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दो साल बाद भी पूरा नहीं बना बुजुर्ग महिला का पीएम आवास, SDM से की शिकायत

देवास के बागली में दो साल से पीएम आवास योजना के तहत काम पूरा ना होने से परेशान वृद्ध एसडीएम के पास शिकायत लेकर पहुंची, और छत ढलाई के साथ ही घर में खिड़की-दरवाजे लगवाने की मांग की.

Even after two years PM aavas is not completed in bagali dewas
दो साल से नहीं बना पीएम आवास
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Published : Jan 11, 2020, 11:16 AM IST

Updated : Jan 11, 2020, 12:25 PM IST

देवास। बागली तहसील अंतर्गत कैलाशनगर गांव में एक वृद्ध महिला घर नहीं बन पाने के कारण परेशान है. दो साल पहले प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत राशि स्वीकृत हुई थी, लेकिन सरपंच-सचिव ने सांठगांठ कर अभी तक काम पूरा नहीं कराया, जिससे परेशान बुजुर्ग एसडीएम के पास अपनी गुहार लेकर पहुंची और छत ढलाई के साथ ही घर में खिड़की-दरवाजे लगवाने की मांग की.

दो साल से नहीं बना पीएम आवास

2 साल बारिश और ठंड खुले मकान में गुजर गई
एसडीएम को ज्ञापन सौंपने पहुंची कलाबाई ने बताया कि पिछले दो साल से जब से उनका कच्चा मकान टूटा है, वे कड़ाके ठंड, भारी बारिश और गर्वमी इसी तरह खुले में बिता रही हैं. एसडीएम अजीत श्रीवास्तव को ज्ञापन देकर उन्होंने छत, खिड़की-दरवाजे लगाने की मांग की. हैरानी की बात ये है कि कागजों में मकान तैयार हो चुका है, लेकिन जमीनी हकीकत कुछ और ही है.

मामले में ग्राम सचिव पल्ला झाड़ते हुए सारा दोष तत्कालीन सचिव और सरपंच पर मढ़ते नजर आए. सचिव रामचरण विश्वकर्मा ने कहा कि वो हाल ही में स्थानांतरित होकर आए हैं. यह काम तत्कालीन सरपंच सुरेश मौर्य और सचिव मुन्नालाल मालवीय के समय हुआ है. निर्माण का सारा भुगतान भी उन्होंने निकाला है.

सरपंच और सचिव ने सांठगांठ करके कागजों पर तो मकान पूरा बना दिया और बुजुर्ग के लिए पास हुए 1 लाख 35 हजार रुपए भी निकाल लिए, लेकिन घर में न तो छत बनी, न ही अभी तक खिड़की-दरवाजे लग पाए. महिला को बस दीवारों का ढांचा सौंप दिया गया.

देवास। बागली तहसील अंतर्गत कैलाशनगर गांव में एक वृद्ध महिला घर नहीं बन पाने के कारण परेशान है. दो साल पहले प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत राशि स्वीकृत हुई थी, लेकिन सरपंच-सचिव ने सांठगांठ कर अभी तक काम पूरा नहीं कराया, जिससे परेशान बुजुर्ग एसडीएम के पास अपनी गुहार लेकर पहुंची और छत ढलाई के साथ ही घर में खिड़की-दरवाजे लगवाने की मांग की.

दो साल से नहीं बना पीएम आवास

2 साल बारिश और ठंड खुले मकान में गुजर गई
एसडीएम को ज्ञापन सौंपने पहुंची कलाबाई ने बताया कि पिछले दो साल से जब से उनका कच्चा मकान टूटा है, वे कड़ाके ठंड, भारी बारिश और गर्वमी इसी तरह खुले में बिता रही हैं. एसडीएम अजीत श्रीवास्तव को ज्ञापन देकर उन्होंने छत, खिड़की-दरवाजे लगाने की मांग की. हैरानी की बात ये है कि कागजों में मकान तैयार हो चुका है, लेकिन जमीनी हकीकत कुछ और ही है.

मामले में ग्राम सचिव पल्ला झाड़ते हुए सारा दोष तत्कालीन सचिव और सरपंच पर मढ़ते नजर आए. सचिव रामचरण विश्वकर्मा ने कहा कि वो हाल ही में स्थानांतरित होकर आए हैं. यह काम तत्कालीन सरपंच सुरेश मौर्य और सचिव मुन्नालाल मालवीय के समय हुआ है. निर्माण का सारा भुगतान भी उन्होंने निकाला है.

सरपंच और सचिव ने सांठगांठ करके कागजों पर तो मकान पूरा बना दिया और बुजुर्ग के लिए पास हुए 1 लाख 35 हजार रुपए भी निकाल लिए, लेकिन घर में न तो छत बनी, न ही अभी तक खिड़की-दरवाजे लग पाए. महिला को बस दीवारों का ढांचा सौंप दिया गया.

