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प्राचार्य के तबादले से नाराज छात्रों ने किया विरोध प्रदर्शन, परिजनों ने भी दिया साथ

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Published : Nov 26, 2019, 11:32 PM IST

देवास के ओंकारा गांव में स्थित स्कूल के प्राचार्य के तबादले के विरोध में विद्यार्थी ने विरोध प्रदर्शन किया, इस दौरान परिजनों ने भी बच्चों के साथ सड़क पर उतर कर अपना विरोध दर्ज करवाया.

Students and villagers create ruckus in Dewas
स्कूल प्राचार्य का तबादला होने से नाराज हुए विद्यार्थी


देवास । प्रदेश में तबादला प्रक्रिया विद्यार्थियों के लिए परेशानी का सबब बन गई है. विधार्थियों का भविष्य दांव पर लगा है. ऐसा ही एक मामला खातेगांव के ओंकारा गांव में सामने आया है. जहां प्राचार्य के तबादले से नाराज विद्यार्थियों और ग्रामीणों ने विरोध प्रदर्शन किया, आक्रोशित ग्रामीण सड़क पर आ गए. साथ ही कहा कि अगर ट्रांसफर नहीं रुका, तो उग्र आंदोलन करेंगे.

प्राचार्य के तबादले से नाराज छात्रों ने किया विरोध प्रदर्शन

दरअसल गांव पदस्थ प्राचार्य हरेंद्र सेंधव का ट्रांसफर होने से स्कूली छात्रों ने हंगामा कर दिया. पहली से लेकर 12वीं तक के 590 बच्चों को संभालने वाले हरेंद्र एक मात्र शिक्षक थे. जिससे ग्रामीणों का कहना है कि अपनी मेहनत के साथ सेवा देने वाले शिक्षक का वह ट्रांसफर नहीं चाहते हैं.

विद्यार्थियों ने बताया कि हायर सेकंडरी का भवन नहीं होने से मिडिल स्कूल के भवन में दो पारी में स्कूल संचालित होता है और प्राचार्य हरेंद्र सिंह सुबह से शाम तक सेवा देते हैं और इन्हीं के अथक प्रयास से मिडिल स्कूल से हाई स्कूल एवं हायर सेकंडरी की कक्षा शुरू हुई है. आदिवासी गांव का भला करने वाले शिक्षक से ग्रामीणों का आत्मीय लगाव है, इसलिए इन्हें यहां से जाने नहीं देना चाहते हैं.


देवास । प्रदेश में तबादला प्रक्रिया विद्यार्थियों के लिए परेशानी का सबब बन गई है. विधार्थियों का भविष्य दांव पर लगा है. ऐसा ही एक मामला खातेगांव के ओंकारा गांव में सामने आया है. जहां प्राचार्य के तबादले से नाराज विद्यार्थियों और ग्रामीणों ने विरोध प्रदर्शन किया, आक्रोशित ग्रामीण सड़क पर आ गए. साथ ही कहा कि अगर ट्रांसफर नहीं रुका, तो उग्र आंदोलन करेंगे.

प्राचार्य के तबादले से नाराज छात्रों ने किया विरोध प्रदर्शन

दरअसल गांव पदस्थ प्राचार्य हरेंद्र सेंधव का ट्रांसफर होने से स्कूली छात्रों ने हंगामा कर दिया. पहली से लेकर 12वीं तक के 590 बच्चों को संभालने वाले हरेंद्र एक मात्र शिक्षक थे. जिससे ग्रामीणों का कहना है कि अपनी मेहनत के साथ सेवा देने वाले शिक्षक का वह ट्रांसफर नहीं चाहते हैं.

विद्यार्थियों ने बताया कि हायर सेकंडरी का भवन नहीं होने से मिडिल स्कूल के भवन में दो पारी में स्कूल संचालित होता है और प्राचार्य हरेंद्र सिंह सुबह से शाम तक सेवा देते हैं और इन्हीं के अथक प्रयास से मिडिल स्कूल से हाई स्कूल एवं हायर सेकंडरी की कक्षा शुरू हुई है. आदिवासी गांव का भला करने वाले शिक्षक से ग्रामीणों का आत्मीय लगाव है, इसलिए इन्हें यहां से जाने नहीं देना चाहते हैं.

