इंदौर: यूनियन कार्बाइड का कचरा अब भोपाल से पीथमपुर पहुंचने के बाद सरकार के गले की हड्डी बन चुका है. दरअसल, सरकार की मंशा हाई कोर्ट के निर्देशों के तहत कचरा जलाने को लेकर है. वहीं पीथमपुर समेत धार और इंदौर के लोग किसी भी स्थिति में कचरा जलाए जाने के पक्ष में नहीं हैं. यही वजह है कि सरकार और हाई कोर्ट के आदेश के खिलाफ अब अलग-अलग मंचों के जरिए पुनर्विचार याचिका और जनहित याचिका प्रस्तुत की जा रही है. कचरा जलाए जाने पर जानिए एक्सपर्ट की राय क्या है.
दरअसल, जबलपुर हाई कोर्ट की डबल बेंच द्वारा दिसंबर में दिए गए फैसले के अनुरूप राज्य सरकार ने 337 टन कचरा यूनियन कार्बाइड परिसर से पीथमपुर भेजा है. उसे अब अलग-अलग भाग में अगले 6 से 7 महीने में जलाने की तैयारी है. हालांकि इसके पहले ही आम जनता और सरकार के बीच इस मामले में मतभेद उभरने शुरू हो गए हैं. पीथमपुर में लोग कचरा जलाने के विरोध में प्रदर्शन कर रहे हैं. धार विधायक नीना वर्मा ने इस मामले का लगातार विरोध करने का ऐलान किया है. वहीं इस मामले में शुक्रवार को पीथमपुर में नगर बंद का ऐलान किया गया है.
कैलाश बोले-मुख्यमंत्री ने ली है गारंटी
धार के प्रभारी मंत्री व नगरीय प्रशासन मंत्री कैलाश विजयवर्गीय पीथमपुर में कचरा जलाने को लेकर राजी नहीं थे. माना जा रहा है कि मुख्यमंत्री मोहन यादव ने उन्हें फोन करके मनाया है. इसके बाद अधिकारियों द्वारा संबंधित विषय वस्तु स्थिति स्पष्ट करने के लिए आयोजित बैठक में शामिल हुए. हालांकि तमाम लोगों के विचार और अधिकारियों का पक्ष जानने के बाद कैलाश विजयवर्गीय ने कहा कि "नुकसान को लेकर मुख्यमंत्री ने गारंटी ली है.
हालांकि कचरा जलाए जाने के दौरान हुए जनहित का ध्यान रखेंगे. जीव, जंतु वृक्ष और मनुष्यों को कोई नुकसान नहीं हो. इसे लेकर वैज्ञानिकों को मॉनिटरिंग के निर्देश दिए गए हैं. सुप्रीम कोर्ट के निर्देश के बाद जनता का स्वास्थ्य सर्वोपरि है, लेकिन पब्लिक की ओर से जो याचिका लगी है. उस पर कोर्ट क्या निर्देश देती है, उसका भी इंतजार करेंगे.
भाजपा विधायक सरकार के खिलाफ
इधर धार से भाजपा विधायक नीना वर्मा ने भी सरकार के फैसले के खिलाफ पुनर्विचार याचिका हाईकोर्ट में लगाने का फैसला किया है. नीना वर्मा का कहना है कि "पहले इस कंपनी में जो कचरा जलाया गया था. उसका वेस्ट अभी भी पड़ा है. जिसे रखने की जगह नहीं है. उन्होंने कहा इस मामले में वे अपनी ओर से रिव्यू पिटीशन दाखिल करेंगी. वहीं पीथमपुर में कचरे को जलाने से रोकने के लिए हर संभव प्रयास करेंगी. उन्होंने कहा इस कचरे से स्वास्थ्य पर कितने घातक प्रभाव होंगे, यह आकलन अभी नहीं किया जा सकता. इसलिए यहां से कचरा हटाकर कहीं और जालना ही सबसे अच्छा विकल्प है."
पांच पीढ़ी तक रहेगा कैंसर का खतरा
इंदौर के वरिष्ठ कैंसर रोग विशेषज्ञ एस एस नैयर ने दावा करते हुए कहा कि "यूनियन कार्बाइड के कचरे को पीथमपुर में जलाने के लिए जो केमिकल मिलेंगे. उससे कई तरह की घातक गैस भी निकलेगी. जो एटमॉस्फेयर में आकर फूड चेन में शामिल हो जाएगी. उन्होंने कहा इस कचरे में 67 तरह के केमिकल हैं. जिनके जलने पर 150 मीट्रिक टन धुआं निकलेगा.
- भोपाल से पहुंचा गैस त्रासदी का जहरीला कचरा, पीथमपुर में घमासान, ताई बोलीं- जीवन-मरण का सवाल
- 40 साल बाद भोपाल से उठा जहरीला कचरा, ग्रीन कॉरिडोर बनाकर भेजा गया पीथमपुर
जिसका कई पीढियों तक दुष्प्रभाव खत्म नहीं होगा. गर्भस्थ बच्चों को तरह-तरह की बीमारी होगी. फेफड़े, ब्लैडर और किडनी के अलावा ब्लड कैंसर का दुष्प्रभाव पीथमपुर इंदौर समेत 200 किलोमीटर की परिधि में अगले 100 साल तक खत्म नहीं होगा. इसलिए वह भी इसे रोकने के लिए कोर्ट में याचिका के रूप से हर संभव प्रयास करेंगे."