देवास। खातेगांव विधानसभा क्षेत्र में नगर के एकमात्र सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पर लंबे समय से एंटी रेबीज इंजेक्शन का अभाव बना हुआ है, लेकिन अभी तक इस कमी को पूरा नहीं किया गया है. गरीब तबके के लोग इस इंजेक्शन को बाजार से खरीदने में असमर्थ हैं. जिसकी वजह से उन्हें काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. जानवरों के काटने के बाद इस इंजेक्शन का उपयोग होता है. इन दिनों अधिकांश केस सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में कुत्ते द्वारा काटने के आ रहे हैं. कुत्ते के काटने पर व्यक्ति को 7 इंजेक्शन लगाने पड़ते हैं.
पूर्व पार्षद दादाजी सेवा भक्त मंडल के प्रदेश मीडिया प्रभारी प्रदीप साहू ने कलेक्टर डॉक्टर श्रीकांत पांडे और जिला स्वास्थ्य अधिकारी से खातेगांव सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में एंटी रेबीज इंजेक्शन शीघ्र उपलब्ध कराने की मांग की है.
रेबिज क्या होता है ?
लोग मानते हैं कि, कुत्ते के काटने से रेबिज की बीमारी होती है, लेकिन यह कुत्ते, बंदर और बिल्ली समेत कई अन्य जानवरों के काटने से भी होती है. जानवारों के काटने के बाद एंटी रेबिज इंजेक्शन का इस्तेमाल किया जाता है, जो नियम अनुसार 72 घंटे के अंदर, दूसरा इंजेक्शन तीन दिन बाद, तीसरा इंजेक्शन सात दिन बाद, चौथा इंजेक्शन 14 दिन बाद और पांचवां इंजेक्शन 28 दिन बाद लगाया जाता है.