देवास। मंगलवार को मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान देवास और हरदा जिले के बाढ़ग्रस्त गांवों का दौरा करने पहुंचे. इस दौरान उन्होंने बाढ़ पीड़ितों से मुलाकात भी की. साथ ही खातेगांव विधानसभा से विधायक रहे कैलाश कुंडल ने क्षेत्र की समस्याओं को लेकर सीएम शिवराज को ज्ञापन दिया. कन्नौद जनपद पंचायत अध्यक्ष ओम पटेल ने आरोप लगाया है कि कांग्रेस के प्रतिनिधि मंडल को सीएम शिवराज सिंह चौहान ने समय नहीं दिया है. साथ ही उन्हें एक घर में कांग्रेस कार्यकर्ताओं समेत बंधक बनाकर रखा गया. साथ ही उन्होंने कहा कि किन लोगों ने सीएम को ज्ञापन सौंपा उन्हें इस बात की कोई जानकारी नहीं है.
पूर्व विधायक कैलाश कुण्डल ने बताया कि सीएम से मिलने के लिए इजाजत मांगी गई थी. जिसमें सिर्फ 5 लोगों के प्रतिनिधिमंडल को इजाजत मिली थी. अगर कोई इसके बाद आए तो क्या कर सकते हैं. कांग्रेस की तरफ से सीएम शिवराज सिंह चौहान को ज्ञापन सौंपा गया है और उन्हें क्षेत्र की समस्याओं के बारे में बताया गया. कांग्रेस के स्थानीय नेताओं की गुटबाजी ने खूब सुर्खियां बटोरीं.
ज्ञापन में इन मांगों को शामिल किया गया
- सोयाबीन की फसल जो अल्पवर्षा, इल्लियों के प्रकोप व बाढ़ के कारण पूर्णतः समाप्त हो चुकी है. अतः किसानों को मध्यप्रदेश शासन की और से 40,000 रूपए प्रति हेक्टेयर के अनुसार मुआवजा राशि दिया जाए ताकि अगली फसल की तैयारी कर सके.
- वर्ष 2017-18 में जो खरीफ की फसल की बीमा राशि स्वीकृत की गई थी उसमे संपूर्ण जिले में सबसे कम राशि खातेगांव-कन्नौद विधानसभा के कृषकों को स्वीकृत की गई, जबकि संपूर्ण विधानसभा क्षेत्र में करीब 65000 कृषक हैं. जिसमें से मात्र 962 किसानों को बीमा राशि दी गई. लिहाजा इसका परिक्षण कराकर शेष कृषकों को भी नियमानुसार बीमा राशि दिलाई जाए.
- बिजली बिलों में पिछले कुछ महीनों से 30 से 40 फीसदी बढ़ोतरी कर दी गई है. जिसके कारण किसानों व आमजनों में भारी असंतोष है. इसलिए इसके समाधान हेतु डीसी सेंटर पर कैंप लगाकर निश्चित समायवधि में इसका निराकरण किया जाए. निराकरण होने तक कनेक्शन काटने पर रोक लगाई जाए.
- अधिकारियों को निर्देशित किया जाए कि नकली खाद-बीज का वितरण ना हो. जरूरत के हिसाब से किसान को खाद-बीज उपलब्ध हो सकें.
- अधिक बरसात और बाढ़ के कारण जो ग्रामीण सड़कें खराब हो चुकीं हैं, उन्हें निश्चित समय सीमा के अंदर दुरूस्त करने हेतु संबंधित विभाग को निर्देश जारी किए जाएं.
- नर्मदा और सहायक नदियों में बाढ़ आ जाने से इनके किनारे बसे कई ग्रामों के मकान क्षतिग्रत हो गए हैं. मकानों में रखा लाखों रूपये का अनाज व घरेलू सामान नष्ट हो चुका है. जिला प्रशासन को निर्देश दिए जाएं कि एक हफ्ते में इनका सर्वे कर प्रशासन के मापदंड के के अनुसार राहत राशि प्रदान की जाए.