देवास। कई सालों से अपने हक की लड़ाई लड़ रहे मध्यप्रदेश के अतिथि शिक्षकों ने अब नए तरीके से सरकार को जगाने का प्रयास किया है. शासकीय विद्यालयों में छात्रों का भविष्य संवारने वाले अतिथि शिक्षकों के समर्थन में अब कई सांसद, मंत्री, विधायकों ने नियमित करने के लिए मुख्यमंत्री को पत्र लिखा है.
जल्द नियमितीकरण करने की मांग
खातेगांव विधायक आशीष शर्मा के गृह निवास पर पहुंचे अतिथि शिक्षकों ने लेटर पैड पर एक पत्र लिखवाकर मुख्यमंत्री को भेजा. जिसमें जल्द से जल्द नियमितीकरण के साथ ही कोरोना काल के दौरान मई और जून का वेतन भी देने की मांग की है.
प्रदेश के शासकीय विद्यालयों में 12 सालों से बच्चों का भविष्य संवार रहे अतिथि शिक्षकों का ही भविष्य अंधकारमय है. अपनी नियमितीकरण की मांग को लेकर कई बार स्कूल से लेकर राजधानी तक आंदोलन, धरना, प्रदर्शन, तिरंगा यात्रा और जल सत्याग्रह भी कर चुके हैं, लेकिन सरकार ने इन्हें आश्वासन ही दिया है, आज तक किसी भी सरकार ने इनके पक्ष में कोई फैसला नहीं लिया है.
भाजपा विधायक आशीष शर्मा ने बताया कि बहुत अच्छे से अध्यापन की व्यवस्था अतिथि शिक्षकों के माध्यम से प्रदेश के विद्यालयों में चल रही है. लगातार 10 सालों तक एक क्षेत्र में काम करने पर नियमितीकरण की मांग उठना स्वाभाविक है, इसके चलते उनकी इस मांग के समर्थन में एक पत्र मुख्यमंत्री को लिखा है. मुख्यमंत्री ने भी हमे आश्वासन दिया है कि कोरोना का संकट खत्म होते ही अतिथि शिक्षकों के बारे में भी उचित निर्णय लिया जाएगा.
बता दें कि हर साल अतिथि शिक्षकों को जुलाई अगस्त माह में स्कूलों में रख लिया जाता है और मार्च अप्रैल में हटा दिया जाता है. जिससे प्रदेश के अतिथि शिक्षकों का भविष्य अंधकार मय है. अब अतिथि शिक्षकों ने यह मांग की है जो अतिथि शिक्षक जिस विद्यालय में कार्यरत हैं. उससे उसी विद्यालय में सेवा ली जाए और जल्द से जल्द विभागीय परीक्षा लेकर नियमित किया जाए.