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मिल गया गन्ने का सब्स्टीट्यूट, मध्य प्रदेश में अब शुगर बीट से बनेगी शक्कर - GWALIOR AGRICULTURAL UNIVERSITY

ग्वालियर के कृषि विश्वविद्यालय में शुगर बीट से शक्कर बनाने के लिए रिसर्च जारी. डेनमार्क से शुगर बीट की 2 वैराइटी लाई गईं.

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शुगर बीट से बनेगी शक्कर (Getty Image)
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By ETV Bharat Madhya Pradesh Team

Published : Feb 23, 2025, 10:16 AM IST

Updated : Feb 23, 2025, 1:43 PM IST

ग्वालियर (पीयूष श्रीवास्तव): भारत में चीनी गन्ने से तैयार होती है, लेकिन हम कहें कि सलाद में उपयोग होने वाले चुकंदर से भी चीनी बन सकती है तो क्या आप यकीन करेंगे. शायद नहीं. लेकिन ये संभव बनाने में लगा हुआ है ग्वालियर का शासकीय कृषि विश्वविद्यालय. जहां शुगर बीट यानी चुकंदर से शक्कर तैयार करने पर रिसर्च की जा रही है. आज यूरोपीय देशों में ज्यादातर चीनी शुगर बीट से तैयार की जाती है और अब मध्यप्रदेश भी इस ओर अग्रसर है. एक नजर ईटीवी भारत की इस खास रिपोर्ट पर.

डेनमार्क की कंपनी ने उपलब्ध कराए शुगर बीट के बीज

ग्वालियर के कृषि विश्वविद्यालय में इन दिनों शुगर बीट की फसल पर रिसर्च की जा रही है. इस फसल के लिए डेनमार्क की एक कंपनी द्वारा भारत सरकार की पहल पर शुगर बीट के बीज उपलब्ध कराए गए हैं, जिसमें शुगर बीट की 2 वैरायटी हैं. इनके साथ ही भारत के श्रीनगर की भी एक वैराइटी मानक पर खरी उतरी है.

कृषि विश्वविद्यालय में चल रही शुगर बीट पर रिसर्च (ETV Bharat)

कृषि विश्वविद्यालय में चल रही शुगर बीट पर रिसर्च

इस रिसर्च में शामिल कृषि वैज्ञानिक और कृषि महाविद्यालय ग्वालियर के उद्यानिकी प्रोफेसर डॉ. आरके जयसवाल ने ईटीवी भारत से बातचीत में बताया कि "आम तौर पर भारत में बीट रूट (चुकंदर) का उपयोग महज सलाद या जूस के लिए किया जाता है. इसका कोई दूसरा कमर्शियल या व्यापारिक उपयोग नहीं हो पा रहा है. ऐसे में है भारत सरकार की मदद से मध्य प्रदेश शासन ने ग्वालियर के राजमाता विजय राजे सिंधिया कृषि विश्वविद्यालय को यह प्रोजेक्ट दिया है. जिसके तहत शुगर बीट के जरिए शक्कर तैयार करने को लेकर रिसर्च की जा रही है."

Sugar beet harvesting
डेनमार्क से शुगर बीट की 2 वैराइटी लाई गईं (ETV Bharat)

डेनमार्क से मंगाई गई शुगर बीट की 2 वैराइटी

वर्तमान में शुगर बीट की 3 वैरायटियों पर विस्तार से काम किया जा रहा है. जिसके लिए 2 वैरायटी जिनमें पहली किस्म का नाम हैडेला है और दूसरी गस्टिया जो डेनमार्क से मंगाई गई है. ये विदेशी चुकंदर भारत के परम्परागत लाल या भूरे रंग के चुकंदर की अपेक्षा इसका रंग सफेद होता है, जो देखने में मूली की तरह दिखता है. वहीं तीसरी हाइब्रिड वैराइटी भारत के श्रीनगर से लाई गई है. इन तीनों ही किस्मों में सुक्रोज (एक तरह की चीनी) की मात्र पारम्पतिक चुकंदर के मुकाबले ज्यादा होती है, जहां भारत में मिलने वाले चुकंदर में सुक्रोज (शुगर) की मात्र 12 प्रतिशत है. वहीं डेनमार्क के सफेद चुकंदर में सुक्रोज 15 से 16 फीसदी तक पाया जाता है.