Intro:बुजुर्ग महिला ने कागजो में बनी छत व पलस्तर खोजने के लिये बागली एस डी एम को दिया ज्ञापन।
एंकर - बागली तहसील मुख्यालय से 5 किमी दूरी पर स्थित ग्राम कैलाशनगर गांव की बुजुर्ग महिला ने बागली एस डी एम के नाम का ज्ञापन देकर प्रधानमंत्री आवास में बने मकान की छत खिड़की दरवाजे की मांग की चुकी उक्त सरपंच सचिव ने साठ गांठ करके कागजो पर मकान पूर्ण बताकर सम्पूर्ण मकान निर्माण 1 लाख 35 हजार राशि निकाल ली जबकि मकान में छत भराई खिड़की दरवाजे प्लास्टर आदि कार्य बाकी है जिसकी शिकायत व्रद्ध कलाबाई द्वारा बागली एस डी एम को करके छत खिड़की दरवाजे प्लास्टर दिलाने की मांग की।
सवाल उस सुनियोजित भृष्टाचार का है जिसे रोकने हेतु ऑनलाइन फोटो स्टेटस व पूर्ण मकान निर्माण होने पर इंजीनियर व सरपंच सचिव का निरीक्षण व गुणवत्ता के बाद भुगतान की व्यवस्था है। इसके अतिरिक्त मकान निर्माण की सभी किस्तों का भुगतान हितग्राही के बैंक खाते की है। जबकि जनपद सी ई ओ के अनुसार रुपया हितग्राही के खाते में जमा हुआ है।

वि ओ,,, खेत मे काम करती कला बाई जिसके पति की मृत्यु पूर्व में हो गई है और दो लड़कियां है जिनका भी विवाह होने से वह अपने अपने ससुराल में है मजदूरी करके अपना जीवन यापन करने वाली कलाबाई ने वर्ष 2016-17 में प्रधानमंत्री आवास स्वीकृत होने पर अपनी पुरानी टापरी तोड़कर मकान निर्माण प्रारम्भ किया।

वि ओ ,,,मकान के - 75 वर्षीय बुजुर्ग महिला कलाबाई का अकेली बुजुर्ग महिला होने का फ़ुलयदा उठाकर सरपंच सचिव ने मकान निर्माण का ठेका लिया जो अब तक मात्र चार दिवारी ही बनी है जबकि आठ दिन पूर्व छत भरने के लिये 4 माह से लगी सेंटिंग ठेकेदार बिना छत भरे लेकर चल जबकि मार्च 2019 में शासन से मिलने वाली 1 लाख बीस हजार राशि मय मनरेगा 15 हजार के पूरी शासन से भुगतान पूर्ण हो गया है।

बाईट- रामचरण विश्वकर्मा वर्तमान सचिव का कहना है में हाल ही में स्थानांतरित होकर आया हूं यह कार्य सरपंच सुरेश मोर्य व तत्कालीन सचिव मुन्नालाल मालवीय द्वारा किया व समस्त भुगतान भी उनके द्वारा निकाला गया।

- कलाबाई आदिवासी अनपढ़ बुजुर्ग महिला होकर पति की पूर्व में ही मृत्यु हो चुकी है जबकि दो लड़कियों की वर्षो पूर्व विवाह के बाद से वह अपने अपने ससुराल में है उस बात का फायदा ग्राम के सरपंच व सचिव ने मिलकर महिला का एटीएम अपने पास रखकर शासन की ओर से मकान निर्माण करना प्रारम्भ किया जो विगत 2 वर्षों से अधूरा होकर मार चार दिवारी तैयार हुई है छत भरने हेतु बीते 4 माह से तराफे सेंटिंग लगी थी जो 8 दिन पूर्व ठेकेदार खोलकर ले गया। तब महिला ने अन्य ग्रामीणों की मदद से जानकारी निकली तो 1 लाख 35 हजार का सम्पूर्ण भुगतान भवन निर्माण का खर्च निकाल कर खर्च कर दिया गया है जबकि छत प्लास्टर खिड़की दरवाजे अभी लगे ही नही है।
महिला ने बताया की पिछले 2 वर्षों में बारिश ठंड खुले मकान में निकाली है।
कलाबाई ने बागली एस डी एम अजित श्रीवास्तव को ज्ञापन देकर ज्ञापन छत प्लास्टर खड़की दरवाजे की मांग जो कागजो में तैयार होकर उनका भुगतान भी हो गया उसे दिलवाने की मांग की है।

