देवास। मध्य प्रदेश सरकार द्वारा समर्थन मूल्य पर खरीदी केंद्र संचालित किए जा रहे है, जिसमें प्रबंधक की मनमानी के चलते किसान बेहद परेशान है. लिहाजा नेशनल हाइवे पर किसानों ने चक्काजाम कर सरकार के विरोध में नारे लगाए.
प्रदेश सरकार किसानों के लिए कई योजनाएं संचालित कर आर्थिक लाभ पहुंचा रही है, लेकिन जिनके माध्यम से किसानों को लाभान्वित होना है, उनके व्यवहार और मनमानी के चलते सरकार की छवि खराब हो रही है. किसानों की योजनाओं में सरकारी तंत्र अपना स्वार्थ ढूंढ रहा है, जिससे किसानों में सरकार के खिलाफ काफी आक्रोश है. ऐसा ही एक मामला कन्नौद तहसील के बिजवाड़ गांव की सहकारी संस्था से सामने आया है, जहां किसानों की ट्रॉली में उड़ते कीड़े बताकर करीब 25 ट्रॉलियों को रिजेक्ट किया गया. किसानों ने प्रबंधक पर पैसे लेकर ट्रॉली तौलने का आरोप लगाया है. वहीं आक्रोशित किसानों ने बिजवाड़ में करीब एक घंटे तक इंदौर-बैतूल नेशनल हाइवे 59 ए पर ट्रैक्टर खड़ा कर चक्काजाम किया. हंगामा कर सरकार के विरोध में नारे लगाए. सूचना मिलने पर नायब तहसीलदार अविनाश सोनानिया और कांटाफोड़ टीआई सीएल कटारे ने किसानों को आश्वासन देकर चक्काजाम हटाया.
इस बार डेढ़ लाख मीट्रिक टन गेहूं खरीदने का लक्ष्य, प्रशासन की तैयारी पूरी
मामला यह था
आदिम जाति सेवा सहकारी संस्था में प्रबंधक द्वारा गेहूं नहीं तौलने को लेकर नाराज किसानों ने नेशनल हाईवे-59 ए पर गेहूं से भरे ट्रैक्टर-ट्रॉली को खड़ा कर चक्का जाम कर दिया. किसान मुकेश पटेल का कहना है कि बिजवाड सोसायटी प्रबंधक मनीष पंचोली के द्वारा गेहूं की ट्रॉली में कीड़े बताकर नहीं तौली जा रही है. दो-तीन दिन से गेहूं की ट्रैक्टर-ट्रॉली खड़ी थी, उन्हें रिजेक्ट कर दिया गया. हमारे गेहूं बिल्कुल साफ-सुथरे है, जबकि प्रबंधक मनीष पंचोली ने बताया कि किसानों की ट्रॉली सुबह देखी गई, तो उसमें कीड़े पाए गए. मेरे ऊपर लगे आरोप निराधार है. नायब तहसीलदार अविनाश सोनानिया ने किसानों से चर्चा कर चक्काजाम खुलवाया. गेहूं तुलवाने का आश्वासन भी दिया.