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भारी बारिश के बाद भी आदिवासी बहुल गांव में पेयजल की समस्या से जूझ रहे हैं ग्रामीण - आदिवासी बाहुल्य

खातेगांव विधानसभा क्षेत्र की आदिवासी बहुल ग्राम पंचायत ओंकारा के मजरा गांव जूना टांडा में बारिश के दिनों में भी ग्रामीणों को पीने के पानी के लिए भटकना पड़ रहा है. ग्रामीणों ने बताया कि हैण्डपम्प में पाइप नहीं होने से वो बंद हैं.

हैण्डपम्प में नहीं है पाइप
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Published : Oct 10, 2019, 10:30 PM IST

Updated : Oct 10, 2019, 11:25 PM IST

देवास। इस बार सामान्य से अधिक बारिश ने जहां लोगों का जनजीवन प्रभावित किया है. वहीं इस दौरान पेयजल संकट की बात की जाए तो ये बात किसी के गले से नहीं उतरेगी, लेकिन आदिवासी बाहुल्य गांवों में यही हाल हैं. ये कोई मौसम की मार नहीं, बल्कि पीएचई विभाग की बड़ी लापरवाही है. जिसके कारण ग्रामीण पीने के पानी के लिए दर- दर भटक रहे हैं.

खातेगांव विधानसभा क्षेत्र की आदिवासी बहुल ग्राम पंचायत ओंकारा के मजरा गांव जूना टांडा में बारिश के दिनों में भी ग्रामीणों को पीने के पानी के लिए भटकना पड़ रहा है. स्कूली बच्चों के लिए भी जलसंकट बना हुआ है. ग्रामीण शोभाराम बारेला ने बताया कि जूना टांडा आदिवासी बहुल क्षेत्र है. गांव में चार हैण्डपम्प लगे हुए हैं. जिनमें सभी में पानी पर्याप्त है, फिर भी प्राथमिक स्कूल और हनुमान मंदिर के पास दो हैण्डपम्प खरबा पड़े हैं. जिसकी वजह से ग्रामीणों को पीने के पानी के लिए खेतों में भटकना पड़ रहा है.

हैण्डपम्प में नहीं है पाइप

गांव के छोटे-छोटे बच्चे पानी पीने स्कूल से घर जा रहे हैं. ऐसे में उनकी पढ़ाई तो प्रभावित हो रही है, साथ ही कुएं या अन्य जगह जाने का जोखिम भी बढ़ गया है. स्कूल के प्रधानाध्यापक सीताराम परमार से चर्चा की तो, उन्होंने बताया कि जुना टांडा में पानी की समस्या को लेकर पीएचई विभाग को पत्र लिखा है, लेकिन अब तक समस्या ज्यो की त्यों है. इस संबंध में पीएचई एसडीओ आरके सोनी से फोन पर चर्चा की तो उन्होंने बताया कि आपके माध्यम से जानकारी मिली है, हैण्डपम्प में जल्द पाइप डलवाकर चालू करवा दिया जाएगा.

देवास। इस बार सामान्य से अधिक बारिश ने जहां लोगों का जनजीवन प्रभावित किया है. वहीं इस दौरान पेयजल संकट की बात की जाए तो ये बात किसी के गले से नहीं उतरेगी, लेकिन आदिवासी बाहुल्य गांवों में यही हाल हैं. ये कोई मौसम की मार नहीं, बल्कि पीएचई विभाग की बड़ी लापरवाही है. जिसके कारण ग्रामीण पीने के पानी के लिए दर- दर भटक रहे हैं.

खातेगांव विधानसभा क्षेत्र की आदिवासी बहुल ग्राम पंचायत ओंकारा के मजरा गांव जूना टांडा में बारिश के दिनों में भी ग्रामीणों को पीने के पानी के लिए भटकना पड़ रहा है. स्कूली बच्चों के लिए भी जलसंकट बना हुआ है. ग्रामीण शोभाराम बारेला ने बताया कि जूना टांडा आदिवासी बहुल क्षेत्र है. गांव में चार हैण्डपम्प लगे हुए हैं. जिनमें सभी में पानी पर्याप्त है, फिर भी प्राथमिक स्कूल और हनुमान मंदिर के पास दो हैण्डपम्प खरबा पड़े हैं. जिसकी वजह से ग्रामीणों को पीने के पानी के लिए खेतों में भटकना पड़ रहा है.

