देवास। बागली तहसील अंतर्गत कैलाशनगर गांव में एक वृद्ध महिला घर नहीं बन पाने के कारण परेशान है. दो साल पहले प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत राशि स्वीकृत हुई थी, लेकिन सरपंच-सचिव ने सांठगांठ कर अभी तक काम पूरा नहीं कराया, जिससे परेशान बुजुर्ग एसडीएम के पास अपनी गुहार लेकर पहुंची और छत ढलाई के साथ ही घर में खिड़की-दरवाजे लगवाने की मांग की.
2 साल बारिश और ठंड खुले मकान में गुजर गई
एसडीएम को ज्ञापन सौंपने पहुंची कलाबाई ने बताया कि पिछले दो साल से जब से उनका कच्चा मकान टूटा है, वे कड़ाके ठंड, भारी बारिश और गर्वमी इसी तरह खुले में बिता रही हैं. एसडीएम अजीत श्रीवास्तव को ज्ञापन देकर उन्होंने छत, खिड़की-दरवाजे लगाने की मांग की. हैरानी की बात ये है कि कागजों में मकान तैयार हो चुका है, लेकिन जमीनी हकीकत कुछ और ही है.
मामले में ग्राम सचिव पल्ला झाड़ते हुए सारा दोष तत्कालीन सचिव और सरपंच पर मढ़ते नजर आए. सचिव रामचरण विश्वकर्मा ने कहा कि वो हाल ही में स्थानांतरित होकर आए हैं. यह काम तत्कालीन सरपंच सुरेश मौर्य और सचिव मुन्नालाल मालवीय के समय हुआ है. निर्माण का सारा भुगतान भी उन्होंने निकाला है.
सरपंच और सचिव ने सांठगांठ करके कागजों पर तो मकान पूरा बना दिया और बुजुर्ग के लिए पास हुए 1 लाख 35 हजार रुपए भी निकाल लिए, लेकिन घर में न तो छत बनी, न ही अभी तक खिड़की-दरवाजे लग पाए. महिला को बस दीवारों का ढांचा सौंप दिया गया.