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शिक्षक बिना पढ़ने को मजबूर नौनिहाल, कैसा होगा भविष्य का हाल - No teachers in middle school

देवास के कन्नौद विकासखंड अंतर्गत आने वाले ग्राम नांदोन के मिडिल स्कूल में चार साल से शिक्षक नहीं है. ऐसे में बच्चे बिना शिक्षक के पढ़ने को मजबूर हैं. अपने भविष्य को संवारने की आस में कई किलोमीटर तक पैदल चलकर हर रोज स्कूल आने वाले इन बच्चों का संघर्ष देखिए हमारी इस खास रिपोर्ट में...

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शिक्षक बिना पढ़ने को मजबूर नौनिहाल
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Published : Jan 17, 2020, 11:54 PM IST

देवास। पढ़ेगा इंडिया, तभी तो आगे बढ़ेगा इंडिया, सर्व शिक्षा अभियान के तहत सरकार ने यह नारा सभी बच्चों को शिक्षा मिल सके इसलिए दिया था. शिक्षा सभी का जन्मसिद्ध अधिकार है, लेकिन सोचिए अगर शिक्षक ही ना हो तो कैसे शिक्षा मिलेगी. जी हां ऐसा ही हाल है देवास के कन्नौद विकासखंड अंतर्गत आने वाले ग्राम नांदोन के मिडिल स्कूल का. यहां बच्चे पिछले चार साल से बिना शिक्षक के पढ़ने को मजबूर हैं.
ग्राम नांदोन की मिडिल स्कूल में कक्षा 6 से 8वीं तक 60 विद्यार्थी दर्ज हैं, जिनमें से आधे से ज्यादा बच्चे 3 किलोमीटर की दूरी तय कर ग्राम डाबरी से नांदोन पहुंचते हैं. फिर भी इन्हें मध्यान्ह भोजन के अलावा कुछ हाथ नहीं लगता.

देवास के ग्राम नांदोन के मिडिल स्कूल में चार साल से शिक्षक के बिना पढ़ रहे बच्चे

ग्राम डाबरी की छात्रा राजनंदिनी विश्वकर्मा ने बताया कि हमारे स्कूल में पढ़ाने के लिए में टीचर नहीं है. हम अपनी इच्छा अनुसार पढ़ लेते हैं या फिर कोई अतिथि टीचर आते हैं तो हमें पढ़ा देते हैं, यहां पर 3 साल से शिक्षक नहीं है, हमारी इच्छा आगे पढ़ने की भी है लेकिन पढ़ाने वाला कोई नहीं है.

इस संबंध में जब शिक्षक रामौतार बाकलीवाल से बात की गई तो उन्होंने बताया कि यहां स्कूल में विषयवार अतिथि शिक्षक भी नहीं है. एक अतिथि शिक्षक है जो कि गणित विषय के लिए रखा गया है. जिसके चलते बच्चों की पढ़ाई प्रभावित हो रही है. वह खुद प्राइमरी टीचर हैं और हिंदी के साथ सामाजिक विज्ञान पढ़ाते हैं, जितना उन्हे आता है वह पढ़ा देते हैं लेकिन अंग्रेजी का कोई टीचर नहीं है.

शासकीय नवीन हाई स्कूल कन्नौद के संकुल प्राचार्य राजेश तिवारी ने बताया कि प्रशासन के आदेशानुसार नांदोन में प्राइमरी स्कूल से एक टीचर को मिडिल में अटैच किया गया और एक शिक्षक गणित का भी है. वहां एक अंग्रेजी का पद रिक्त है जो कि कोई व्यक्ति मिल नहीं रहा है. .

जर्जर हो रहा भवन, ऊपर से शिक्षक भी नहीं, लेकिन फिर भी इन बच्चों के हौसलों पर इसका असर नहीं दिखता. बच्चे फिर भी स्कूल आते हैं, सिर्फ इसी उम्मीद में कि शायद आज उन्हें कुछ सीखने को मिलेगा. अब इन बच्चों को आशा है कि किसी जिम्मेदार अधिकारी का ध्यान इनकी तरफ भी जाएगा.

देवास। पढ़ेगा इंडिया, तभी तो आगे बढ़ेगा इंडिया, सर्व शिक्षा अभियान के तहत सरकार ने यह नारा सभी बच्चों को शिक्षा मिल सके इसलिए दिया था. शिक्षा सभी का जन्मसिद्ध अधिकार है, लेकिन सोचिए अगर शिक्षक ही ना हो तो कैसे शिक्षा मिलेगी. जी हां ऐसा ही हाल है देवास के कन्नौद विकासखंड अंतर्गत आने वाले ग्राम नांदोन के मिडिल स्कूल का. यहां बच्चे पिछले चार साल से बिना शिक्षक के पढ़ने को मजबूर हैं.
ग्राम नांदोन की मिडिल स्कूल में कक्षा 6 से 8वीं तक 60 विद्यार्थी दर्ज हैं, जिनमें से आधे से ज्यादा बच्चे 3 किलोमीटर की दूरी तय कर ग्राम डाबरी से नांदोन पहुंचते हैं. फिर भी इन्हें मध्यान्ह भोजन के अलावा कुछ हाथ नहीं लगता.

देवास के ग्राम नांदोन के मिडिल स्कूल में चार साल से शिक्षक के बिना पढ़ रहे बच्चे

ग्राम डाबरी की छात्रा राजनंदिनी विश्वकर्मा ने बताया कि हमारे स्कूल में पढ़ाने के लिए में टीचर नहीं है. हम अपनी इच्छा अनुसार पढ़ लेते हैं या फिर कोई अतिथि टीचर आते हैं तो हमें पढ़ा देते हैं, यहां पर 3 साल से शिक्षक नहीं है, हमारी इच्छा आगे पढ़ने की भी है लेकिन पढ़ाने वाला कोई नहीं है.

