2008 में निर्दलीय विधानसभा चुनाव लड़ा था. अब राजवीर सिंह बघेल के सामने अपने पिता की हार का बदला लेने का ये एक सुनहरा मौका है. उस समय खाती समाज ने नारायण चौधरी के साथ एकजुट होकर मतदान किया था, जिसके कारण वो लगभग 22 हाजर से ज्यादा मत लेकर आए और राजेन्द्र सिंह बघेल चुनाव हार गए थे. दोनों के बेटे आमने- सामने हैं.

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ये समाज चुनाव को कर सकते हैं प्रभावित

उपचुनाव में पाटीदार, सेंधव और राजपूत मतों का खाती समाज के खिलाफ ध्रुवीकरण हो सकता है और इसका खामियाजा मनोज चौधरी को भुगतना पड़ सकता है, साथ ही पूर्व मंत्री दीपक जोशी की नाराजगी का भी असर चुनाव में देखने को मिल सकता है, आने वाला समय ही बताएगा कि, राजनीति का ये ऊंट अब किस करवट बैठेगा.

हाटपिपल्या विधानसभा क्षेत्र में वर्तमान में मतदाताओं की संख्या 1 लाख 91 हजार 410 है. जिसमें-

पुरुष मतदाताओं की संख्यामहिला मतदाताओं की संख्याअन्य
98 हजार 65692 हजार 7513

हाटपिपल्‍या विधानसभा क्षेत्र में 288 मतदान केन्‍द्र बनाए गए हैं, जिसमें 252 मुख्‍य, 36 सहायक मतदान केन्‍द्र और 62 क्रिटिकल मतदान केन्‍द्र हैं. वहीं पिछले विधानसभा चुनाव 2018 में हाटपिपल्या विधानसभा में बीजेपी प्रत्याशी दीपक जोशी को 69,818 वोट मिले थे और कांग्रेस प्रत्याशी मनोज चौधरी को 83 हजार 337 वोट मिले थे.

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