देवास। इंदौर वन विभाग की स्पेशल टास्क फोर्स ने तस्करों से दुर्लभ प्रजाति के 28 पैराकीट तोते जब्त किए हैं. आरोपी इन तोतों को पांच लाख रुपए में बेचने के लिए ले जा रहे थे. इससे पहले ही टीम ने तस्करों को धर दबोचा. आरोपियों ने तोतों को देवास जिले के खिवनी अभयारण्य से पकड़ा था. टीम ने आरोपियों को पकड़कर आष्टा वन विभाग को सौंप दिया. जहां से इन्हें जेल भेज दिया गया.
स्पेशल टास्क फोर्स (एसटीएफ) भोपाल मुख्यालय को पैराकीट तोतों की तस्करी को लेकर सूचना मिली थी. इंदौर टीम को कार्रवाई की जिम्मेदारी सौंपी गई. एसटीएफ रेंजर सहित दो वनकर्मी और आष्टा वन विभाग ने जानकारी जुटाई और ग्राहक बनकर तस्करों से सौदा करने पहुंच गए. शुक्रवार को टीम आष्टा पहुंची और तस्कर वाजिद उद्दीन से संपर्क किया. 50 हजार रुपए में दो तोतों का खरीदना तय हुआ. साबिर और नाजिर तीन पिंजरे अपने साथ लाए, जिसमें 28 तोते कैद थे. इस दौरान टीम ने तीनों तस्कर को गिरफ्तार कर लिया.
तस्करों ने पूछताछ में बताया कि, तोतों को खिवनी अभयारण्य से जाल डालकर पकड़ा था. इन दुर्लभ प्रजाति के तोतों को बेचने के लिए प्रदेश के अलग-अलग शहरों में लोगों से संपर्क किया, बाद में इन तोतों का सौदा भोपाल के दो खरीददारों से पांच लाख रुपए में तय हुआ. इनकी डिलीवरी भोपाल में करनी थी. उससे पहले ही एसटीएफ ने इन्हें रंगे हाथों गिरफ्तार कर लिया. आष्टा वन विभाग ने आरोपियों को कोर्ट में पेश कर जेल भेज दिया है.
दुर्लभ प्रजाति के होते हैं पैराकीट तोते
वन्यप्राणी अधिनियम- 1972 के तहत पैराकीट तोतों की प्रजाति को दुर्लभ माना गया है, जिसकी वजह से इन्हें शेड्यूल- 4 प्राणियों की सूची में रखा गया है. इन्हें घरों में पालने के लिए नहीं रखा जा सकता. सामान्य तोतों से ये इसलिए अलग हैं, क्योंकि लाल रंग की चोंच होने के अलावा सिर पर भी अलग-अलग रंग होता है, गर्दन पर काले रंग का घेरा बना रहता है.