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सूखती फसल देख सूखने लगे किसान, प्रशासन से लगाई मदद की गुहार

देवास जिले के खातेगांव में किसानों की फसलें खराब होने के चलते गोंडवाना गणतंत्र पार्टी ने राज्यपाल के नाम एसडीएम को ज्ञापन सौंपते हुए किसानों को राहत राशि देने की मांग की है.

Farmers' crops deteriorated in dewas
किसानों की फसलें हुई खराब
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Published : Aug 20, 2020, 4:06 PM IST

देवास। खातेगांव-कन्नौद विधानसभा क्षेत्र में कई दिनों से बारिश नहीं होने के चलते फसलें खराब होने की कगार पर हैं, जिससे किसानों की चिंता बढ़ने लगी है. कहीं फसल पीली पड़ गई तो कहीं बांझपन के कारण फसलों में फली नहीं लग रही है. साथ ही इल्ली का भी प्रकोप होने के कारण सोयाबीन की फसल दम तोड़ रही है. जिसके चलते गोंडवाना गणतंत्र पार्टी ने खातेगांव एसडीएम संतोष तिवारी को ज्ञापन देकर समस्या से अवगत कराया है.

किसानों ने बताया कि कोरोना महामारी के चलते किसान पहले से ही परेशान हैं और इन दिनों सोयाबीन की फसल पूरी तरह से नष्ट होने के कारण क्षेत्र का किसान आर्थिक और मानसिक रूप से बहुत परेशान है. समय रहते किसानों की ओर प्रशासन ने ध्यान नहीं दिया तो आने वाले समय में इसके दुखद परिणाम देखने को मिल सकते हैं. इसे लेकर किसानों ने एसडीएम को ज्ञापन देकर अपनी समस्या से अवगत कराया है.

ज्ञापन में बताया कि खरीफ वर्ष 2018-19 में सोयाबीन की फसल नष्ट हो गई गई थी, जिसका मुआवजा 25 फीसदी मिला है, जबकि 75% राशि अभी तक किसानों को नहीं दी गई है. वह राशि शीघ्र दिलाई जाए. सोयाबीन की फसल नष्ट हुई, उसका बीमा भी समय रहते किसानों को दिया जाए. सोयाबीन से हुए नुकसान की उचित जांच कराकर किसानों को तुरंत राहत राशि दिए जाने के साथ ही मुआवजा और बीमा राशि दिलाई जाए, ताकि किसान आने वाली रबि की फसल की बुआई कर सकें और अपने परिवार का भरण पोषण ठीक से कर सकें.

देवास। खातेगांव-कन्नौद विधानसभा क्षेत्र में कई दिनों से बारिश नहीं होने के चलते फसलें खराब होने की कगार पर हैं, जिससे किसानों की चिंता बढ़ने लगी है. कहीं फसल पीली पड़ गई तो कहीं बांझपन के कारण फसलों में फली नहीं लग रही है. साथ ही इल्ली का भी प्रकोप होने के कारण सोयाबीन की फसल दम तोड़ रही है. जिसके चलते गोंडवाना गणतंत्र पार्टी ने खातेगांव एसडीएम संतोष तिवारी को ज्ञापन देकर समस्या से अवगत कराया है.

किसानों ने बताया कि कोरोना महामारी के चलते किसान पहले से ही परेशान हैं और इन दिनों सोयाबीन की फसल पूरी तरह से नष्ट होने के कारण क्षेत्र का किसान आर्थिक और मानसिक रूप से बहुत परेशान है. समय रहते किसानों की ओर प्रशासन ने ध्यान नहीं दिया तो आने वाले समय में इसके दुखद परिणाम देखने को मिल सकते हैं. इसे लेकर किसानों ने एसडीएम को ज्ञापन देकर अपनी समस्या से अवगत कराया है.

ज्ञापन में बताया कि खरीफ वर्ष 2018-19 में सोयाबीन की फसल नष्ट हो गई गई थी, जिसका मुआवजा 25 फीसदी मिला है, जबकि 75% राशि अभी तक किसानों को नहीं दी गई है. वह राशि शीघ्र दिलाई जाए. सोयाबीन की फसल नष्ट हुई, उसका बीमा भी समय रहते किसानों को दिया जाए. सोयाबीन से हुए नुकसान की उचित जांच कराकर किसानों को तुरंत राहत राशि दिए जाने के साथ ही मुआवजा और बीमा राशि दिलाई जाए, ताकि किसान आने वाली रबि की फसल की बुआई कर सकें और अपने परिवार का भरण पोषण ठीक से कर सकें.

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