बाईट
1 कलाबाई पीड़ित महिला
2 रामशरण विश्वकर्मा
3 अमित व्यास सी ई ओ जनपद पंचायत बागलीBody:बुजुर्ग महिला ने कागजो में बनी छत व पलस्तर खोजने के लिये बागली एस डी एम को दिया ज्ञापन।
एंकर - बागली तहसील मुख्यालय से 5 किमी दूरी पर स्थित ग्राम कैलाशनगर गांव की बुजुर्ग महिला ने बागली एस डी एम के नाम का ज्ञापन देकर प्रधानमंत्री आवास में बने मकान की छत खिड़की दरवाजे की मांग की चुकी उक्त सरपंच सचिव ने साठ गांठ करके कागजो पर मकान पूर्ण बताकर सम्पूर्ण मकान निर्माण 1 लाख 35 हजार राशि निकाल ली जबकि मकान में छत भराई खिड़की दरवाजे प्लास्टर आदि कार्य बाकी है जिसकी शिकायत व्रद्ध कलाबाई द्वारा बागली एस डी एम को करके छत खिड़की दरवाजे प्लास्टर दिलाने की मांग की।
सवाल उस सुनियोजित भृष्टाचार का है जिसे रोकने हेतु ऑनलाइन फोटो स्टेटस व पूर्ण मकान निर्माण होने पर इंजीनियर व सरपंच सचिव का निरीक्षण व गुणवत्ता के बाद भुगतान की व्यवस्था है। इसके अतिरिक्त मकान निर्माण की सभी किस्तों का भुगतान हितग्राही के बैंक खाते की है। जबकि जनपद सी ई ओ के अनुसार रुपया हितग्राही के खाते में जमा हुआ है।

वि ओ,,, खेत मे काम करती कला बाई जिसके पति की मृत्यु पूर्व में हो गई है और दो लड़कियां है जिनका भी विवाह होने से वह अपने अपने ससुराल में है मजदूरी करके अपना जीवन यापन करने वाली कलाबाई ने वर्ष 2016-17 में प्रधानमंत्री आवास स्वीकृत होने पर अपनी पुरानी टापरी तोड़कर मकान निर्माण प्रारम्भ किया।

वि ओ ,,,मकान के - 75 वर्षीय बुजुर्ग महिला कलाबाई का अकेली बुजुर्ग महिला होने का फ़ुलयदा उठाकर सरपंच सचिव ने मकान निर्माण का ठेका लिया जो अब तक मात्र चार दिवारी ही बनी है जबकि आठ दिन पूर्व छत भरने के लिये 4 माह से लगी सेंटिंग ठेकेदार बिना छत भरे लेकर चल जबकि मार्च 2019 में शासन से मिलने वाली 1 लाख बीस हजार राशि मय मनरेगा 15 हजार के पूरी शासन से भुगतान पूर्ण हो गया है।

बाईट- रामचरण विश्वकर्मा वर्तमान सचिव का कहना है में हाल ही में स्थानांतरित होकर आया हूं यह कार्य सरपंच सुरेश मोर्य व तत्कालीन सचिव मुन्नालाल मालवीय द्वारा किया व समस्त भुगतान भी उनके द्वारा निकाला गया।

- कलाबाई आदिवासी अनपढ़ बुजुर्ग महिला होकर पति की पूर्व में ही मृत्यु हो चुकी है जबकि दो लड़कियों की वर्षो पूर्व विवाह के बाद से वह अपने अपने ससुराल में है उस बात का फायदा ग्राम के सरपंच व सचिव ने मिलकर महिला का एटीएम अपने पास रखकर शासन की ओर से मकान निर्माण करना प्रारम्भ किया जो विगत 2 वर्षों से अधूरा होकर मार चार दिवारी तैयार हुई है छत भरने हेतु बीते 4 माह से तराफे सेंटिंग लगी थी जो 8 दिन पूर्व ठेकेदार खोलकर ले गया। तब महिला ने अन्य ग्रामीणों की मदद से जानकारी निकली तो 1 लाख 35 हजार का सम्पूर्ण भुगतान भवन निर्माण का खर्च निकाल कर खर्च कर दिया गया है जबकि छत प्लास्टर खिड़की दरवाजे अभी लगे ही नही है।
महिला ने बताया की पिछले 2 वर्षों में बारिश ठंड खुले मकान में निकाली है।
कलाबाई ने बागली एस डी एम अजित श्रीवास्तव को ज्ञापन देकर ज्ञापन छत प्लास्टर खड़की दरवाजे की मांग जो कागजो में तैयार होकर उनका भुगतान भी हो गया उसे दिलवाने की मांग की है।

