देवास। जिले में नापतौल विभाग की गतिविधियां शायद ही कभी धरातल पर दिखी हो. दुकानों की नापतौल से लेकर बांट-इलेक्ट्रॉनिक कांटे की प्रमाणिकता का सत्यापन महज कागजी रह गए हैं. यहां शायद ही कभी किसी अधिकारी ने कार्रवाई करने की जहमत उठाई हो.
नियम-कायदों की आड़ में नैतिकता को ताक पर रखकर जिला मुख्यालय का नापतौल विभाग कन्नौद क्षेत्र के अंतर्गत करनावद, चापड़ा, हाटपिपलिया, नेवरी, बागली, उदयनगर, पुंजापुरा, कांटाफोड़, पानीगांव, कन्नौद, सतवास, नेमावर, हरणगांव में विभाग की लापरवाही के चलते निरीक्षक और बाबू अपनी मनमर्जी चला रहे हैं.
कन्नौद नापतोल विभाग ऑफिस की जिम्मेदारी नापतौल निरीक्षक संगीता भंवर और बाबू महेश मालवीय को कन्नौद में नियुक्त कर जिम्मेदारी दी गई थी, लेकिन इन्होंने पिछले कई सालों से नापतौल विभाग ऑफिस में ताला लटका दिया है. पूरे ऑफिस में गंदगी का अंबार लगा हुआ है.
जानकारी के मुताबिक कन्नौद नापतौल विभाग के अंतर्गत करीब 20 लाख रुपए के राजस्व की आय होती है, जिसके लिए शासन ने ऐसे लापरवाह निरीक्षक और बाबू की नियुक्ति की थी. फिलहाल तत्कालिक निरीक्षक संगीता भंवर और बाबू महेश मालवीय के साथ-साथ जिम्मेदार संबंधित अधिकारी पर कन्नौद की भौतिक जांच कर इनके खिलाफ बड़ी विभागीय कार्रवाई की मांग की जा रही है.
नवागत निरीक्षक एस ए खान से चर्चा की तो बताया कि आज कन्नौद में पहला दिन है. 23 नवंबर 2020 को SDM नरेंद्र सिंह धुर्वे के निर्देशन में कन्नौद शिवम रेस्टोरेंट और DNF एग्रीकल्चर एंड रिसर्च सेंटर प्राइवेट लिमिटेड ग्राम कोठड़ा में तहसीलदार नागेश्वर पनिका और खाद्य अधिकारी वैशाली सिंह की संयुक्त कार्रवाई के दौरान दोनों फर्मों के खिलाफ विधिक माप विज्ञान नापतौल विभाग ने कार्रवाई की थी. कन्नौद नापतौल विभाग कार्यालय की दुर्दशा के बारे में तत्कालिक निरीक्षक रेखा भंवर ही जानकारी दे पाएंगी.