हैण्डपम्प में नहीं है पाइप

गांव के छोटे-छोटे बच्चे पानी पीने स्कूल से घर जा रहे हैं. ऐसे में उनकी पढ़ाई तो प्रभावित हो रही है, साथ ही कुएं या अन्य जगह जाने का जोखिम भी बढ़ गया है. स्कूल के प्रधानाध्यापक सीताराम परमार से चर्चा की तो, उन्होंने बताया कि जुना टांडा में पानी की समस्या को लेकर पीएचई विभाग को पत्र लिखा है, लेकिन अब तक समस्या ज्यो की त्यों है. इस संबंध में पीएचई एसडीओ आरके सोनी से फोन पर चर्चा की तो उन्होंने बताया कि आपके माध्यम से जानकारी मिली है, हैण्डपम्प में जल्द पाइप डलवाकर चालू करवा दिया जाएगा.

Intro:आदिवासी गांव में जलसंकट, स्कूल से प्यासे लौट रहे बच्चे, पीएचई विभाग की लापरवाही

खातेगांव। इस बार सामान्य से अधिक बारिश ने जहां लोगो का जनजीवन प्रभावित किया है वही इस दौरान पेयजलसंकट की बात की जायेक्ट ये बात किसी के गले नही उतरेगी लेकिन आदिवासी बाहुल्य गाँवो में यही हाल है। ये कोई मौसम की मार नही बल्कि पीएचई विभाग की बड़ी लापरवाही है। जिसके कारण ग्रामीण पीने के पानी के लिए दर-दर भटक रहे है।

Body:ऐसा ही मामला खातेगांव विधानसभा क्षेत्र की आदिवासी बाहुल्य ग्राम पंचायत ओंकारा के मजरा गांव जूना टांडा का सामने आया है। जहां बारिश के दिनों में भी ग्रामीणों को पीने के पानी के लिए भटकना पड़ा। बात यही तक सीमित न रही। स्कूली बच्चों के लिए भी जलसंकट बना हुआ है।
ग्रामीण शोभाराम बारेला ने बताया कि जूना टांडा आदिवासी बाहुल्य मजरा है। यहाँ 4 हैण्डपम्प लगे हुए है जिनमें सभी मे पानी पर्याप्त है फिर भी प्राथमिक स्कूल एवं हनुमान मंदिर के पास दो हैण्डपम्प में पाइप नही होने से बंद है। जिसके चलते यहां के बाशिंदों को पीने के पानी के लिए यहाँ-वहाँ किसानों के खेतों में भटकना पड़ रहा है। बारिश के दिनों में कीचड़ से होकर खेत में पहुंचना मजबूरी है। पिछले कई महीनों से हैण्डपम्प के पाइप जंग लगने से खराब हो गए। हैण्डपम्प खराब होने की सूचना पीएचई विभाग को दी तो करीब 15 दिन पूर्व आकर हैण्डपम्प के सभी पाइप निकाल दिए जो सभी खराब निकले। नए पाइप डालने की बोलकर पीएचई विभाग वाले गए जो आज तक लौटकर नही आये।

सखाराम बारेला ने बताया कि छोटे-छोटे बच्चे से पानी पीने घर जा रहे है। ऐसे में उनकी पढ़ाई तो प्रभावित हो रही है साथ ही कहीं कुएं या अन्य जगह जाने का जोखिम भी बढ़ गया है। यहां के करीब 25 परिवार भी बारिश के दौरान पीने के पानी के लिए भटक रहे है।

स्कूल के प्रधानाध्यापक सीताराम परमार से चर्चा की तो उन्होंने बताया कि जुना टांडा में पानी की समस्या को लेकर पीएचई विभाग को पत्र लिखा है लेकिन अब तक समस्या ज्यो की त्यों है। बच्चे बॉटल में पानी लेकर घर से स्कूल पहुंच रहे है।

Conclusion:इस संबंध में पीएचई एसडीओ आरके सोनी से फोन पर चर्चा की तो बताया कि आपके माध्यम से जानकारी मिली है स्कूल के पास के हैण्डपम्प में पाइप खराब हुए है जिन्हें जल्दी पाइप डलवाकर चालू करवा दिया जाएगा। और अन्य जो भी हैण्डपम्प बंद है उन्हें चालू करवाएंगे।

बाईट- शोभाराम बारेला, ग्रामीण जूना टांडा ओंकारा
Last Updated : Oct 10, 2019, 11:25 PM IST
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