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देवास: मानसून की देरी ने बढ़ाई किसानों की चिंता, स्प्रिंकलर के जरिए कर रहे हैं खेतों में सिंचाई - चिंता में किसान

देवास के खतेगांव विधानसभा क्षेत्र में मानसून की देरी के चलते किसानों को स्प्रिंकलर सिंचाई के जरिए खेतों की सिचांई करनी पड़ रही है.

सोयाबीन के कुपोषित पौधे निकालते किसान
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Published : Jul 26, 2019, 10:54 AM IST

देवास। मानसून के सीजन में भी सूखे की स्थिति ने मध्यप्रदेश के किसानों के माथे पर चिंता की लकीरें खींच दी है. सोयाबीन की फसलों की सिंचाई के लिए किसान अकसर मानसून की बारिश के भरोसे होते हैं , पर इस बार कम बारिश की वजह से किसानों को फसल बचाने के लिए स्प्रिंकलर सिंचाई का सहारा लेना पड़ रहा है.

मानसून की देरी ने बढ़ाई किसानों की चिंता
दरअसल, पिछले 20-22 दिन से कन्नौद तहसील के कुसमानिया , डाबरी , नांदोन , भिलाई आदि गांव में बारिश नहीं हुई है जिसकी वजह से सोयाबीन की फसल सूख रही है. कम बारिश होने से सोयाबीन के पौधे कुपोषित हो रहे है और साथ ही इल्लियों का प्रकोप बढ़ रहा है. किसानों कि माने तो बारिश न होने की वजह से अब तक 60 प्रतिशत से ज्यादा फसलों को नुकसान पहुंच चुका है. जिन किसानों के पास सिंचाई के लिए स्त्रोत और साधन हैं, वे सिंचाई कर लेते हैं लेकिन क्षेत्र में कई ऐसे किसान भी हैं जिनके पास सिचांई के साधन नहीं है और वे पूरी तरह से बारिश के भरोसे हैं.

देवास। मानसून के सीजन में भी सूखे की स्थिति ने मध्यप्रदेश के किसानों के माथे पर चिंता की लकीरें खींच दी है. सोयाबीन की फसलों की सिंचाई के लिए किसान अकसर मानसून की बारिश के भरोसे होते हैं , पर इस बार कम बारिश की वजह से किसानों को फसल बचाने के लिए स्प्रिंकलर सिंचाई का सहारा लेना पड़ रहा है.

मानसून की देरी ने बढ़ाई किसानों की चिंता
दरअसल, पिछले 20-22 दिन से कन्नौद तहसील के कुसमानिया , डाबरी , नांदोन , भिलाई आदि गांव में बारिश नहीं हुई है जिसकी वजह से सोयाबीन की फसल सूख रही है. कम बारिश होने से सोयाबीन के पौधे कुपोषित हो रहे है और साथ ही इल्लियों का प्रकोप बढ़ रहा है. किसानों कि माने तो बारिश न होने की वजह से अब तक 60 प्रतिशत से ज्यादा फसलों को नुकसान पहुंच चुका है. जिन किसानों के पास सिंचाई के लिए स्त्रोत और साधन हैं, वे सिंचाई कर लेते हैं लेकिन क्षेत्र में कई ऐसे किसान भी हैं जिनके पास सिचांई के साधन नहीं है और वे पूरी तरह से बारिश के भरोसे हैं.
Intro:सावन के महीने किसानों को करनी पड़ रही फसल की सिंचाई

खातेगांव। खातेगांव विधानसभा क्षेत्र में कही बारिश तो कही सूखे की स्थिति देखने मे आ रही है।मौसम की बेरुखी ने क्षेत्र के किसानों के माथे पर चिंता की लकीरें खींच दी है। कुसमानिया क्षेत्र से लगे गांवो में पिछले 20-22 दिनों से बारिश नही हुई। जिसके कारण किसान बहुत चिंतित है।

Body:पिछले 2 दिनों से कन्नौद-खातेगांव क्षेत्र में बारिश होने पर किसान उम्मीद भरी नजर से मौसम देखता है लेकिन आसपास के गांवो में बारिश होती है और कन्नौद तहसील के कुसमानिया, मोहाई, डाबरी, नांदोन, भिलाई, कौलारी, बड़ाखेत आदि गांवों में कई किसान आज भी स्प्रिंकलर से सोयाबीन की फसल में सिंचाई करने को मजबूर है। जिन किसानों के पास सिंचाई के लिए स्त्रोत एवं साधन है वे तो जैसे तैसे सिंचाई करने लगे लेकिन क्षेत्र में कई किसानों के पास आज भी असिंचित जमीन है।


Conclusion:ग्राम नांदोन के किसान कैलाश यादव ने अपनी सूखती सोयाबीन की फसल बचाने के लिए स्प्रिंकलर चालू कर दिए है लेकिन कुऍ में पर्याप्त पानी नही होने से कुछ देर ही ये स्प्रिंकलर चल पाते है। किसानों ने बताया कि पिछले 20-22 दिनों से बारिश नही हुई है, अब तक बारिश का इंतजार किया लेकिन अब भी बारिश नही हुई तो स्प्रिंकलर से सिंचाई शुरू कर दी। जितनी फसल बचेगी उतनी ही ठीक है। किसान यादव का कहना है कि बारिश की लंबी खेंच ने किसानों का काफी नुकसान किया। वर्तमान में किसानों की फसल में 60 प्रतिशत से अधिक नुकसान किया है। बारिश की कमी से सोयाबीन का पौधा कुपोषित हो गया है। इसमें इल्लियों का प्रकोप भी बढ़ा है। अब बारिश भी जो जाए तो किसान का निश्चित ही आधा नुकसान हो गया है। ग्रामीणों द्वारा अच्छी बारिष की कामना के लिए विभिन्न टोने-टोटके किये फिर भी बारिश नही हुई।

बाईट- कैलाश यादव किसान ग्राम नांदोन
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