Intro:स्कूल प्राचार्य का तबादला होने से नाराज विद्यार्थी एवं ग्रामीण सड़क पर उतरे, किया प्रदर्शन

खातेगांव । प्रदेश में तबादलो का दौर जारी है। और यह तबादला प्रक्रिया ग्रामीणों एवं विद्यार्थियों के लिए परेशानी का शबब बन गई है। जिसके चलते विधार्थियों का भविष्य दांव पर लगा है। तबादले में जहां एक शिक्षक है उनका भी तबादला करने में नही चूक रहे है। जिसके कारण शिक्षा व्यवस्था बिगड़ रही है। तबादले में यह भी नही देखा जा रहा है कि स्कूल में कितने शिक्षक है और कितने बचेंगे।

ऐसा ही मामला खातेगांव तहसील के आदिवासी बाहुल्य ग्राम ओंकारा का सामने आया है। जहाँ 590 बच्चों पर 1 शिक्षक शासन स्तर से पदस्थ है उनका तबादला करने से गांव के विद्यार्थी और ग्रामीण आक्रोशित होकर सड़क पर आ गए। स्कूली बच्चो ने स्कूल का बहिष्कार कर सड़क पर उतरे। अपने प्राचार्य का अचानक ट्रांसफर होने से नाराज स्कूली छात्र, अगर ट्रांसफर नही रुका तो ग्रामीणों ने दी उग्र आंदोलन की चेतावनी।

Body:मामला यह है कि ग्राम ओंकारा में पदस्थ शिक्षक प्राचार्य हरेंद्र सेंधव का ट्रांसफर होने से स्कूली छात्रों ने हंगामा कर दिया। आपको बतादे कक्षा 1 से लेकर 12वी तक 590 बच्चों को सम्हालने वाले एक मात्र शासकीय शिक्षक का ट्रांसफर होने से ग्रामीण तथा बच्चे उग्र हो गए। साथ ही ग्रामीणों ने कमलनाथ सरकार की तबादला नीति पर भी सवाल उठाए है, स्कूली छात्रों व पालको ने चेतावनी दी है अगर प्राचार्य सेंधव का ट्रांसफर नही रुकता है तो उग्र आंदोलन किया जाएगा। पालको एवम ग्रामीणों का कहना है कि, इस आदिवासी बाहुल्य क्षेत्र में अपनी मेहनत के साथ सेवा देने वाले शिक्षक का हम ट्रांसफर नही चाहते है। आदिवासी बाहुल्य क्षेत्र में एक अकेला शिक्षक जो कि अपनी मेहनत व कार्यशैली से अतिथि शिक्षकों के माध्यम से स्कूल की व्यवस्था सुधारने वाले शिक्षक का तबादला कोई नही चाहता। ग्रामीणों का कहना है हम प्रदेश सरकार को ओर शिक्षा विभाग को अवगत कराना चाहते है, अगर हमारे शिक्षक का ट्रांसफर होता है तो हम चुप नही बैठेंगे। आंदोलन करेंगे, ओर जरूरत पड़ी तो सड़को पर उतरेंगे।

Conclusion:गौरतलब है कक्षा 1 ली से 12 वी तक के 590 विद्यार्थियों के अनुपात में पहले ही शिक्षक की कमी है। शासन स्तर से मात्र 1 शिक्षक हरेन्द्र सिंह सेंधव पदस्थ थे उनका भी तबादला हो गया। 6 अतिथि शिक्षक है जिसके बाद भी स्कूल में शिक्षकों की कमी है। कक्षा 12 वी में कला और विज्ञान संकाय है जिनमे पहले ही फिजिक्स और इतिहास के शिक्षक नही थे। कक्षा 9 वी एवं 10 वी में गणित के शिक्षक भी नही है। विद्यार्थियों ने बताया कि हायरसेकंडरी का भवन नही होने से मिडिल स्कूल के भवन में 2 पारी में स्कूल संचालित होता है। और प्राचार्य हरेंद्र सिंह सेंधव सुबह से शाम तक सेवा देते है और इन्ही के अथक प्रयास से मिडिल स्कूल से हाई स्कूल एवं हायरसेकंडरी की कक्षा शुरू हुई है। आदिवासी गांव का भला करने वाले शिक्षक से ग्रामीणों का आत्मीय लगाव है इसलिए इन्हें यहां से जाने नही देना है।

बाईट-1 नगमा खान, छात्रा
2 विशाल छात्र
3 विक्रमसिंह सिसोदिया ग्रामीण
4 गणेशी बाई ग्रामीण
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