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क्वारंटाइन सेंटर के समीप रहने वाले युवक की मौत, संपर्क में आए लोगों के संक्रमित होने का बढ़ा खतरा

खातेगांव के नेमावर प्राथमिक स्वास्थ केंद्र के समीप बने क्वारंटाइन सेंटर के सामने बनी झोपड़ी में तकरीबन डेढ़ माह से रह रहे व्यक्ति की तबीयत खराब चल रही थी, जिसकी रविवार को मौत हो गई.

Death of a youth living near Quarantine Center in dewas
क्वारेंटाइन सेंटर के पास रहने वाले युवक की मौत
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Published : May 18, 2020, 3:22 PM IST

देवास। जिले के खातेगांव के नेमावर प्राथमिक स्वास्थ केंद्र के समीप बने क्वारंटाइन सेंटर के सामने बनी झोपड़ी में तकरीबन डेढ़ माह से रह रहे व्यक्ति की तबीयत खराब चल रही थी, जिसकी रविवार को मौत हो गई. जानकारी के अनुसार संतोष मालवीय ग्राम दुलवा का रहने वाला था, जो औरंगाबाद से यहां आया था और करीब डेढ़ माह से झोपड़ी में रह रहा था.

मृतक के छोटे भाई संजय मालवीय ने बताया कि, संतोष बीमार चल रहा था और इलाज के लिए उससे पैसे मांगे थे, उन्होंने समय पर संतोष को पैसे दे दिए थे. उन्होंने बताया कि, भाई को उपचार के लिए शासकीय अस्पताल खातेगांव लेकर पहुंचा था. वहां से उसे इंदौर के लिए रेफर कर दिया गया, इंदौर ले जाते समय रास्ते में ही संतोष ने दम तोड़ दिया. जिसका खातेगांव अस्पताल में पोस्टमार्टम के बाद शव परिजनों को सौंप दिया गया.

नेमावर के क्वारंटाइन सेंटर पर ड्यूटी दे रहे शिक्षक भरत ताम्रकार, राजेन्द्र वर्मा और सूर्यनारायण चौरे के अनुसार एहतियात के तौर पर मृतक जिस झोपड़ी में रहता था, वहां रहने वाली महिला नर्मदा बाई, पुत्र सुरेश ने मृतक संतोष को पहले खातेगांव अस्पताल लेकर गए थे, जहां उसे और जितेंन्द्र जो मृतक के सम्पर्क में थे उन्हें क्वारंटाइन किया गया है.

इस संबंध में शासकीय प्राथमिक स्वाथ्य केंद्र नेमावर में पदस्थ कंपाउंडर मंगेश कुमार मिरजकर और एएनएम रिजवाना सुल्तानी ने बताया कि, मृतक 9 मई को अस्पताल में जांच कराने आया था, तब वह सामान्य था. उसके बाद उसने कहा इलाज कराया इसकी जानकारी नहीं है.

देवास। जिले के खातेगांव के नेमावर प्राथमिक स्वास्थ केंद्र के समीप बने क्वारंटाइन सेंटर के सामने बनी झोपड़ी में तकरीबन डेढ़ माह से रह रहे व्यक्ति की तबीयत खराब चल रही थी, जिसकी रविवार को मौत हो गई. जानकारी के अनुसार संतोष मालवीय ग्राम दुलवा का रहने वाला था, जो औरंगाबाद से यहां आया था और करीब डेढ़ माह से झोपड़ी में रह रहा था.

मृतक के छोटे भाई संजय मालवीय ने बताया कि, संतोष बीमार चल रहा था और इलाज के लिए उससे पैसे मांगे थे, उन्होंने समय पर संतोष को पैसे दे दिए थे. उन्होंने बताया कि, भाई को उपचार के लिए शासकीय अस्पताल खातेगांव लेकर पहुंचा था. वहां से उसे इंदौर के लिए रेफर कर दिया गया, इंदौर ले जाते समय रास्ते में ही संतोष ने दम तोड़ दिया. जिसका खातेगांव अस्पताल में पोस्टमार्टम के बाद शव परिजनों को सौंप दिया गया.

नेमावर के क्वारंटाइन सेंटर पर ड्यूटी दे रहे शिक्षक भरत ताम्रकार, राजेन्द्र वर्मा और सूर्यनारायण चौरे के अनुसार एहतियात के तौर पर मृतक जिस झोपड़ी में रहता था, वहां रहने वाली महिला नर्मदा बाई, पुत्र सुरेश ने मृतक संतोष को पहले खातेगांव अस्पताल लेकर गए थे, जहां उसे और जितेंन्द्र जो मृतक के सम्पर्क में थे उन्हें क्वारंटाइन किया गया है.

इस संबंध में शासकीय प्राथमिक स्वाथ्य केंद्र नेमावर में पदस्थ कंपाउंडर मंगेश कुमार मिरजकर और एएनएम रिजवाना सुल्तानी ने बताया कि, मृतक 9 मई को अस्पताल में जांच कराने आया था, तब वह सामान्य था. उसके बाद उसने कहा इलाज कराया इसकी जानकारी नहीं है.

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