Sugar beet harvesting
शुगर बीट की खेती देखते विशेषज्ञ (ETV Bharat)

गन्ने के मुकाबले डेढ़ गुना ज्यादा चीनी का प्रोडक्शन

कृषि वैज्ञानिक डॉ. जसवाल ने बताया कि "भारत में चीनी बनाने के लिए पारम्परिक रूप से गन्ने की खेती होती है, लेकिन गन्ने में सुक्रोज (शुगर) की मात्र सिर्फ 8 से 9 प्रतिशत ही होती है. यानी शुगरबीट में गन्ने के मुकाबले डेढ़ गुना से ज्यादा सुक्रोज पाया जाता है. जिसका मतलब है की यदि 100 क्विंटल गन्ने से 9 क्विंटल शक्कर मिलती है, तो इसकी तुलना में सुगर बीट से 15 से 16 क्विंटल शक्कर प्राप्त की जा सकती है."

Gwalior Agricultural university
राजमाता विजयाराजे सिंधिया कृषि विश्विद्यालय (ETV Bharat)

पांच महीनों में मिल सकती है उपज

चूंकि शुगर बीट की फसल सर्दियों में ही लगाई जा सकती है, इसलिए इसकी बोवनी 15 से 25 नवंबर तक का समय सबसे उपयुक्त है. जिसमें 400 से 500 क्विंटल तक उपज प्राप्त की जा सकती है. ये फसल पांच महीने में तैयार हो जाती है और 15 मार्च तक आप इसे हार्वेस्ट कर सकते हैं.

SUGAR BEET HARVESTING
मध्य प्रदेश में अब शुगर बीट से बनेगी शक्कर (ETV Bharat)

गन्ने का विकल्प बन सकता है शुगर बीट

ग्वालियर एग्रीकल्चर यूनिवर्सिटी के रिसर्च डायरेक्टर संजय शर्मा ने बताया कि "पारंपरिक रूप से गन्ने से शुगर बनाने के लिए गन्ना उगाया जाता है और उसमें पानी की अधिक मात्रा लगती है. ऐसे में जब धीरे धीरे पानी की मात्र हमारे यहां कम होती जा रही है. इसलिए गन्ने के विकल्प के तौर पर शुगर बीट को देखा जा रहा है. वर्तमान में शुगर बीट से शक्कर बनाने के लिए 3 वायरिटी हैं, जिनमें डेनमार्क की किस्मों के मुकाबले भारत की एंडीजिनस वैरिटी का परफॉरमेंस भी देखा जा रहा है. जिससे पता लगाया जा सके कि इकोनॉमिकली भी इससे शुगर बनाई जा सकती है या नहीं."

40 फीसदी पूर्ति शुगर बीट से करते हैं यूरोपीय देश

शोध विभाग के डायरेक्टर संजय शर्मा का कहना है कि "यूरोपीय देशों में आज 40 प्रतिशत चीनी शुगर बीट के माध्यम से ही बनाई जा रही है. इसको लेकर मध्य प्रदेश में कृषि विश्वविद्यालय के अंतर्गत एक प्रयोग प्रदेश के 3 महाविद्यालयों में चल रहा है, जो ग्वालियर के साथ साथ इंदौर और मंदसौर उद्यानिकी महाविद्यालय में भी इसकी फसल लगाई गई है. अगर ये प्रयोग सफल रहा तो आगे चलकर भारत के लिए इकोनॉमिकल क्रॉप बन सकेगी और इससे शक्कर तैयार की जा सकेगी.

पूरी तरह केमिकल फ्री होगी सुगरबीट की शक्कर

शुगर बीट यानि विदेशी सफेद चुकंदर की इस वेराइटी पर लगभग 2 वर्षों तक शोध किया जाएगा. अगर परिणाम सकारात्मक रहे तो आने वाले समय में गन्ने की बजाय किसानों को एक बेहतर और अधिक उपज की फसल मिलेगी. जिसका फायदा स्थानीय तौर पर भी होगा. क्योंकि तब शक्कर के लिए गन्ने पर निर्भरता नहीं होगी. चुकंदर आधारित शुगर मिल स्थापित होगी और बड़ी बात कि शुगर बीट से मिलने वाली चीनी पूरी तरह ऑर्गेनिक होगी. इसमें किसी तरह के केमिकल का उपयोग नहीं होगा. आने वाला समय किसानों के लिए एक नई दिशा लेकर आ रहा है और राजमाता विजयाराजे सिंधिया कृषि विश्विद्यालय इसमें एक बड़ी भूमिका निभा रहा है.