बाईट
1 कलाबाई पीड़ित महिला
2 रामशरण विश्वकर्मा
3 अमित व्यास सी ई ओ जनपद पंचायत बागलीConclusion:बुजुर्ग महिला ने कागजो में बनी छत व पलस्तर खोजने के लिये बागली एस डी एम को दिया ज्ञापन।
एंकर - बागली तहसील मुख्यालय से 5 किमी दूरी पर स्थित ग्राम कैलाशनगर गांव की बुजुर्ग महिला ने बागली एस डी एम के नाम का ज्ञापन देकर प्रधानमंत्री आवास में बने मकान की छत खिड़की दरवाजे की मांग की चुकी उक्त सरपंच सचिव ने साठ गांठ करके कागजो पर मकान पूर्ण बताकर सम्पूर्ण मकान निर्माण 1 लाख 35 हजार राशि निकाल ली जबकि मकान में छत भराई खिड़की दरवाजे प्लास्टर आदि कार्य बाकी है जिसकी शिकायत व्रद्ध कलाबाई द्वारा बागली एस डी एम को करके छत खिड़की दरवाजे प्लास्टर दिलाने की मांग की।
सवाल उस सुनियोजित भृष्टाचार का है जिसे रोकने हेतु ऑनलाइन फोटो स्टेटस व पूर्ण मकान निर्माण होने पर इंजीनियर व सरपंच सचिव का निरीक्षण व गुणवत्ता के बाद भुगतान की व्यवस्था है। इसके अतिरिक्त मकान निर्माण की सभी किस्तों का भुगतान हितग्राही के बैंक खाते की है। जबकि जनपद सी ई ओ के अनुसार रुपया हितग्राही के खाते में जमा हुआ है।

वि ओ,,, खेत मे काम करती कला बाई जिसके पति की मृत्यु पूर्व में हो गई है और दो लड़कियां है जिनका भी विवाह होने से वह अपने अपने ससुराल में है मजदूरी करके अपना जीवन यापन करने वाली कलाबाई ने वर्ष 2016-17 में प्रधानमंत्री आवास स्वीकृत होने पर अपनी पुरानी टापरी तोड़कर मकान निर्माण प्रारम्भ किया।

वि ओ ,,,मकान के - 75 वर्षीय बुजुर्ग महिला कलाबाई का अकेली बुजुर्ग महिला होने का फ़ुलयदा उठाकर सरपंच सचिव ने मकान निर्माण का ठेका लिया जो अब तक मात्र चार दिवारी ही बनी है जबकि आठ दिन पूर्व छत भरने के लिये 4 माह से लगी सेंटिंग ठेकेदार बिना छत भरे लेकर चल जबकि मार्च 2019 में शासन से मिलने वाली 1 लाख बीस हजार राशि मय मनरेगा 15 हजार के पूरी शासन से भुगतान पूर्ण हो गया है।

बाईट- रामचरण विश्वकर्मा वर्तमान सचिव का कहना है में हाल ही में स्थानांतरित होकर आया हूं यह कार्य सरपंच सुरेश मोर्य व तत्कालीन सचिव मुन्नालाल मालवीय द्वारा किया व समस्त भुगतान भी उनके द्वारा निकाला गया।

- कलाबाई आदिवासी अनपढ़ बुजुर्ग महिला होकर पति की पूर्व में ही मृत्यु हो चुकी है जबकि दो लड़कियों की वर्षो पूर्व विवाह के बाद से वह अपने अपने ससुराल में है उस बात का फायदा ग्राम के सरपंच व सचिव ने मिलकर महिला का एटीएम अपने पास रखकर शासन की ओर से मकान निर्माण करना प्रारम्भ किया जो विगत 2 वर्षों से अधूरा होकर मार चार दिवारी तैयार हुई है छत भरने हेतु बीते 4 माह से तराफे सेंटिंग लगी थी जो 8 दिन पूर्व ठेकेदार खोलकर ले गया। तब महिला ने अन्य ग्रामीणों की मदद से जानकारी निकली तो 1 लाख 35 हजार का सम्पूर्ण भुगतान भवन निर्माण का खर्च निकाल कर खर्च कर दिया गया है जबकि छत प्लास्टर खिड़की दरवाजे अभी लगे ही नही है।
महिला ने बताया की पिछले 2 वर्षों में बारिश ठंड खुले मकान में निकाली है।
कलाबाई ने बागली एस डी एम अजित श्रीवास्तव को ज्ञापन देकर ज्ञापन छत प्लास्टर खड़की दरवाजे की मांग जो कागजो में तैयार होकर उनका भुगतान भी हो गया उसे दिलवाने की मांग की है।

बाईट
1 कलाबाई पीड़ित महिला
2 रामशरण विश्वकर्मा
3 अमित व्यास सी ई ओ जनपद पंचायत बागली
Last Updated : Jan 11, 2020, 12:25 PM IST
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