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देवास : अमावस्या और शनि जयंती पर सूने रहे नर्मदा घाट और मंदिर

अमावस्या एवं शनि जयंती के पावन अवसर पर नेमावर के मां नर्मदा के नाभि स्थल पर कोरोना के चलते श्रद्धालुओं की भीड़ देखने को नहीं मिली. वही घाट के साथ-साथ मंदिर भी सूने पड़े रहे.

temple are closed in lockdown
अमावस्या और शनि जयंती पर सुने रहे नर्मदा घाट और मंदिर
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Published : May 23, 2020, 12:57 AM IST

देवास। कोरोना वायरस के चलते देशभर में लॉकडाउन किया गया है जिसके चलते सभी धार्मिक स्थलों को भी श्रद्धालुओं के लिए बंद कर दिया गया है. वहीं मध्य प्रदेश की जीवनदायिनी पुण्य सलिला मां नर्मदा के नाभि स्थल नेमावर में अमावस्या एवं शनि जयंती के पावन अवसर पर मंदिर और घाट सूने पड़े रहे. लॉकडाउन के चलते श्रद्धालुओं की भीड़ देखने को नहीं मिली वहीं इस लॉकडाउन में मां नर्मदा का रूप निखर गया है.

Devotees did not come at the ghat
अमावस्या पर घाट पड़े रहे सूने

हर साल अमावस्या के दिन नर्मदा तट पर लाखों श्रद्धालु पहुंचते थे. लेकिन इस साल कोरोना के कारण कोई श्रद्धालु नहीं पहुंचा और घाट सूने पड़े रहे. अमावस्या का अपना एक महत्व है इस दिन नर्मदा के अमृतमय जल में डुबकी लगाकर भगवान शनिदेव पर तिल का तेल अर्पित कर सुख शांति की कामना की जाती है, लेकिन इस साल कोरोना के चलते लोगों ने प्रशासन के नियमों को मानते हुए घरों पर ही स्नान किया.

लॉकडाउन के चौथे चरण में कुछ छूट दी गई है. जिसके बाद कुछ श्रद्धालु परंपरा अनुसार सुबह- सुबह नर्मदा तट पर पहुंच गए, और नर्मदा के अमृतमय जल में आस्था की डुबकी लगाई. जिसके बाद मौजूद पुलिस प्रशासन ने उन्हें तुरंत रवाना किया वहीं नर्मदा तट पर पुलिस एवं नगर पंचायत सीएमओ अनिल जोशी व्यवस्थाओं में जुटे रहे. ताकि लोगों की भीड़ जमा न हो और लॉकडाउन का उल्लंघन न किया जा सके.

देवास। कोरोना वायरस के चलते देशभर में लॉकडाउन किया गया है जिसके चलते सभी धार्मिक स्थलों को भी श्रद्धालुओं के लिए बंद कर दिया गया है. वहीं मध्य प्रदेश की जीवनदायिनी पुण्य सलिला मां नर्मदा के नाभि स्थल नेमावर में अमावस्या एवं शनि जयंती के पावन अवसर पर मंदिर और घाट सूने पड़े रहे. लॉकडाउन के चलते श्रद्धालुओं की भीड़ देखने को नहीं मिली वहीं इस लॉकडाउन में मां नर्मदा का रूप निखर गया है.

Devotees did not come at the ghat
अमावस्या पर घाट पड़े रहे सूने

हर साल अमावस्या के दिन नर्मदा तट पर लाखों श्रद्धालु पहुंचते थे. लेकिन इस साल कोरोना के कारण कोई श्रद्धालु नहीं पहुंचा और घाट सूने पड़े रहे. अमावस्या का अपना एक महत्व है इस दिन नर्मदा के अमृतमय जल में डुबकी लगाकर भगवान शनिदेव पर तिल का तेल अर्पित कर सुख शांति की कामना की जाती है, लेकिन इस साल कोरोना के चलते लोगों ने प्रशासन के नियमों को मानते हुए घरों पर ही स्नान किया.

लॉकडाउन के चौथे चरण में कुछ छूट दी गई है. जिसके बाद कुछ श्रद्धालु परंपरा अनुसार सुबह- सुबह नर्मदा तट पर पहुंच गए, और नर्मदा के अमृतमय जल में आस्था की डुबकी लगाई. जिसके बाद मौजूद पुलिस प्रशासन ने उन्हें तुरंत रवाना किया वहीं नर्मदा तट पर पुलिस एवं नगर पंचायत सीएमओ अनिल जोशी व्यवस्थाओं में जुटे रहे. ताकि लोगों की भीड़ जमा न हो और लॉकडाउन का उल्लंघन न किया जा सके.

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