देवास। विश्व प्रसिद्ध देव स्थल माता टेकरी पर विराजित मां चामुंडा तुलजा भवानी करोड़ों श्रद्धालुओं की आस्था का केंद्र है. नवरात्रि में देश के कोने-कोने से आए श्रद्धालु यहां मां के दर्शन करने आते हैं. नाथ सम्प्रदाय के पुजारी के अनुसार रानी सती का रक्त गिरने से मां चामुंडा और तुलजा भवानी की उत्पत्ति हुई थी. मां चामुंडा पूजा भवानी का यह विशाल मंदिर अति प्राचीन है. मां चामुंडा की टेकरी पर जाने के तीन रास्ते हैं. पहले रास्ता सीढ़ी मार्ग, दूसरा रास्ता रपट मार्ग, तीसरा रास्ता पुलिस परेड ग्राउंड से है.
देवास राजघराने की कुलदेवी : देवास राजघराने की कुलदेवी हैं मां चामुंडा. नवरात्रि के त्योहार पर यहां पर राजघराने से सोने चांदी के आभूषण आते हैं. मां का सोने चांदी के आभूषणों से श्रृंगार किया जाता है. मां के दरबार में कोई नंगे पैर आता है तो कोई घुटने के बल. प्रशासन ने यहां पर पुख्ता इंतजाम किए हैं. जिला प्रशासन के अनुसार शनिवार रात 12 बजे से रविवार देर शाम तक करीब 50 हजार से अधिक श्रद्धालुओ ने माता के दर्शन किए.
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तीन रूपों में देती हैं दर्शन : प्रशासन द्वारा रोप-वे की भी व्यवस्था की गई है. शारदीय नवरात्रि के पर्व पर मां के मंदिर को विशेष तौर से सजाया गया है. मान्यता है कि मां चामुंडा तुलजा भवानी दिन में तीन रूप बदलती हैं. सुबह मां अपने भक्तों को दर्शन देती हैं. दोपहर में मां युवा अवस्था में अपने भक्तों को दर्शन देती है. रात्रि में मां वद्ध अवस्था में दर्शन देती हैं. मां चामुंडा के दरबार में पांच पान चढ़ाए जाते हैं. जिस महिला को संतान नहीं होती, उसके लिए यह किया जाता है, जिससे संतान की प्राप्ति होती है.