ग्वालियर (पीयूष श्रीवास्तव): भारत में चीनी गन्ने से तैयार होती है, लेकिन हम कहें कि सलाद में उपयोग होने वाले चुकंदर से भी चीनी बन सकती है तो क्या आप यकीन करेंगे. शायद नहीं. लेकिन ये संभव बनाने में लगा हुआ है ग्वालियर का शासकीय कृषि विश्वविद्यालय. जहां शुगर बीट यानी चुकंदर से शक्कर तैयार करने पर रिसर्च की जा रही है. आज यूरोपीय देशों में ज्यादातर चीनी शुगर बीट से तैयार की जाती है और अब मध्यप्रदेश भी इस ओर अग्रसर है. एक नजर ईटीवी भारत की इस खास रिपोर्ट पर.

डेनमार्क की कंपनी ने उपलब्ध कराए शुगर बीट के बीज

ग्वालियर के कृषि विश्वविद्यालय में इन दिनों शुगर बीट की फसल पर रिसर्च की जा रही है. इस फसल के लिए डेनमार्क की एक कंपनी द्वारा भारत सरकार की पहल पर शुगर बीट के बीज उपलब्ध कराए गए हैं, जिसमें शुगर बीट की 2 वैरायटी हैं. इनके साथ ही भारत के श्रीनगर की भी एक वैराइटी मानक पर खरी उतरी है.

कृषि विश्वविद्यालय में चल रही शुगर बीट पर रिसर्च (ETV Bharat)

कृषि विश्वविद्यालय में चल रही शुगर बीट पर रिसर्च

इस रिसर्च में शामिल कृषि वैज्ञानिक और कृषि महाविद्यालय ग्वालियर के उद्यानिकी प्रोफेसर डॉ. आरके जयसवाल ने ईटीवी भारत से बातचीत में बताया कि "आम तौर पर भारत में बीट रूट (चुकंदर) का उपयोग महज सलाद या जूस के लिए किया जाता है. इसका कोई दूसरा कमर्शियल या व्यापारिक उपयोग नहीं हो पा रहा है. ऐसे में है भारत सरकार की मदद से मध्य प्रदेश शासन ने ग्वालियर के राजमाता विजय राजे सिंधिया कृषि विश्वविद्यालय को यह प्रोजेक्ट दिया है. जिसके तहत शुगर बीट के जरिए शक्कर तैयार करने को लेकर रिसर्च की जा रही है."

Sugar beet harvesting
डेनमार्क से शुगर बीट की 2 वैराइटी लाई गईं (ETV Bharat)

डेनमार्क से मंगाई गई शुगर बीट की 2 वैराइटी

वर्तमान में शुगर बीट की 3 वैरायटियों पर विस्तार से काम किया जा रहा है. जिसके लिए 2 वैरायटी जिनमें पहली किस्म का नाम हैडेला है और दूसरी गस्टिया जो डेनमार्क से मंगाई गई है. ये विदेशी चुकंदर भारत के परम्परागत लाल या भूरे रंग के चुकंदर की अपेक्षा इसका रंग सफेद होता है, जो देखने में मूली की तरह दिखता है. वहीं तीसरी हाइब्रिड वैराइटी भारत के श्रीनगर से लाई गई है. इन तीनों ही किस्मों में सुक्रोज (एक तरह की चीनी) की मात्र पारम्पतिक चुकंदर के मुकाबले ज्यादा होती है, जहां भारत में मिलने वाले चुकंदर में सुक्रोज (शुगर) की मात्र 12 प्रतिशत है. वहीं डेनमार्क के सफेद चुकंदर में सुक्रोज 15 से 16 फीसदी तक पाया जाता है.