इस संबंध में जब शिक्षक रामौतार बाकलीवाल से बात की गई तो उन्होंने बताया कि यहां स्कूल में विषयवार अतिथि शिक्षक भी नहीं है. एक अतिथि शिक्षक है जो कि गणित विषय के लिए रखा गया है. जिसके चलते बच्चों की पढ़ाई प्रभावित हो रही है. वह खुद प्राइमरी टीचर हैं और हिंदी के साथ सामाजिक विज्ञान पढ़ाते हैं, जितना उन्हे आता है वह पढ़ा देते हैं लेकिन अंग्रेजी का कोई टीचर नहीं है.

शासकीय नवीन हाई स्कूल कन्नौद के संकुल प्राचार्य राजेश तिवारी ने बताया कि प्रशासन के आदेशानुसार नांदोन में प्राइमरी स्कूल से एक टीचर को मिडिल में अटैच किया गया और एक शिक्षक गणित का भी है. वहां एक अंग्रेजी का पद रिक्त है जो कि कोई व्यक्ति मिल नहीं रहा है. .

जर्जर हो रहा भवन, ऊपर से शिक्षक भी नहीं, लेकिन फिर भी इन बच्चों के हौसलों पर इसका असर नहीं दिखता. बच्चे फिर भी स्कूल आते हैं, सिर्फ इसी उम्मीद में कि शायद आज उन्हें कुछ सीखने को मिलेगा. अब इन बच्चों को आशा है कि किसी जिम्मेदार अधिकारी का ध्यान इनकी तरफ भी जाएगा.

Intro:4 साल से शिक्षकविहीन शाला, अधर में बच्चों का भविष्य

खातेगांव। पढ़ेगा इंडिया तभी तो आगे बढ़ेगा इंडिया यह बात कहीं भी आसानी से कही जाती है लेकिन क्या पढ़ने के लिए बच्चों के लिए मूलभूत संसाधन उपलब्ध है, इस और किसी का ध्यान नही है। शासन, प्रशासन द्वारा गांव-गांव स्कूल भवन बनकर जिम्मेदारी से इतिश्री कर लिया है। देवास जिले के कन्नौद विकासखंड अंतर्गत आने वाले ग्राम नांदोन के मिडिल स्कूल की व्यवस्था भी बेपटरी है। वर्ष 2016 से यहाँ की स्कूल शिक्षक विहीन शाला है। प्रदेश की सरकार बदल गई लेकिन यहां की स्कूल के हालात जस के तस है।

Body:स्कूल से प्राप्त जानकारी के अनुसार यहां की मिडिल स्कूल में कक्षा 6 से 8वी तक 60 विद्यार्थी दर्ज है जिनमे से आधे से ज्यादा बच्चे 3 किमी की दूरी तय कर ग्राम डाबरी से नांदोन पहुंचते है फिर भी इन्हें मध्यान्ह भोजन के अलावा कुछ हाथ नही लगता। ऐसे में गरीब तबके के लोगो का अपने बच्चों को पढ़ाने का सपना कैसे पूरा होगा? ग्राम डाबरी की छात्रा राजनंदिनी विश्वकर्मा ने बताया कि इस बार कक्षा 8 वी बोर्ड परीक्षा है और अब तक अंग्रेजी की किताब नही खुली है। दूसरे अन्य विषय की पढ़ाई भी ठीक से नही हुई है। हमारे स्कूल में पढ़ाने के लिए में टीचर नहीं है।हम अपनी इच्छा अनुसार पढ़ लेते हैं या फिर कोई अतिथि टीचर आते हैं तो हमें पढ़ा देते हैं। यहां पर 3 साल से शिक्षक नहीं है, हमारी इच्छा आगे पढ़ने की भी है लेकिन पढ़ाने वाला कोई नहीं है।
इस संबंध में जब शिक्षक रामौतार बाकलीवाल से बात की तो उन्होंने बताया की 18 फरवरी 2016 से प्राथमिक विद्यालय से मिडिल का प्रभारी बनाया है। यहाँ स्कूल में विषयवार अतिथि शिक्षक भी नही है। एक अतिथि शिक्षक है जो कि गणित विषय के लिए रखा गया है। जिसके चलते बच्चों की पढ़ाई प्रभावित हो रही है मैं प्राइमरी टीचर हूं मैं हिंदी और सामाजिक विज्ञान पढ़ाता हूं जितना मुझे आता है उतना पढ़ा देता हूं यहां पर अंग्रेजी का कोई टीचर नहीं है।

Conclusion:(शासन के आदेश अनुसार नांदोन में प्राइमरी स्कूल से एक टीचर को मिडिल में अटैच किया गया और एक शिक्षक गणित का भी है वहां एक अंग्रेजी का पद रिक्त है जो कि कोई व्यक्ति मिल नहीं रहा है दो टीचर है मिडिल का अध्ययन कार्य करा रहे हैं और वे ही अंग्रेजी अपने स्तर से पढ़ाएंगे
-राजेश तिवारी, संकुल प्राचार्य शासकीय नवीन हाई स्कूल कन्नौद)

बाईट1- राजेश तिवारी, संकुल प्रचार्य शासकीय नवीन हाई स्कूल कन्नौद

2 रामौतार बाकलीवाल, प्रभारी प्रधानाध्यापक शामावि नांदोन

3 राजनन्दिनी विश्वकर्मा, छात्रा
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