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खातेगांव क्षेत्र के किसान ITC में बेच रहे अपनी उपज, नए कृषि कानून को बता रहे किसान हितैषी

देश भर में कृषि कानून का किसानों द्वारा विरोध किया जा रहा है, लेकिन देवास जिले के खातेगांव क्षेत्र के किसान नए कृषि कानून को किसान हितैषी कानून बता रहे है. खातेगांव क्षेत्र के किसान अपनी उपज ITC में बेच रहे है. उनका कहना है कि उन्हें मंडियों ज्यादा अच्छा दाम यहां मिल रहा है.

Dewas
किसान कृषि बिल
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Published : Dec 14, 2020, 1:23 AM IST

देवास। केंद्र के नए कृषि कानून को लेकर एक ओर जहां किसान आंदोलन हो रहे हैं, वहीं दूसरी ओर देवास जिले के खातेगांव क्षेत्र के किसान इस नए कानून को किसान हितैषी कानून बता रहे हैं. किसानों को मंडियों में होने वाली परेशानियों से भी छुटकारा मिल रहा है.

सतवास तहसील के ग्राम बधावा के किसान कमल पटेल का कहना है कि कृषि संशोधन बिल से किसानों को अच्छे भाव मिल रहे है. ITC का सेंटर भी खातेगांव क्षेत्र में खुल गया है, अब किसानों को बेहतर भाव मिल रहे है. यहां सेंटर पर किसानों के बैठने की भी व्यवस्था है, इलेक्ट्रॉनिक कांटा लगा हुआ है. यहां तुलाई और हम्माली भी नहीं लग रही और एक से दो घण्टे में भुगतान भी हो रहा है.

किसान का कहना है कि मंडियों और बिचौलियों से किसानों को मुक्ति मिली है. वह किसान होने के साथ ही ITC सेंटर के संचालक भी है. उनका कहना है कि बिल से फायदे है, यहां सोया में 200 से 300 रूपये क्विंटल तक ज्यादा मिल रहा है. मंडियों में भाव कम मिल रहा है पर यहां रेट अच्छा है.

कमल पटेल का यह भी कहना है कि किसानों को MSP विसंगति लग रही है, लेकिन ऐसा नहीं है. अब किसान अपनी उपज को कहीं भी बेच सकता है. वहीं खातेगांव क्षेत्र के अन्य किसान भी अब ITC पर आकर अपनी फसल बेच रहे है. उनका कहना है कि यहां मंडी से अच्छा दाम मिल रहा है. साथ ही उनको मंडियों में होने वाली परेशानी भी नहीं हो रही है.

देवास। केंद्र के नए कृषि कानून को लेकर एक ओर जहां किसान आंदोलन हो रहे हैं, वहीं दूसरी ओर देवास जिले के खातेगांव क्षेत्र के किसान इस नए कानून को किसान हितैषी कानून बता रहे हैं. किसानों को मंडियों में होने वाली परेशानियों से भी छुटकारा मिल रहा है.

सतवास तहसील के ग्राम बधावा के किसान कमल पटेल का कहना है कि कृषि संशोधन बिल से किसानों को अच्छे भाव मिल रहे है. ITC का सेंटर भी खातेगांव क्षेत्र में खुल गया है, अब किसानों को बेहतर भाव मिल रहे है. यहां सेंटर पर किसानों के बैठने की भी व्यवस्था है, इलेक्ट्रॉनिक कांटा लगा हुआ है. यहां तुलाई और हम्माली भी नहीं लग रही और एक से दो घण्टे में भुगतान भी हो रहा है.

किसान का कहना है कि मंडियों और बिचौलियों से किसानों को मुक्ति मिली है. वह किसान होने के साथ ही ITC सेंटर के संचालक भी है. उनका कहना है कि बिल से फायदे है, यहां सोया में 200 से 300 रूपये क्विंटल तक ज्यादा मिल रहा है. मंडियों में भाव कम मिल रहा है पर यहां रेट अच्छा है.

कमल पटेल का यह भी कहना है कि किसानों को MSP विसंगति लग रही है, लेकिन ऐसा नहीं है. अब किसान अपनी उपज को कहीं भी बेच सकता है. वहीं खातेगांव क्षेत्र के अन्य किसान भी अब ITC पर आकर अपनी फसल बेच रहे है. उनका कहना है कि यहां मंडी से अच्छा दाम मिल रहा है. साथ ही उनको मंडियों में होने वाली परेशानी भी नहीं हो रही है.

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