Sugar beet harvesting
शुगर बीट की खेती देखते विशेषज्ञ (ETV Bharat)

गन्ने के मुकाबले डेढ़ गुना ज्यादा चीनी का प्रोडक्शन

कृषि वैज्ञानिक डॉ. जसवाल ने बताया कि "भारत में चीनी बनाने के लिए पारम्परिक रूप से गन्ने की खेती होती है, लेकिन गन्ने में सुक्रोज (शुगर) की मात्र सिर्फ 8 से 9 प्रतिशत ही होती है. यानी शुगरबीट में गन्ने के मुकाबले डेढ़ गुना से ज्यादा सुक्रोज पाया जाता है. जिसका मतलब है की यदि 100 क्विंटल गन्ने से 9 क्विंटल शक्कर मिलती है, तो इसकी तुलना में सुगर बीट से 15 से 16 क्विंटल शक्कर प्राप्त की जा सकती है."

Gwalior Agricultural university
राजमाता विजयाराजे सिंधिया कृषि विश्विद्यालय (ETV Bharat)

पांच महीनों में मिल सकती है उपज

चूंकि शुगर बीट की फसल सर्दियों में ही लगाई जा सकती है, इसलिए इसकी बोवनी 15 से 25 नवंबर तक का समय सबसे उपयुक्त है. जिसमें 400 से 500 क्विंटल तक उपज प्राप्त की जा सकती है. ये फसल पांच महीने में तैयार हो जाती है और 15 मार्च तक आप इसे हार्वेस्ट कर सकते हैं.

SUGAR BEET HARVESTING
मध्य प्रदेश में अब शुगर बीट से बनेगी शक्कर (ETV Bharat)

गन्ने का विकल्प बन सकता है शुगर बीट

ग्वालियर एग्रीकल्चर यूनिवर्सिटी के रिसर्च डायरेक्टर संजय शर्मा ने बताया कि "पारंपरिक रूप से गन्ने से शुगर बनाने के लिए गन्ना उगाया जाता है और उसमें पानी की अधिक मात्रा लगती है. ऐसे में जब धीरे धीरे पानी की मात्र हमारे यहां कम होती जा रही है. इसलिए गन्ने के विकल्प के तौर पर शुगर बीट को देखा जा रहा है. वर्तमान में शुगर बीट से शक्कर बनाने के लिए 3 वायरिटी हैं, जिनमें डेनमार्क की किस्मों के मुकाबले भारत की एंडीजिनस वैरिटी का परफॉरमेंस भी देखा जा रहा है. जिससे पता लगाया जा सके कि इकोनॉमिकली भी इससे शुगर बनाई जा सकती है या नहीं."

40 फीसदी पूर्ति शुगर बीट से करते हैं यूरोपीय देश

शोध विभाग के डायरेक्टर संजय शर्मा का कहना है कि "यूरोपीय देशों में आज 40 प्रतिशत चीनी शुगर बीट के माध्यम से ही बनाई जा रही है. इसको लेकर मध्य प्रदेश में कृषि विश्वविद्यालय के अंतर्गत एक प्रयोग प्रदेश के 3 महाविद्यालयों में चल रहा है, जो ग्वालियर के साथ साथ इंदौर और मंदसौर उद्यानिकी महाविद्यालय में भी इसकी फसल लगाई गई है. अगर ये प्रयोग सफल रहा तो आगे चलकर भारत के लिए इकोनॉमिकल क्रॉप बन सकेगी और इससे शक्कर तैयार की जा सकेगी.

पूरी तरह केमिकल फ्री होगी सुगरबीट की शक्कर

शुगर बीट यानि विदेशी सफेद चुकंदर की इस वेराइटी पर लगभग 2 वर्षों तक शोध किया जाएगा. अगर परिणाम सकारात्मक रहे तो आने वाले समय में गन्ने की बजाय किसानों को एक बेहतर और अधिक उपज की फसल मिलेगी. जिसका फायदा स्थानीय तौर पर भी होगा. क्योंकि तब शक्कर के लिए गन्ने पर निर्भरता नहीं होगी. चुकंदर आधारित शुगर मिल स्थापित होगी और बड़ी बात कि शुगर बीट से मिलने वाली चीनी पूरी तरह ऑर्गेनिक होगी. इसमें किसी तरह के केमिकल का उपयोग नहीं होगा. आने वाला समय किसानों के लिए एक नई दिशा लेकर आ रहा है और राजमाता विजयाराजे सिंधिया कृषि विश्विद्यालय इसमें एक बड़ी भूमिका निभा रहा है.

Last Updated : Feb 23, 2025, 1:43 PM IST
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