देवास। अंतर्राष्ट्रीय बाघ दिवस दुनिया भर में हर साल 29 जुलाई को मनाया जाता है. बाघों की घटती आबादी से प्रकृति पर पड़ने वाले दुष्प्रभावों को आम-जन तक पहुंचाने के लिए अंतर्राष्ट्रीय बाघ दिवस की स्थापना साल 2010 में रूस के सेंट पीटर्सबर्ग टाइगर समिट में की गई थी. इस क्रम में देवास वनमण्डल के तहत वन्यप्राणी अभ्यारण्य द्वारा दिनांक 25 से 29 जुलाई तक खिवनी अभ्यारण्य की सीमा के आस-पास ग्रामों में बाघ जागरूकता अभियान चलाया जा रहा है.
बाघों के लिए देवास में होगी मैराथन और साइकिल रैली: 29 जुलाई को अंतर्राष्ट्रीय बाघ दिवस के उपलक्ष्य पर देवास में 10 किलोमीटर की दौड़ और साइकिल रैली का आयोजन किया गया है. जिसमें आरएफसी जुम्बा अकादमी भोपाल द्वारा प्रतिभागियों का मनोबल बढ़ाने के लिए जुम्बा किया जायेगा. देवास के डीएफओ प्रदीप मिश्रा ने बताया कि "जिले में अंतर्राष्ट्रीय बाघ दिवस पर विभिन्न कार्यक्रम रखे गए हैं, जिसमें 10 किलोमीटर की दौड़ और साइकिल रैली का आयोजन किया गया. इसमें SP, कलेक्टर, आम नागरिक और स्कूली बच्चे भाग लेंगे. जिले के वन्य क्षेत्र खिवनी में 6 बाघों का मूवमेंट लगातार जारी रहता है जो पर्यावरण व जन जीवन के लिए अच्छी खबर है और आने वाली रिपोर्ट में बाघों की संख्या और बढ़ने की पूरी उम्मीद है."
गांवों में बाघ जागरूकता अभियान: अंतर्राष्ट्रीय बाघ दिवस की स्थापना वर्ष 2010 में रूस के सेंट पीटर्सबर्ग टाइगर समिट में की गई. इस क्रम में देवास वनमण्डल अंतर्गत वन्यप्राणी अभ्यारण्य द्वारा दिनांक 25 से 29 जुलाई तक खिवनी अभ्यारण्य की सीमा के आस-पास गांवों में बाघ जागरूकता अभियान चलाया जा रहा है. जिसमें बाघों के महत्व के बारे में स्कूली बच्चों को शिक्षा दी जा रही है.
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एमपी में बाघों का घर ये है...
बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व: भारत के टॉप टाइगर रिजर्व में से एक, बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व में हर दिन सैकड़ों टूरिस्ट आते हैं. यह रॉयल बंगाल टाइगर्स के घर हैं, जो 820 वर्ग किलोमीटर के क्षेत्र में फैला है. इतना ही नहीं ऐतिहासिक बांधवगढ़ किला भी राष्ट्रीय उद्यान के अंदर स्थित है. अपनी विविध जैव विविधता और प्राकृतिक सुंदरता के लिए मशहूर यह रिजर्व इस टाइगर डे घूमने के लिए एक बढ़िया विकल्प साबित होगा.
कान्हा राष्ट्रीय उद्यान: इसे कान्हा टाइगर रिजर्व के नाम से भी जाना जाता है. एशिया के सबसे अच्छे राष्ट्रीय उद्यानों में से एक है और भारत के प्रसिद्ध बंगाल बाघों का घर है. इसके अलावा आप यहां भारतीय हाथी, स्लॉथ बियर और असंख्य पक्षियों के साथ-साथ, हिरण आदि को भी देख सकते हैं. खास बात यह है कि यह पार्क दुनिया में मौजूद 6,000 बाघों में से 450 से अधिका का घर है.
सतपुड़ा राष्ट्रीय उद्यान: अगर आप मध्य प्रदेश की जैव विविधता की झलक देखना चाहते हैं, तो सतपुड़ा राष्ट्रीय उद्यान जा सकते हैं. 1981 में अपनी स्थापना के बाद से मध्य प्रदेश के शानदार वन्यजीव पार्क ने देश-विदेश दोनों जगह से पर्यटकों को ध्यान आकर्षित किया है. यह विदेशी पौधों और जानवरों की विविधता का घर है.