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राष्ट्रीय किसान मजदूर महासंघ ने भ्रष्टाचारी व्यवस्था खत्म करने के लिए सीएम के नाम सौंपा ज्ञापन

देवास के हाटपीपल्या तहसील में राष्ट्रीय किसान मजदूर महासंघ ने तहसीलदार को सीएम के नाम ज्ञापन सौंपा है, जिसमें किसानों से जुड़ी समस्याएं सुलझाने की मांग की गई है.

National farmer laborers federation
राष्ट्रीय किसान मजदूर महासंघ
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Published : May 19, 2020, 8:04 PM IST

देवास। राष्ट्रीय किसान मजदूर महासंघ ने हाटपीपल्या तहसील पहुंचकर नायब तहसीलदार अनिता बरेठा को सीएम के नाम ज्ञापन सौंपा, महासंघ ने समर्थन मूल्य पर खरीदी केंद्रों पर किसानों के साथ भष्ट्राचार का आरोप लगाया है.

महासंघ के पदाधिकारियों ने बताया कि गेहूं, चना, मसूर आदि के सैम्पल पास करने के नाम पर प्रति ट्रॉली 500 से 1000 रूपये और तुलाई हम्माली की फीस 200 से 500 रूपये प्रति ट्रॉली, जबकि तुलाई के समय प्रत्येक बारदाने पर 500 ग्राम से 1 किलोग्राम तक अधिक लिया जा रहा है, जबकि बारदान का उतना वजन नहीं होता है.

मैसेज आने के आठ दिनों बाद भी तुलाई नहीं हो रही है, महासंघ ने मांग की है कि समय की बाध्यता इस विसंगति को तत्काल दूर करते हुए सभी पात्र किसानों की उपज तुलाई की जाए, सभी किसानों के पास अपने साधन नहीं होते हैं. तुलाई के बाद सम्बंधित बैंकों में भुगतान समय पर नहीं आ रहा है और किसानों को बैंक के चक्कर लगाने पड़ते हैं.

भुगतान व्यवस्था में सुधार के साथ जितनी राशि है, वो एकमुश्त किसानों को दिया जाए, तुलाई केन्द्रों पर पीने के पानी की समुचित व्यवस्था की जाए, किसान पेट भरने के लिऐ अन्न देता है. उसे पानी तो पिलाया जा सकता है. उक्त सभी बिंदुओं पर तत्काल कार्रवाई करते हुऐ भ्रष्टाचारी व्यवस्था में सुधार करने की मांग संघ ने की है.

देवास। राष्ट्रीय किसान मजदूर महासंघ ने हाटपीपल्या तहसील पहुंचकर नायब तहसीलदार अनिता बरेठा को सीएम के नाम ज्ञापन सौंपा, महासंघ ने समर्थन मूल्य पर खरीदी केंद्रों पर किसानों के साथ भष्ट्राचार का आरोप लगाया है.

महासंघ के पदाधिकारियों ने बताया कि गेहूं, चना, मसूर आदि के सैम्पल पास करने के नाम पर प्रति ट्रॉली 500 से 1000 रूपये और तुलाई हम्माली की फीस 200 से 500 रूपये प्रति ट्रॉली, जबकि तुलाई के समय प्रत्येक बारदाने पर 500 ग्राम से 1 किलोग्राम तक अधिक लिया जा रहा है, जबकि बारदान का उतना वजन नहीं होता है.

मैसेज आने के आठ दिनों बाद भी तुलाई नहीं हो रही है, महासंघ ने मांग की है कि समय की बाध्यता इस विसंगति को तत्काल दूर करते हुए सभी पात्र किसानों की उपज तुलाई की जाए, सभी किसानों के पास अपने साधन नहीं होते हैं. तुलाई के बाद सम्बंधित बैंकों में भुगतान समय पर नहीं आ रहा है और किसानों को बैंक के चक्कर लगाने पड़ते हैं.

भुगतान व्यवस्था में सुधार के साथ जितनी राशि है, वो एकमुश्त किसानों को दिया जाए, तुलाई केन्द्रों पर पीने के पानी की समुचित व्यवस्था की जाए, किसान पेट भरने के लिऐ अन्न देता है. उसे पानी तो पिलाया जा सकता है. उक्त सभी बिंदुओं पर तत्काल कार्रवाई करते हुऐ भ्रष्टाचारी व्यवस्था में सुधार करने की मांग संघ ने की है.

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